जब आप सुबह उठकर खिड़की से बाहर देखते हैं, तो जो रोशनी आपके चेहरे पर पड़ती है, वो केवल एक तारा नहीं है — ये हैं सूर्य देव, हिंदू धर्म में जीवन, ऊर्जा और ज्ञान के प्रतीक के रूप में पूजे जाने वाले देवता। ये न सिर्फ एक खगोलीय वस्तु हैं, बल्कि भारतीय जीवन के ताल में बुने गए एक जीवंत विश्वास हैं। वेदों में इन्हें ‘सविता’ कहा गया है — जो जीवन को जगाता है, जिसकी रोशनी से अन्न उगता है, और जिसकी गति से ऋतुएँ बदलती हैं। ये अकेले देवता नहीं, बल्कि एक पूरा विश्व हैं — जिसकी छाया में आज भी लाखों लोग सूर्य नमस्कार करते हैं, गायत्री मंत्र जपते हैं, और चंद्रमा के साथ इनकी द्वैतता को जीवन का संतुलन मानते हैं।
इनके साथ जुड़े वेद, भारत के सबसे प्राचीन धार्मिक ग्रंथ, जिनमें सूर्य को ब्रह्म का प्रत्यक्ष रूप माना गया है और हिंदू पौराणिक कथाएँ, जिनमें सूर्य देव की अवतारों, पत्नियों और बेटों की कहानियाँ बताई गई हैं आज भी जीवित हैं। सूर्य के बेटे शनि देव को भक्त डरते हैं, उनकी पत्नी छाया को लोग जीवन के अंधेरे पहलू के रूप में देखते हैं, और अर्जुन को इन्होंने गदा दी — ये सब केवल कथाएँ नहीं, बल्कि एक दर्शन हैं। आज भी कई गाँवों में रविवार को सूर्य देव के लिए दान किया जाता है, और अहिंसा के बाद भी एक बार दिन में सूर्य को नमन करना लोगों के लिए एक अनिवार्य अभ्यास है।
यही वजह है कि आज हमारे पोस्ट्स में सूर्य देव से जुड़े विषय अलग-अलग रूपों में आते हैं — कभी एक धार्मिक अनुष्ठान के रूप में, कभी एक योगासन के रूप में, कभी एक ज्योतिषीय ग्रह के रूप में। आपको यहाँ मिलेंगे उन लोगों की कहानियाँ जिन्होंने सूर्य नमस्कार से अपना स्वास्थ्य बचाया, वो अध्ययन जिन्होंने सूर्य के ग्रह के प्रभाव को वैज्ञानिक रूप से समझा, और वो त्योहार जिनमें ये देवता अभी भी राज करते हैं। ये सब एक ही रोशनी से जुड़े हैं — जो न सिर्फ आकाश में है, बल्कि हमारे अंदर भी जल रही है।