AIIMS Delhi में MBBS: सिर्फ़ 7,000 रुपए से भी कम में बनें डॉक्टर
अगर आपने कभी यह सोचा है कि डॉक्टरी की पढ़ाई सिर्फ अमीरों के लिए है, तो AIIMS Delhi की फीस देखकर आप चौंक सकते हैं। AIIMS Delhi MBBS कोर्स में पढ़ाई का पूरा खर्च वार्षिक ट्यूशन फीस और अन्य इन्शुलेटिव खर्च मिलाकर 7,000 रुपए से कम है। यहां भारत के सबसे होनहार और मेहनती छात्रों को देश की सबसे अच्छी मेडिकल ट्रेनिंग दी जाती है, वो भी मामूली रकम में।
AIIMS Delhi हर साल MBBS कोर्स के लिए 125 भारतीय छात्रों को और 7 विदेशी छात्रों को दाखिला देता है। सीट पाने के लिए NEET UG की परीक्षा पास करनी जरूरी है। जेनरल वर्ग के लिए एप्लिकेशन फीस 1,700 रुपए, ओबीसी के लिए 1,600 रुपए और एससी/एसटी/पीडब्ल्यूडी के लिए 1,000 रुपए है। विदेशी छात्र यहां पढ़ना चाहें तो उन्हें करीब 75,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 60 लाख रुपए) देने होंगे, जो तीन साल की किस्तों में जमा होते हैं।
- Non-refundable Admission Charges: 125 रुपए (सिर्फ एक बार)
- वार्षिक ट्यूशन फीस: 6,075 रुपए
- हॉस्टल फीस: सालाना 5,955 रुपए
- प्रवेश के वक्त एप्लिकेशन फीस: 25 रुपए
अगर आप हॉस्टल में रहते हैं तो शुरुआती 10 दिन 35 रुपए प्रति दिन के हिसाब से एक्सट्रा देने होते हैं। बाद में खाने-पीने और रहने के सभी खर्च इस सालाना फीस में शामिल हैं। अलग से कोई लाखों रुपये नहीं खर्चने पड़ते। लगभग पूरे देश में कहीं भी ऐसी सुविधा नहीं मिलती—पब्लिक सेक्टर के मेडिकल कॉलेजों में भी फीस कई गुना ज्यादा होती है।
कैसे मिलेगा एडमिशन, पात्रता और जरूरी तारीखें
एमबीबीएस में दाखिले के लिए कैंडिडेट को बारहवीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी/बायोटेक्नॉलॉजी और इंग्लिश लेकर 50% मार्क्स लाने जरूरी हैं (आरक्षित वर्ग के लिए 40%)। सीट अलॉटमेंट NEET UG के रिजल्ट आने के बाद सेंट्रलाइज़्ड काउंसलिंग से होता है। इस बार NEET UG 2025 के एप्लिकेशन फॉर्म 17 मई से 13 जून 2025 के बीच भरे जाएंगे। मतलब, ये मौका हाथ से मत जाने दीजिए अगर आपने मेडिकल में करियर का सपना देखा है।
हर साल AIIMS Delhi मेडिकल की पढ़ाई को आम लोगों की पहुंच में लाने के लिए खुद को उदाहरण के तौर पर पेश करता है। MBBS के लिए फीस और हॉस्टल खर्च इतना कम है कि गांव-कसबों के छात्र भी बड़े शहर में बड़े सपनों के साथ पढ़ाई कर सकते हैं। यही वजह है कि देश भर से लाखों छात्र AIIMS की एक सीट के लिए जबर्दस्त कॉम्पिटिशन में जुट जाते हैं।
मेडिकल लाइन में AIIMS Delhi का नाम ही भरोसे का प्रतीक बन गया है। यहां से पढ़े छात्र देश-विदेश में पहचान बनाते हैं और सबसे कम खर्च में मेडिकल की तगड़ी पढ़ाई हासिल करते हैं। अगर आप भी AIIMS Delhi में MBBS करने का सपना देख रहे हैं, तो वक्त और तैयारी—दोनों पर ध्यान दें।
Dr Nimit Shah
जून 10, 2025 AT 21:25AIIMS दिल्ली का नाम सुनते ही दिल में गर्व की लहर दौड़ जाती है, क्योंकि यह भारत का राष्ट्रीय शिक्षा मानक है। हम सभी को इस अवसर का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि यहाँ की फीस इतने कम में मिलना असाधारण है। इस तरह की शिक्षा केवल अभिजात वर्ग के लिए नहीं, बल्कि मेहनती भारतीय छात्रों के लिए भी उपलब्ध है। सच्ची प्रगति तभी होगी जब हम अपने देश के इस बेहतरीन संस्थान को सपोर्ट करें।
Ketan Shah
जून 14, 2025 AT 23:30AIIMS की इस किफायती फीस संरचना को देखकर भारतीय संस्कृति की विविधता और समावेशिता स्पष्ट दिखती है। यह वास्तव में एक सकारात्मक संदेश है कि शिक्षा का अधिकार केवल privileged वर्ग तक सीमित नहीं है। यहाँ के नियमों का पालन करने वाले प्रत्येक छात्र को राष्ट्र की प्रगति में योगदान करने का अवसर मिलता है।
Shritam Mohanty
जून 19, 2025 AT 01:33क्या आप जानते हैं कि इस कम फीस के पीछे सरकार की छिपी हुई राजनीति है? ये सब सिर्फ एक दिखावा है ताकि जनता को बहलाया जा सके, जबकि वास्तविक खर्चे कहीं और से कवर किए जा रहे हैं। ध्यान रखिए, ऐसे बड़े प्रोजेक्ट्स में हमेशा कोई न कोई फायदा उठाता है।
Ghanshyam Shinde
जून 23, 2025 AT 03:36ओह, क्या कम कीमत में डॉक्टर बनना इतना आसान हो गया है? शायद अगली बार हमें थ्रिलर फिल्म में वही कहानी दिखेगी।
Mala Strahle
जून 27, 2025 AT 05:40आज के समय में जब शिक्षा की लागत आसमान छू रही है, AIIMS जैसी संस्थाओं द्वारा लागत घटाना एक सामाजिक क्रांति है। यह कदम न केवल आर्थिक बाधाओं को तोड़ता है, बल्कि सामाजिक समानता को भी सुदृढ़ बनाता है। प्रत्येक ग्रामीण छात्र को अब बड़े शहरों के मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाने का समान अवसर मिलता है। हमारी राष्ट्रीय पहचान इस समावेशी नीति में निहित है, जो हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रतिबिंबित करती है। इस प्रकार की पहल न केवल व्यक्तिगत विकास को प्रोत्साहित करती है, बल्कि राष्ट्र के स्वास्थ्यसेवा ढांचे को भी सुदृढ़ करती है। जब अधिक लोग सस्ती शिक्षा प्राप्त करते हैं, तो डॉक्टरों की उपलब्धता में भी सुधार आता है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य को सीधा लाभ पहुंचाता है। यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पन्न होने वाले स्वास्थ्य विषमताओं को कम करने में भी मददगार सिद्ध हो सकती है। साथ ही, यह नयी पीढ़ी को प्रेरित करती है कि वित्तीय सीमाओं को कभी बाधा न मानें। हम देख सकते हैं कि इस मॉडल से अन्य विश्वविद्यालयों में भी समान बदलाव आ सकते हैं। छात्रों की आर्थिक बोझ घटने से उनके मनोबल में इज़ाफा होता है, जिससे शिक्षण में बेहतर प्रदर्शन होता है। यह एक स्थायी परिवर्तन की नींव रखता है, जहाँ शिक्षा का मूल उद्देश्य जनकल्याण बन जाता है। अंत में, यह कहा जा सकता है कि AIIMS का यह कदम भारत की भविष्यवाणी को नई दिशा देता है, जहाँ हर इच्छा‑शक्ति को समान अवसर मिलता है। इस पदचिह्न को देखते हुए हमें आशा रखनी चाहिए कि शिक्षा नीति में ऐसा ही अनुक्रम जारी रहेगा।
SAI JENA
जुलाई 1, 2025 AT 07:43AIIMS की इस नई फीस नीति को देखते हुए हमें अपने युवाओं को प्रेरित करने की ज़रूरत है। यह पहल न केवल आर्थिक बाधाओं को कम करती है, बल्कि समान अवसर प्रदान करती है। चलिए हम सब मिलकर इस सकारात्मक बदलाव को समर्थन दें और भविष्य के डॉक्टरों के सपनों को साकार करें।
Hariom Kumar
जुलाई 5, 2025 AT 09:46दिल्ली AIIMS के इस कदम से सभी को प्रेरणा मिलेगी :) आगे और भी सुधारों की उम्मीद है।
Aryan Pawar
जुलाई 9, 2025 AT 11:50AIIMS की फीस सुनकर आश्चर्य हुआ
Anuj Panchal
जुलाई 13, 2025 AT 13:53पात्रता मानदंडों के संदर्भ में, 50% अंक का न्यूनतम मान आवश्यक है, जबकि आरक्षित वर्गों के लिए यह 40% पर स्थगित है; इस कॉन्फ़िगरेशन में बेसलाइन कॉम्पिटेंस इंडेक्स को सुनिश्चित करने हेतु एक कठोर स्कोरिंग फ्रेमवर्क लागू किया गया है। अतः, आवेदकों को न केवल शैक्षणिक पैरामीटर बल्कि समग्र बायोमैट्रिक प्रोफ़ाइल का भी अनुकूलन करना होगा।
Prakashchander Bhatt
जुलाई 17, 2025 AT 15:56यह बहुत ही प्रेरणादायक खबर है, अब बहुत सारे छात्र बिना बड़ी चिंता के मेडिकल की पढ़ाई का सपना देख सकते हैं। हमें इस सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ते रहना चाहिए और सभी को समर्थन देना चाहिए।
Ramesh Modi
जुलाई 21, 2025 AT 18:00वास्तव में, AIIMS ने इस लागत कटौती के साथ एक महान साहसिक कदम उठाया है!!! यह न केवल वित्तीय बोझ को हल्का करता है, बल्कि शिक्षा की सार्वभौमिकता को भी सुदृढ़ करता है, जिससे हर एक सपना, चाहे वह छोटे शहर से हो या गांव के खेतों से, अब वास्तविकता की ओर बढ़ रहा है!!!