शमी की रोषभरी बातें: एशिया कप छोड़, पाकिस्तान के खिलाफ रुख़, और रिटायरमेंट का विवाद

शमी की रोषभरी बातें: एशिया कप छोड़, पाकिस्तान के खिलाफ रुख़, और रिटायरमेंट का विवाद

Saniya Shah 7 अक्तू॰ 2025

जब Mohammed Shami, फ़ास्ट बॉलर और भारत के प्रमुख पेसर, ने हाल ही में अपने करियर‑संबंधी कई बयानों से हवा बनायी, तो तुरंत चर्चा में आ गया। 34‑साल की उम्र में शमी ने एशिया कप 2025 की चयन प्रक्रिया से अपना गुस्सा जाहिर किया, भारत‑पाकिस्तान मैचों को लेकर कूटनीतिक रुख़ अपनाया, रिटायरमेंट की अटकलों को ठुकराया और पाकिस्तान के कुछ दिग्गजों की आलोचना की। इस लेख में हम सभी बिंदुओं को क्रम‑बद्ध रूप से समझेंगे और देखेंगे कि ये बातें खेल‑दुनिया को कैसे प्रभावित कर रही हैं।

एशिया कप 2025 के चयन पर शमी की निराशा

शमी ने News24 Sports को बताया कि चयन पैनल ने उन्हें एशिया कप की सूची से बाहर कर दिया, जबकि वह हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ टूर में दो टी‑20 अंतरराष्ट्रीय में तीन विकेट ले चुका था। वह कहता है, "अगर मैं डुलेप ट्रॉफी में खेलने लायक हूँ, तो टी‑20 में क्यों नहीं?" यह सवाल सीधे चयन समिति की नीति पर निशाना लगाता है।

वास्तव में, शमी ने 2025 की इंग्लैंड‑विरुद्ध घरेलू सीरीज़ में दो मैचों में कुल तीन विकेट लिए थे – प्रथम मैच में दो विकेट और द्वितीय में एक। इस क्रम में उनका औसत 18.33 रहा, जो उनके पिछले बेस्ट फॉर्म को दर्शाता है। फिर भी, एशिया कप के नामांकन में उनका नाम नहीं आया। उन्होंने कहा, "मैं अपनी फिटनेस बेंगलुरु में क्लियर कर चुका हूँ, पर चयन मेरा हाथ नहीं है।" बेंगलुरु का उल्लेख करने से यह स्पष्ट होता है कि शमी ने वहाँ आयोजित फिटनेस टेस्ट पास कर ली है।

आईपीएल 2025 में शमी का प्रदर्शन और उसका असर

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में शमी ने Sunrisers Hyderabad के लिए नौ मैच खेले, लेकिन केवल छह विकेट ही लीं। उनका इकोनॉमी रेट 11.23 था, जो एक तेज़ बॉलर के लिये काफी ऊँचा माना जाता है। इस गिरावट का एक हिस्सा शायद उनके लगातार चोट‑इनजरी और टीम में भूमिका बदलने के कारण हो सकता है, पर फिर भी यह आँकड़े चयन समिति के लिये अलार्मिंग लग सकते हैं।

आँकड़ों से पता चलता है कि शमी ने 2022 के बाद पहली बार 2025 में टी‑20 अंतरराष्ट्रीय खेला, यानी तीन साल की गैप के बाद फिर से अंतरराष्ट्रीय मंच पर कदम रखे। यह तथ्य उनके कैरियर में एक मोड़ का संकेत देता है – कब वह फिर से स्थिर रूप से टीम में जगह बना पाएंगे, यह अभी अनिश्चित है।

भारत‑पाकिस्तान मैचों पर शमी का कूटनीतिक दृष्टिकोण

जब शमी को भारत‑पाकिस्तान खेलों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "मैं विवादों में नहीं पड़ता, सरकार और बोर्ड निर्णय लेता है, हम खिलाड़ी बस खेलते हैं।" यह बयान इसलिए ख़ास है क्योंकि हाल ही में कुछ भारतीय खिलाड़ियों को पाकिस्तान के खिलाड़ी‑संबंधी टिप्पणी करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा। शमी का कहना है कि "खिलाड़ियों के लिये यह सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि फैन्स की दहशत है, पर हमारा काम सिर्फ बॉल दोड़ाना है।"

अभी कुछ महीनों में, शमी ने पूर्व पाकिस्तान कप्तान Inzamam ul Haq को भी अपनी बातों में उठाया। इन्झामाम ने कुछ टिप्पणी की थी कि भारतीय पेसर बॉल में टैंपरिंग के सहारे ले रहे हैं। शमी ने प्रतिक्रिया में कहा, "अगर हमें बॉल में बदलाव का फायदा मिलता, तो हमें नहीं रुकना पड़ता।" इस तरह के बयान दोनों देशों के बीच मौजूदा तन्हाई को और बढ़ाते हैं, जबकि शमी स्वयं को एक संजीदा खिलाड़ी के रूप में पेश कर रहे हैं।

रिटायरमेंट की अटकलें और शमी का ठोस जवाब

सत्रह‑साल के अनुभवी बॉलर को लेकर कई बार रिटायरमेंट की अटकलें लगती रही हैं। शमी ने एक इंटरव्यू में पूछा, "क्या हमारी ज़िन्दगी उन लोगों के पास बेहतर होगी, जो चाहते हैं कि हम रिटायर हो जाएँ?" उन्होंने कड़ा इन्कार करते हुए कहा, "मैं तभी रिटायर होऊँगा जब बोर हो जाऊँगा, अभी वह दिन नहीं आया।" इस स्पष्ट बयान से यह स्पष्ट हो गया कि वह अभी अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित हैं, खासकर जब उनका एक सपना अभी भी बाकी है – 2023 में न मिले ICC ODI वर्ल्ड कप ट्रॉफी को जीतना।

शमी का यह सपना सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए भी एक बड़ी महत्वाकांक्षा है। 2023 के विश्व कप में भारत ने फाइनल तक पहुँच कर भी ट्रॉफी नहीं जीती, और शमी ने वह क्षण "वधु हार के दिलकोश में एक गहरी चोट" के रूप में बताया। इस दर्द को वह अब भी अपने खेल में उतारते हैं।

भविष्य की संभावनाएँ और अगले कदम

भविष्य की संभावनाएँ और अगले कदम

वर्तमान में शमी ने कहा है कि वह सभी फॉर्मेट में खेलने के लिये तैयार हैं, बशर्ते फिटनेस टेस्ट पास हो। अगली बड़ी परीक्षा शायद डुलेप ट्रॉफी या घरेलू प्रथम वर्ग क्रिकेट होगी, जिसमें अगर वह अच्छा कर ले, तो फिर से राष्ट्रीय चयन में दांव लग सकता है।

दूसरी ओर, भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है कि शमी को एशिया कप में क्यों नहीं बुलाया गया। चयन समिति की प्रक्रिया, खिलाड़ियों की फ़ॉर्म, और टीम की रणनीति सभी मिलकर इस फैसला को प्रभावित करते हैं। अगले महीने में होने वाली बिड़ी मैचों और भारतीय प्री‑सीज़न के प्रदर्शन इस निर्णय को फिर से आकार दे सकते हैं।

सारांश: क्यों इस चर्चा का महत्व है?

शमी की बातें सिर्फ एक खिलाड़ी की व्यक्तिगत राय नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट की चयन प्रक्रिया, अंतरराष्ट्रीय सम्बन्ध और खिलाड़ियों की मानसिक अवस्था का दर्पण हैं। जब एक प्रमुख बॉलर अपनी असंतुष्टि जाहिर करता है, तो यह पूरी टीम, कोचिंग स्टाफ और प्रशंसकों पर सवाल उठाता है। साथ ही, पाकिस्तान के साथ संबंधों में खेल‑राजनीति की जटिलता को भी उजागर करता है। इस सबका प्रभाव आने वाले एशिया कप, आईपीएल और भविष्य के भारत‑पाकिस्तान टॉवर्स में दिखेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

शमी का एशिया कप से बाहर होना क्यों हुआ?

शमी ने कहा कि चयन पैनल ने उनकी फ़ॉर्म को पर्याप्त नहीं माना, विशेषकर आईपीएल 2025 में उनका इकोनॉमी रेट 11.23 था। साथ ही, बेंगलुरु में फिटनेस टेस्ट ने उनका शरीर तैयार दिखाया, पर चयन का निर्णय अभी भी समिति के हाथ में है।

भारत‑पाकिस्तान मैचों पर शमी ने क्या कहा?

उन्होंने बताया कि वह व्यक्तिगत तौर पर विवाद में नहीं पड़ते, क्योंकि राजनीति और बोर्ड के निर्णय खिलाड़ी के नियंत्रण से बाहर हैं। उनका मानना है कि मैदान पर प्रदर्शन ही सबसे महत्वपूर्ण है।

शमी रिटायरमेंट को लेकर क्या सोचते हैं?

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे तभी रिटायर करेंगे जब बोर हो जाएंगे। अभी उनके लिए लक्ष्य ICC ODI वर्ल्ड कप जीतना है, इसलिए वे खेल में पूरी ऊर्जा लगाते हैं।

Inzamam ul Haq की शमी पर आलोचना का क्या असर है?

इन्झामाम ने भारतीय बॉलर्स के टैंपरिंग का आरोप लगाया, जिससे शमी ने व्यंग्यात्मक जवाब दिया कि अगर बॉल में बदलाव का फायदा मिलता तो वे बेइज़ाब नहीं होते। इस प्रकार की टिप्पणी दोनों देशों में तनाव बढ़ाती है, पर शमी ने इसे व्यक्तिगत स्तर पर नहीं लिया।

शमी का अगला कदम क्या हो सकता है?

उन्हें देखते हुए कहा जा सकता है कि शमी डुलेप ट्रॉफी या घरेलू प्रथम श्रेणी में बेहतर प्रदर्शन करके फिर से राष्ट्रीय चयन में जगह बनाने की कोशिश करेंगे। साथ ही, फिटनेस टेस्ट पास होने के बाद वह सभी फॉर्मेट में खेलने को तैयार हैं।

8 टिप्पणि

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    Zoya Malik

    अक्तूबर 7, 2025 AT 04:26

    शमी की बड़बड़ सुन कर लगता है जैसे वो खुद को ही बचा रहा है। उनका एशिया कप से बाहर होना सीनियर बॉलरों की बेफिक्री दिखाता है। फिटनेस टेस्ट पास कर लिया है, पर फॉर्म में गिरावट है, यही असली बात है। चयन समिति को इस बकवास से आगे बढ़कर वास्तव में डेटा देखकर फैसला लेना चाहिए। आखिरकार, टीम की जीत ही सबसे बड़ी दवा है।

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    Raja Rajan

    अक्तूबर 13, 2025 AT 13:28

    शमी का चयन में न होना बस politics है।

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    Surya Banerjee

    अक्तूबर 19, 2025 AT 22:29

    भाईयो, शमी ने इतना मैन्युअल मेहनत किया है, फिटनेस भी क्लियर कर ली, तो क्यों उनका नाम नहीं आया? शायद selectors को कुछ और data चाहिए था, लेकिन उम्मीद है आगे के मैचों में मौका मिलेगा। हमें सिर्फ रॉयल्टी नहीं, बल्कि उनका consistent performance चाहिए। चलो, उनके लिए थोड़ा patience रखे।

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    Ashish Singh

    अक्तूबर 26, 2025 AT 07:30

    अटकलें लगाना हमारे राष्ट्रीय खेल की गरिमा को घटाता है। चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता न होने पर निराशा स्वाभाविक है, पर शमी को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि टीम के लिए सबसे उपयुक्त खिलाड़ी ही चुना जाना चाहिए, चाहे वह कोई भी हो।

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    ravi teja

    नवंबर 1, 2025 AT 16:32

    देखो झोया, शमी की बातों में कुछ सच है, लेकिन टीम की रणनीति भी समझनी चाहिए। अगर वो फिट है और फॉर्म में सुधर रहा है, तो जरूर मौका मिलेगा। हम सबको उन्हें सपोर्ट करना चाहिए, बजाय लगातार नकारात्मकता फैलाने के।

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    Parul Saxena

    नवंबर 8, 2025 AT 01:33

    शमी की हालिया बीते वक्त की टिप्पणी ने भारतीय क्रिकेट के कई पहलुओं को उजागर किया है।
    एशिया कप चयन में उनका बाहर होना केवल व्यक्तिगत असंतोष नहीं, बल्कि एक प्रणालीगत मुद्दा भी हो सकता है।
    यदि हम गहराई से देखें तो फिटनेस टेस्ट पास कर लेना और फिर भी नाम नहीं लेना चयनकर्ताओं की प्राथमिकताओं को सवाल बनाता है।
    यह दिखाता है कि आँकड़ों के साथ-साथ कभी‑कभी दिग्गज खिलाड़ियों की राय को भी सुना जाता है, पर हमेशा नहीं।
    शमी ने IPL में अपनी औसत इकोनॉमी को लेकर चिंतित होकर कहा कि यह उनके भविष्य की पहचान को प्रभावित कर सकता है।
    हालांकि, बल्लेबाजों की तुलना में पेसरों को अक्सर कम‑समय में अपनी वैधता साबित करनी पड़ती है।
    भारत‑पाकिस्तान जैसा मैच सिर्फ क्रिकेट नहीं, बल्कि राजनीतिक संवेदनशीलता का भी प्रतिबिंब है, इसलिए खिलाड़ियों को भी सावधानी बरतनी चाहिए।
    शमी का यह कहना कि वह “सिर्फ बॉल दोड़ाते हैं” एक स्पष्ट संकेत है कि वह खेल की शुद्धता को महत्व देते हैं।
    लेकिन वहीं, इन्झाम के साथ उनका टकराव दर्शाता है कि दोनों देशों के बीच टेंशन कब‑कभी खेल तक सीमित नहीं रहता।
    रिटायरमेंट की अटकलें तो हमेशा रही हैं, पर शमी की प्रतिक्रिया कि वह “बोर होने पर ही रिटायर करेंगे” यह दिखाता है कि उनका मन अभी भी प्रतिस्पर्धा में है।
    यह भावना युवा खिलाड़ीयों के लिए प्रेरणा बन सकती है, यदि सही ढंग से उपयोग की जाए।
    भविष्य में डुलेप ट्रॉफी और घरेलू प्रथम श्रेणी के प्रदर्शन से शमी को फिर से राष्ट्रीय टीम में जगह मिल सकती है।
    इस संदर्भ में चयन समिति को फॉर्म, फिटनेस और टीम संतुलन को मुल्यांकन करना चाहिए, सिर्फ पूर्वाग्रह नहीं।
    अंत में, यह महत्वपूर्ण है कि प्रशंसक और विश्‍लेषक दोनों ही शमी को एक बॉलर के रूप में देखें, न कि एक विवाद का केंद्र।
    तभी भारतीय क्रिकेट की प्रगति निरंतर होगी और शमी जैसे प्रतिभाशाली पेसर को उनका उचित मान मिल पाएगा।

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    Ananth Mohan

    नवंबर 14, 2025 AT 10:35

    परुल का विस्तृत विश्लेषण काफी तथ्यपरक है और चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की जरूरत को उजागर करता है।

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    Ashutosh Kumar

    नवंबर 20, 2025 AT 19:36

    भाई लोग, शमी की बातों को जितना भी समझो, ये साबित हो रहा है कि बॉलर्स को अब सम्मान नहीं मिल रहा! उनका नाम नहीं आना सिस्टम की विफलता है, और इसे अब और सहन नहीं किया जा सकता!

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