निपाह वायरस: क्या है और आपको किस बात का ध्यान रखना चाहिए

निपाह वायरस एक ऐसा संक्रमण है जो तेज़ी से गंभीर बीमारी कर सकता है। मृत्यु दर रिकॉर्ड किए गए मामलों में अक्सर काफी ऊँची रही है, इसलिए शंका होने पर देरी न करें। नीचे सीधी और उपयोगी जानकारी मिल जाएगी — लक्षण, कैसे फैलता है, और तुरंत क्या कदम उठाने हैं।

लक्षण और संक्रमण का तरीका

शुरुआती लक्षण सामान्य फ्लू जैसे होते हैं — बुखार, सिरदर्द, कमजोरी और खांसी। अगले कुछ दिनों में उल्टी, साँस लेने में दिक्कत या चिड़चिड़ापन/तंत्रिका तंत्र से जुड़े लक्षण (जैसे दौरे, भ्रम) आ सकते हैं। कुछ मामलों में तेज़ी से मस्तिष्क की सूजन (एन्सेफलाइटिस) और कोमा हो सकता है।

निपाह मुख्य रूप से फल खाने वाले चमगादड़ों (फ्रूट बैट) से फैलता है; वे फल या डेट पाम सैप को संक्रमित कर सकते हैं। संक्रमित जानवर (जैसे सूअर) और सीधे संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक तरल पदार्थ (लार, खाँसी की बूंदें, रक्त) के संपर्क से भी फैलता है। क्लोज़ संपर्क में रहकर मानव-से-मानव संक्रमण रिपोर्ट हुआ है।

रोकथाम — घर पर और समुदाय में क्या करें

सावधानी आसान है और असरदार: ताज़ा फल धोकर खाएं, खुले में रखा फल और चूहे/चमगादड़ के संपर्क में आए फल न खाएं। अगर किसी इलाके में आउटब्रेक की खबर हो तो डेटपाम का कच्चा रस न पीएं।

हाथ धोना, मास्क पहनना और बीमार लोगों से दूरी रखना सबसे महत्वपूर्ण है। अस्पतालों में स्वास्थ्यकर्मियों को प्रोटेक्टिव गियर (PPE) का उपयोग चाहिए। यदि आपके घर में कोई तेज बुखार और सांस की तकलीफ के साथ है, तो उससे अलग कमरे में रखें और सीधे संपर्क से बचें।

यात्रा करते समय, अगर किसी क्षेत्र में निपाह रिपोर्ट हुई है, तो वहां के स्थानीय दिशा-निर्देशों का पालन करें। जानवरों के संपर्क से बचें और गाय-बकरी या सूअर के असामान्य व्यवहार पर ध्यान दें।

डायग्नोसिस के लिए डॉक्टर ब्लड, थ्रोट स्वैब या सीएसएफ टेस्ट जाँचते हैं (PCR/ELISA)। निपाह का कोई विशेष सुरक्षित घरेलू उपचार नहीं है — असल इलाज अस्पताल में सपोर्टिव केयर (इवान, ऑक्सीजन, वेंटिलेशन) और लक्षणों के हिसाब से दिया जाता है। कुछ दवाइयों और एंटीबॉडी पर रिसर्च चल रही है, पर फिलहाल कोई व्यापक उपलब्ध वैक्सीन नहीं है।

यदि शंका हो तो तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल से संपर्क करें। बुखार के साथ तेज सांस की तकलीफ, उल्टी, दर्द और तंत्रिका लक्षण दिखें तो देर मत कीजिए। स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचना देना और संपर्क ट्रेसिंग संक्रमण रोकने में मदद करती है।

संक्षेप में: सतर्क रहें, हाथ साफ रखें, संक्रमित लोगों से दूरी बनाए रखें और शंका पर तुरंत पेशेवर मदद लें। ये छोटे कदम बड़ी बचाव रणनीति बनाते हैं।