यौन उत्पीड़न: क्या है और आप क्या कर सकते हैं

क्या आपको लगता है कि किसी ने आपकी गोपनीयता या गरिमा का उल्लंघन किया? यौन उत्पीड़न सिर्फ शारीरिक नहीं होता — अनचाही टोकटाक, कमेंट्स, संदेश और नजरें भी होती हैं। यह आपके काम, पढ़ाई या रोज़मर्रा की ज़िन्दगी पर असर डालता है। यहाँ आसान भाषा में बताएंगे कि इसे कैसे पहचानें, तुरन्त क्या करें और कानूनी रास्ते क्या हैं।

तुरंत करें ये पाँच कदम

1) सुरक्षित बनें: अगर खतरा है तो तुरंत वहां से दूर जाएँ और सुरक्षा स्थान पर पहुंचे। जरूरत पड़े तो 112 या स्थानीय पुलिस नंबर पर कॉल करें।

2) सबूत बचाएं: जो संदेश, ईमेल, ऑडियो या फोटो मिले उन्हें Screenshot/स्कैन कर लें और मूल फाइल सुरक्षित रखें। शरीर के किसी भी निशान के लिए फोटो लें और डॉक्टर से रिपोर्ट बनवाएं।

3) लिखित नोट बनाएं: घटना की तारीख‑वक्त, जगह, मौजूद लोग और घटनाक्रम छोटा‑सा लिख लें। याद ताज़ा होते ही लिखना बेहतर होता है।

4) भरोसेमंद किसी से बात करें: दोस्त, परिवार या सहकर्मी जिसे आप भरोसा करते हैं — समर्थन मिलने से बहुत फर्क पड़ता है। मानसिक सहारा लेना जरूरी है।

5) रिपोर्ट करें: कार्यस्थल में POSH (Sexual Harassment of Women at Workplace) के तहत Internal Complaints Committee (ICC) या Local Committee को शिकायत दे सकते हैं। बाहर के मामले के लिए FIR दर्ज कराएं।

कानूनी विकल्प और मदद

कानूनी शब्दों में भी आप कई रास्ते चुन सकते हैं। यदि घटना कार्यस्थल पर हुई है तो POSH एक्ट के तहत शिकायत की जा सकती है — कंपनी में ICC बनना अनिवार्य है। अगर अपराध की सीमा पार हुई है तो आप पुलिस में FIR दर्ज करवा सकते हैं; IPC की धारा 354, 354A और 509 जैसी धाराएँ लागू हो सकती हैं।

मेडिकल जांच और सुरक्षित‑प्रमाण संकलन बहुत मायने रखता है। एफआईआर के बाद पुलिस जांच और न्यायालय का रास्ता आगे बढ़ता है। कई बार त्वरित राहत के लिए तत्काल आदेश, पनाह या स्थानांतरण का उपाय भी मिलता है।

अदालत जा कर केस लड़ना भावनात्मक और समय लेने वाला हो सकता है — इसलिए कानूनी सलाह लें। मुफ्त कानूनी सहायता, महिला आयोग या स्थानीय NGO से संपर्क करने पर मार्गदर्शन मिलता है।

आप बायस्टेंडर हैं? किसी का सामना करते देखा तो सुरक्षित तरीके से हस्तक्षेप करें — शोर मचाना, प्रभावित व्यक्ति को साथ ले जाना या गवाह बनना मददगार होता है।

रोकथाम के लिए: कार्यस्थल की स्पष्ट नीतियाँ, प्रशिक्षण और त्वरित शिकायत निवारण जरूरी है। अगर आपकी कंपनी में POSH कमिटी नहीं है तो उस पर सवाल उठाएँ और रिकॉर्ड रखें।

याद रखें, आप अकेले नहीं हैं और मदद उपलब्ध है। सबूत बचाएँ, तुरंत कदम उठाएँ और भरोसेमंद मदद लें — चाहे वह दोस्त हो, NGO हो या कानूनी सहायता। अगर आप चाहें तो आगे के कदमों और आपके स्थानीय संसाधनों की जानकारी साझा कर सकता/सकती हूँ।