कल्लाकुरिची मेथनॉल होच त्रासदी: अवैध शराब माफिया और ढीले कानून के प्रकटीकरण

कल्लाकुरिची मेथनॉल होच त्रासदी: अवैध शराब माफिया और ढीले कानून के प्रकटीकरण

मानसी विपरीत 21 जून 2024

कल्लाकुरिची मेथनॉल होच त्रासदी: अवैध शराब माफिया और ढीली कानून व्यवस्था का पर्दाफाश

तमिलनाडु के कल्लाकुरिची शहर में हाल ही में एक भयावह त्रासदी हुई, जिसमें मेथनॉल मिली अवैध शराब पीने से कम से कम 47 लोगों की जान चली गई और करीब 100 लोग अभी भी जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। घटना के बाद से पूरे राज्य में हड़कंप मच गया है और सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कई सख्त कदम उठाए हैं।

परिस्थितियाँ और पीड़ित

यह घटना कल्लाकुरिची से 200 किलोमीटर दूर स्थित गावों में घटित हुई। इस अवैध शराब का सेवन करने वाले अधिकांश लोग दलित समुदाय से थे, जो आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं। कल्लाकुरिची सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि वे लगातार मरीजों का उपचार कर रहे हैं और स्थिति बहुत गंभीर बनी हुई है। कुछ मरीजों को जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (JIPMER) पुदुचेरी और अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेजों में भी रेफर किया गया है।

सरकारी कार्रवाई और राहत

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने इस घटना पर दुःख जताते हुए न्यायिक आयोग से जांच के आदेश दिए हैं और इसके साथ ही अपराध शाखा - सीआईडी को भी गहन जांच करने का आदेश दिया है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये और अस्पताल में भर्ती लोगों को 50,000 रुपये की राहत राशि की घोषणा की है। कल्लाकुरिची के पुलिस अधीक्षक समाय सिंह मीना और जिला कलेक्टर श्रावण कुमार जतावत को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, कुल मिलाकर एक दर्जन पुलिस अधिकारियों और निषेध एनफोर्समेंट विंग के कर्मचारियों को निलंबित या स्थानांतरित किया गया है।

अवैध शराब का कहर

तमिलनाडु में अवैध शराब का यह कोई पहला मामला नहीं है। राज्य में आईएमएफएल (इंडियन मेड फॉरेन लिक्वर्स) की बिक्री होने के बावजूद, अवैध शराब की समस्या बनी हुई है। यह मामला एक बार फिर से अवैध शराब माफियाओं और ढीली कानून व्यवस्था की ओर ध्यान आकर्षित करता है। इस घटना के संदिग्ध आरोपी गोविंदराज के खिलाफ पहले से ही 22 अवैध शराब के मामले दर्ज हैं।

जरूरत है कड़े कानूनों की

इस त्रासदी ने मेथनॉल, जो कि एक विषाक्त औद्योगिक रसायन है, की बिक्री और उसके उपयोग पर कड़े नियमों की आवश्यकता को उजागर किया है। तमिलनाडु डिनैचर्ड स्पिरिट, मेथिल एल्कोहल एंड वार्निश (फ्रेंच पॉलिश) रूल्स, 1959 में संशोधन की मांग ने इस ओर भी ध्यान आकर्षित कराया है। इसके साथ ही कुछ लोगों ने इस घटना की सीबीआई जांच की भी मांग की है।

जब तक अवैध शराब माफियाओं पर सख्ती से कार्रवाई नहीं की जाती और कानून व्यवस्था को मजबूत नहीं किया जाता, तब तक ऐसी त्रासदियों का खतरा बना रहेगा। यह जरूरी है कि सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

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