तमिलनाडु में अवैध शराब त्रासदी: 57 मृत, सैकड़ों का इलाज जारी
तमिलनाडु के कल्लकुरिची जिले में हुई अवैध शराब त्रासदी ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। इस त्रासदी में मृतकों की संख्या अब बढ़कर 57 हो गई है, जबकि 156 लोग विभिन्न सरकारी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। इस घटना ने राज्य में अवैध शराब की समस्याओं को उजागर किया है और लोगों में आक्रोश का माहौल बना दिया है।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए प्रभावित परिवारों के लिए कई सहायता योजनाओं की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों ने इस त्रासदी में अपने माता-पिता को खो दिया है, उनकी शिक्षा और हॉस्टल के खर्च को सरकार वहन करेगी। जिन बच्चों ने दोनों माता-पिता को खो दिया है, उन्हें प्रति माह 5000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी और उनके नाम पर 5 लाख रुपये की स्थायी जमा राशि रखी जाएगी। वहीं, जिन बच्चों ने सिर्फ एक माता-पिता को खोया है, उनके लिए 3 लाख रुपये की राशि तय की गई है। इन बच्चों को सरकारी कल्याण योजनाओं में भी प्राथमिकता दी जाएगी।
मामले की जांच और कारवाई
तमिलनाडु पुलिस की सीबी-सीआईडी टीम एसपी शांतराम के नेतृत्व में इस घटना की जांच कर रही है। अब तक इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस अवैध शराब के खिलाफ अपने अभियान को और तेज कर रही है। तिरुचिरापल्ली जिले में 250 लीटर से ज्यादा अवैध शराब को जब्त किया गया और नष्ट कर दिया गया है।
एमएनएम प्रमुख कमल हासन ने इस त्रासदी के पीड़ितों से मुलाकात की और उनसे संयम बरतने का आग्रह किया। उन्होंने शराब सेवन की समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने और स्वास्थ्य पर ध्यान देने की सलाह दी। साथ ही, उन्होंने सरकार से उन लोगों के लिए मानसिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित करने की मांग की जो शराब की लत से जूझ रहे हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस घटना ने तमिलनाडु की राजनीति में भी हलचल मचा दी है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस छिड़ गई है। विपक्ष के नेता एडपड्डी पलानीस्वामी ने विधानसभा में इस घटना के प्रति सरकार की प्रतिक्रिया को 'लोकतंत्र की हत्या' करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस गंभीर मुद्दे को ठीक से नहीं संभाला और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने त्रासदी के कारण उत्पन्न हुए आक्रोश को शांत करने के लिए तत्काल कदम उठाए हैं। उन्होंने इस घटना की जांच के लिए मद्रास हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस बी गोकुलदास की अध्यक्षता में एक न्यायिक जांच का आदेश दिया है। इस जांच की रिपोर्ट तीन महीने में पेश की जाएगी।
सरकारी सहायता और अरोपियों की गिरफ्तारी
तमिलनाडु सरकार मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने का प्रयास कर रही है। जिन लोगों को उपचार मिला है, उनमें से सात व्यक्तियों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इनमें पांच पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं। जिन अस्पतालों में उपचार चल रहा है, उनमें कल्लकुरिची सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, सरकारी मोहन कुमारमंगलम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल सलेम, सरकारी विल्लुपुरम मेडिकल कॉलेज और जेआईपीएमईआर पुडुचेरी शामिल हैं।
सभी प्रमुख आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ, पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि आबकारी कानूनों का पालन सख्ती से किया जाए और अवैध शराब के उत्पादन और वितरण पर कड़ा प्रहार हो। राज्यभर में इस तरह की गतिविधियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने यह सुनिश्चत करने का वादा किया कि इस तरह की त्रासदी दोबारा न हो और प्रभावी निगरानी व्यवस्था की जा सके।
जनता की प्रतिक्रियाएं और भविष्य की दिशाएं
जनता की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि राज्य में अवैध शराब की समस्या एक गंभीर चिंता का विषय है। जनता इस घटना के दोषियों को सख्त सजा देने की मांग कर रही है। वहीं, तमिलनाडु सरकार इस दिशा में सख्त कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई दे रही है।
इस दुखद घटना से प्रभावित लोगों के जीवन को पूनर्निर्माण की दिशा में सरकार के द्वारा किए जा रहे प्रयास वास्तव में सराहनीय हैं। अब देखना यह होगा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं और कैसे राज्य सरकार इस त्रासदी से उबरने में सफल होती है।