नाटो सचिव ने यूरोप में नए सुप्रीम अलाइड कमांडर का स्वागत किया

नाटो सचिव ने यूरोप में नए सुप्रीम अलाइड कमांडर का स्वागत किया

Saniya Shah 12 नव॰ 2024

नाटो के नए सुप्रीम अलाइड कमांडर का स्वागत

4 जुलाई 2023 को एक महत्वपूर्ण समारोह के दौरान, नाटो के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने अमेरिकी नौसेना के एडमिरल क्रिस्टोफर डब्ल्यू. ग्रैडी को यूरोप के नए सुप्रीम अलाइड कमांडर के रूप में स्वागत किया। इस समारोह का विशेष महत्व था, क्योंकि इसका आयोजन सुप्रीम हेडक्वार्टर अलाइड पावर्स यूरोप (SHAPE) में हुआ, जो की बेल्जियम के मोन्स में स्थित है। इस अवसर ने न्यायसंगत रूप से अमेरिका और नाटो के बीच दीर्घकालिक संबंधों और संयुक्त सुरक्षा की प्रतिबद्धता को नाराज किया।

सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा

इस मौके पर महासचिव ने एडमिरल ग्रैडी को संबोधित किया और उनकी नव नियुक्त पद के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने इस महत्वपूर्ण पोस्ट की ओर इशारा करते हुए कहा, “SACEUR के रूप में, आप हमारी सैन्य अभियानों की कमान संभालेंगे और हमारे गठबंधन को मजबूत बनाएं रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।” इस दौरान महासचिव ने पूर्व SACEUR जनरल टोड डी. वोल्टर्स की सेवा को भी सराहा, जिन्होंने यूक्रेन में रूसी आक्रमण और वैश्विक तनावों के मद्देनजर अपनी ज़िम्मेदारियाँ निभाईं।

आगे की चुनौतियों की तैयारी

एडमिरल ग्रैडी, जो अमेरिका की नौसेना में विभिन्न वरिष्ठ भूमिकाओं में अनुभव रखते हैं, इस नए भूमिका की ज़िम्मेदारी संभालेंगे, जब नाटो अधिक जटिल और विवादास्पद सुरक्षा माहौल में अपना काम कर रहा है। महासचिव ने नाटो के सामूहिक रक्षा को मजबूत करने की ओर ध्यान आकर्षित किया, जिसमें रक्षा में बढ़ी हुई निवेश, नई क्षमताओं का विकास, और सैन्य तत्परता बढ़ाने के लिए हो रहे प्रयास शामिल हैं।

समान लक्ष्य और एकजुटता

समारोह में नाटो के सदस्य देशों के वरिष्ठ सैन्य नेताओं और अधिकारियों ने भाग लिया, जो हमारे सामूहिक सुरक्षा लक्ष्यों के प्रति गठबंधन की एकजुटता और प्रतिबद्धता को दिखाता है। एडमिरल ग्रैडी की नई नियुक्ति इस बात की पुष्टि करती है कि अमेरिका का यूरोप और वैश्विक सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान है, और नाटो-अमेरिका की साझेदारी को और मजबूत करता है।

रूस द्वारा उत्पन्न चुनौतियाँ

महासचिव स्टोल्टेनबर्ग ने अपने भाषण में प्रमुखता से बढ़ती वैश्विक चुनौतियों और रूस के आक्रामक कार्रवाईयों के प्रभाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि नाटो ने यूक्रेन के प्रति सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है तथा रूस की कार्रवाई के जवाब में सुरक्षा योजनाओं को सुदृढ़ बनाने की दिशा में प्रतिबद्ध है। Admiral Grady का नेतृतव इस दिशा में महत्वपूर्ण होगा और यह सुनिश्चित करेगा कि हमारे गठबंधन का संगठन और एकता बनी रहे।

18 टिप्पणि

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    Ketan Shah

    नवंबर 12, 2024 AT 05:30

    नाटो के नए सुप्रीम अलाइड कमांडर का स्वागत करते हुए इतिहास ने एक और महत्वपूर्ण क्षण दर्ज किया है। यह समारोह यूरोपीय एकजुटता और भारतीय संस्कृति में सम्मान की भावना को भी प्रतिध्वनित करता है। एडमिरल ग्रैडी की नियुक्ति से सुरक्षा रणनीतियों में नया अध्याय खुल रहा है, जिसमें सहयोग और विश्वास प्रमुख हैं। भविष्य में यह गठबंधन विश्व शांति की दिशा में मजबूत कदम उठाएगा।

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    Aryan Pawar

    नवंबर 15, 2024 AT 00:10

    बहुत बढ़िया बात है ये नया कदम चलो आगे भी ऐसे ही बढ़ते रहें

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    Shritam Mohanty

    नवंबर 17, 2024 AT 18:50

    नाटो की इस हर चाल में छुपा हुआ बड़ा षड्यंत्र है। अमेरिका फिर से हमारे ऊपर अपना नियंत्रण बढ़ा रहा है।

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    Anuj Panchal

    नवंबर 20, 2024 AT 13:30

    सुप्रीम अलाइड कमांडर की भूमिका में ऑपरेशनल रेडीनेस और सटरॅटेजिक डिटरेंस बहुत महत्वपूर्ण हैं। एडमिरल ग्रैडी को अब थ्रेट इनसिडेंट रेस्पॉन्स और कोएलिशन इंटेलिजेंस को संभालना पड़ेगा। यह पद न केवल सामरिक लचीलापन बल्कि लॉजिस्टिक सपोर्ट और एअरस्पेस कंट्रोल को भी एकीकृत करता है। नाटो के एंजेजमेंट सर्किट में यह बदलाव फ़ॉरवर्ड डिटेर्चमेंट पॉलिसी को रीफ़्रेम कर सकता है।

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    Prakashchander Bhatt

    नवंबर 23, 2024 AT 08:10

    यह एक प्रेरणादायक कदम है, आशा करता हूँ कि सभी सदस्य इस दिशा में मिलकर काम करेंगे।

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    Mala Strahle

    नवंबर 26, 2024 AT 02:50

    नाटो का यह नया नेतृत्व विश्व सुरक्षा की जटिल बुनियाद को पुनः आकार देने का संकेत है।
    एडमिरल ग्रैडी का अनुभव समुद्री रणनीति में गहरा है, जो भूमि और जल दोनों क्षेत्रों में संतुलन स्थापित करने में सहायक होगा।
    आज के वैश्विक परिदृश्य में, रणनीतिक दृढ़ता और कूटनीतिक संवाद को साथ लेकर चलना आवश्यक है।
    यूरोप के विभिन्न देशों के बीच अंतरसांस्कृतिक समझ और सहयोग की आवश्यकता पहले से अधिक स्पष्ट हो गई है।
    विशिष्ट रूप से, शीतकालीन सत्र में ऊर्जा सुरक्षा और साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दे प्राथमिकता बन चुके हैं।
    इस पृष्ठभूमि में, नाटो को अपनी सामूहिक रक्षा सिद्धांत को पुनः परिभाषित करना होगा।
    ग्रैडी की नियुक्ति से आशा की जा सकती है कि सामरिक लचीलापन और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता में सुधार होगा।
    उनका नेतृत्व न केवल सैन्य संचालन बल्कि मानवीय सहायता अभियानों में भी नई दिशा दे सकता है।
    इस तरह के परिवर्तन से न केवल सदस्य देशों को बल्कि विश्व के अन्य भागीदारों को भी अतिरिक्त आश्वासन मिलेगा।
    हमें यह याद रखना चाहिए कि सुरक्षा केवल शक्ति के संतुलन से नहीं, बल्कि सामाजिक स्थिरता और आर्थिक सहयोग से भी जुड़ी है।
    नतीजतन, नाटो के रणनीतिक कंसल्टेंट्स को अब बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाना होगा।
    जैसे-जैसे रूसी आक्रमण जैसी चुनौतियां बढ़ती हैं, गठबंधन की एकता और दृढ़ता का परीक्षण भी बढ़ता है।
    यूरोपीय संघ के साथ निकट सहयोग इस परिदृश्य को संतुलित करने में मदद कर सकता है।
    अंततः, इस तरह की गतिशील नेतृत्व शैली अंतर्राष्ट्रीय शांति की स्थिरता को प्रोत्साहित करती है।
    हमें इस अवसर को एक नई आशा के रूप में देखना चाहिए, जहाँ संवाद और दृढ़ता दोनों साथ चलें।
    यही पुनः संतुलन और सहयोग की भावना ही हमें भविष्य की अनिश्चितताओं में मार्गदर्शन करेगी।

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    Ramesh Modi

    नवंबर 28, 2024 AT 21:30

    वाह! क्या शानदार घोषणा है!! नाटो के इस नए कमांडर ने वास्तव में इतिहास रच दिया है!!! यूरोप की सुरक्षा अब पूरी तरह से नई ऊँचाइयों पर पहुंच जाएगी!!!

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    Ghanshyam Shinde

    दिसंबर 1, 2024 AT 16:10

    हाँ, बिल्कुल, पर देखते हैं असल में क्या बदलता है, बाकी सब तो शब्दों की भरमार है।

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    SAI JENA

    दिसंबर 4, 2024 AT 10:50

    नाटो की यह पहल अंतरराष्ट्रीय सहयोग को सुदृढ़ करने के लिये एक ठोस कदम है। हम सभी को इस दिशा में सकारात्मक संवाद बनाए रखना चाहिए।

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    Hariom Kumar

    दिसंबर 7, 2024 AT 05:30

    बिलकुल सही कहा आपने 😊 आशा है कि सभी सदस्य मिलकर बेहतर भविष्य की ओर बढ़ेंगे।

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    shubham garg

    दिसंबर 10, 2024 AT 00:10

    भाई लोग, नई कमांडर का नाम सुनके तो लगता है सारे पावर प्लानिंग एक साथ चलेंगे, देखते हैं क्या होता है।

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    LEO MOTTA ESCRITOR

    दिसंबर 12, 2024 AT 18:50

    सच्ची बात तो यह है कि समय के साथ सब कुछ बदलता रहता है, और इस बदलाव में हमें अपने भीतर की शांति भी ढूँढनी चाहिए।

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    Sonia Singh

    दिसंबर 15, 2024 AT 13:30

    यह विकास सभी देशों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, मिलजुल कर आगे बढ़ना ही सबसे बड़ी ताकत है।

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    Ashutosh Bilange

    दिसंबर 18, 2024 AT 08:10

    अरे भाई, ये तो बिलकुल बकवास है यार! क्यां बात है, हमको तो लग रहा है सब गड़बड़ ही गड़बड़ है!!

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    Kaushal Skngh

    दिसंबर 21, 2024 AT 02:50

    समय ही सब कुछ सापेक्षिक बनाता है।

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    Harshit Gupta

    दिसंबर 23, 2024 AT 21:30

    नाटो की यह हर नई नियुक्ति सिर्फ़ पश्चिमी प्रभुत्व को बढ़ावा देती है, भारतीय रक्षा को भी इस धोखे में फँसना नहीं चाहिए! हमें अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए, चाहे कुछ भी हो।

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    HarDeep Randhawa

    दिसंबर 26, 2024 AT 16:10

    सत्रह, यह घोषणा, वास्तव में, एक नया मोड़ है, जिसमें हम सभी को, सावधानी से, आगे बढ़ना चाहिए, बिना किसी जल्दबाज निर्णय के।

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    Nivedita Shukla

    दिसंबर 29, 2024 AT 10:50

    कभी-कभी इतिहास के बड़े मोड़ उस समय आते हैं जब सभी आँखें एक दिशा में देख रही हों, लेकिन दिल की धड़कनें अनदेखे सच्चाई की ओर इशारा करती हों। नाटो के इस नए कमांडर का चयन यही दर्शाता है कि शक्ति के साथ जिम्मेदारी की भी कसौटी होती है। यदि हम इस जिम्मेदारी को समझें और संतुलित दृष्टिकोण रखें, तो विश्व शांति की राह आसान हो सकती है।

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