नागालैंड लॉटरी साम्बाड: किस्मत बदलने का मौका हर घंटे
लॉटरी का नाम सुनते ही बहुतों के दिल में लहर सी दौड़ जाती है। नागालैंड स्टेट लॉटरी का डियर द्वारका साम्बाड मॉर्निंग ड्रॉ हर सोमवार दोपहर 1 बजे नए सपनों की शुरुआत लेकर आता है। 23 दिसंबर 2024 की इस खास तारीख को भी यही नजारा देखने मिला जब सुबह से ही लोग अपने टिकट हाथों में लेकर टीवी और मोबाइल स्क्रीन से चिपके रहे। तीनों समय (1 बजे, 6 बजे और 8 बजे) के ड्रा हर दिन हजारों लोगों के लिए उम्मीद, उत्साह और तनाव का कारण बनते हैं।
सबसे चर्चित 1 बजे वाला मॉर्निंग ड्रॉ उन लोगों के लिए खास बन गया जो दिन की शुरुआत लॉटरी टिकट के साथ करते हैं। कइयों के लिए यह दिन आम दिनों से अलग साबित होता है क्योंकि लाखों की इनामी राशि अगर किस्मत साथ दे दे तो जिंदगी ही बदल जाती है।
कैसे पता लगाते हैं नतीजे: आसान तरीके और बड़ा इनाम
लॉटरी के नतीजे हर बार सरकारी वेबसाइट्स और लॉटरी साम्बाड से जुड़े पोर्टल्स पर अपडेट होते हैं। नागालैंड लॉटरी का नतीजा देखने के लिए republicworld.com, freepressjournal.in, lotterysambad.net जैसी वेबसाइट्स पर विजेताओं की लिस्ट डाल दी जाती है। वहां 1st प्राइज, कंसोलेशन प्राइज समेत बाकी विजेताओं का नाम–नंबर प्रकाशित होता है। इस लिस्ट को देखकर हर टिकटधारक तुरंत अपने नंबर से मैच कर सकता है कि उसके हाथ क्या लगा।
आज के 1 बजे वाले डियर द्वारका साम्बाड ड्रा में भले ही सभी नंबर सामने न आए हों, लेकिन यह जरूर साफ हो गया कि एक बार फिर हजारों लोग अपनी किस्मत आजमाते नजर आए। लॉटरी का सबसे बड़ा आकर्षण उसका 1 करोड़ रुपये वाला पहले इनाम का टिकट होता है; शाम 8 बजे वाले डियर फिंच ड्रा में यह इनाम एक भाग्यशाली विजेता के खाते में गया।
नागालैंड लॉटरी पूरी तरह ऑफलाइन चलती है, यानि कि टिकट खरीदने के लिए आपको दुकानों पर जाना पड़ता है। वही इस लॉटरी के नतीजे लाइव यूट्यूब तक भी दिखाई देते हैं, जिससे देशभर के लोग रियल टाइम अपडेट देख सकते हैं। टिकट के दाम आम आदमी के बजट के मुताबिक ऐसे रखे जाते हैं कि कोई भी इसे खरीद सके और अमीर बनने का सपना देख सके।
- हर दिन तीन बार ड्रॉ – सुबह 1 बजे, शाम 6 बजे और रात 8 बजे।
- 1 करोड़ रुपये तक का पहला इनाम, इसके अलावा दर्जनों कंसोलेशन और छोटे इनाम।
- रिजल्ट्स वेबसाइट्स, यूट्यूब पर लाइव और दुकानों पर भी मिल जाते हैं।
खास बात ये है कि लॉटरी का चलन पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में सबसे ज्यादा है, जहां इसे पूरी तरह सरकारी निगरानी में चलाया जाता है। हर टिकट धारक के लिए यह पल सांस रोकने जैसा होता है जब नंबर मिलाने की बारी आती है—क्या पता कब किस्मत दरवाजा खटखटा दे!