लोकाह चैप्टर 1: चंद्र ने बनाया इतिहास – मलयालम सिनेमा का दूसरा सबसे बड़ा हिट

लोकाह चैप्टर 1: चंद्र ने बनाया इतिहास – मलयालम सिनेमा का दूसरा सबसे बड़ा हिट

Saniya Shah 28 सित॰ 2025

कालयनी प्रियांशर की नई फ़ैंटेसी महाकाव्य Lokah Chapter 1 ने रिलीज़ के बाद से हर बॉक्स‑ऑफ़िस रिपोर्ट को हिला कर रख दिया है। डिसेम्बर की पहली तिमाही में ही यह फिल्म 284 करोड़ की ग्लोबल कलेक्शन के साथ मलयालम सिनेमा का दूसरा सबसे बड़ा रिकॉर्ड‑ब्रेकिंग फ़िल्म बन गई।

बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड

28 अगस्त 2025 को रिलीज़ हुई ‘लोकाह चैप्टर 1: चंद्र’ ने पहले दिन ही केरल में 2.71 करोड़ और विश्व स्तर पर 6.66 करोड़ की कमाई कर धूम मचा दी। चार दिनों में कुल 65 करोड़ की कमाई, और सात दिनों में 100 करोड़ की सीमा पार कर ली। इसके बाद लगातार बड़े‑बड़े आंकड़े आए:

  • पहले हफ़्ते में विश्व भर में 142.9 करोड़ का नेट कलेक्शन
  • 30वें दिन (26 सितंबर) भारत में 85 लाख की अतिरिक्त कमाई
  • चौथे हफ़्ते में 13.25 करोड़ की साप्ताहिक कमाई

बॉक्स‑ऑफ़िस विशेषज्ञों ने बताया कि फिल्म ने अपने चार हफ़्ते के दौरान 19.59% कुल औक्यूपेंसी रेट हासिल किया, और रात के शो में यह आंकड़ा 34.11% तक पहुंच गया। यह दर्शाता है कि दर्शकों की उत्सुकता पहली रिलीज़ से ही नहीं, बल्कि कई हफ़्तों तक बनी रही।

फिल्म की लोकप्रियता के कारण

फिल्म की लोकप्रियता के कारण

‘लोकाह चैप्टर 1’ की सफलता के पीछे कई कारण हैं। सबसे पहले, कालयनी प्रियांशर की किरदार ने महिला लीड वाले फ़िल्मों में नई ऊँचाइयाँ तय कीं, जिससे महिला दर्शकों का बड़े पैमाने पर समर्थन मिला। दूसरा, डॉमिनिक अरुण द्वारा बनाई गई फैंटेसी वर्ल्ड बिल्डिंग ने दर्शकों को एक नई दुनिया में ले जाया, जहाँ सुपरहीरो एक्शन और कॉमेडी का बेहतरीन मिश्रण था।

फिल्म की टीम में नास्लेन के. गैफ़ूर, सैंडी मास्टर, अरुण कुरियन और विजयराघवन जैसे स्थापित कलाकार भी शामिल थे, जो कहानी को और भी मजबूती प्रदान करते हैं। साथ ही, वेफ़र फ़िल्म्स की प्रोडक्शन क्वालिटी ने लागत के मुकाबले उच्च उत्पादन मानकों को स्थापित किया, जिससे दर्शकों का भरोसा जीतने में मदद मिली।

‘लोकाह चैप्टर 1’ ने सिर्फ बॉक्स‑ऑफ़िस पर ही नहीं, बल्कि मलयालम सिनेमा की अंतरराष्ट्रीय पहुंच को भी नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया है। कई विदेशी प्लेटफ़ॉर्म पर इस फ़िल्म की स्ट्रीमिंग अधिकारों को महँगे सौदे में खरीदा गया, जिससे भारतीय रेज़नल कॉन्टेंट की मांग में एक नई लहर आती दिखी।

पावन कल्याण के ‘थे कॉल हिम ओजी’ जैसी बड़े फ़िल्मों के साथ प्रतिस्पर्धा के बावजूद ‘लोकाह’ ने अपना रास्ता बनाया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मजबूत कहानी और दमदार प्रदर्शन के साथ कोई भी फ़िल्म बॉक्स‑ऑफ़िस में धाकड़ प्रदर्शन कर सकती है।

18 टिप्पणि

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    Gauri Sheth

    सितंबर 28, 2025 AT 03:06

    कैल्यानी प्रियांशर तो बस गंदे सीन बचाए रखता है लेकिन इस बार की फ़िल्म में मानो इकट्ठी बुरायें दोगुनी हो गईं ।

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    om biswas

    सितंबर 28, 2025 AT 04:13

    जैसे ही इस फिल्म ने बॉक्स‑ऑफ़िस तोड़ दी, तो भारतीय फ़िल्में वहीँ बैंडेड हो गया कि कितना ख़राब है हमारी पेशेवर इंडस्ट्री!

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    sumi vinay

    सितंबर 28, 2025 AT 05:20

    वाह! क्या शानदार फ़िल्म रही, कहानी में गहराई और एक्शन में दम, देख कर दिल खुश हो गया।

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    Anjali Das

    सितंबर 28, 2025 AT 06:26

    इतनी मैत्रीपूर्ण आलोचना क्यों? असली राज़ तो इस फ़िल्म में राष्ट्रीय गर्व है, ये नहीं देखो तो क्या देखोगे

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    Dipti Namjoshi

    सितंबर 28, 2025 AT 07:33

    लोकाह चैप्टर 1 ने न सिर्फ़ बॉक्स‑ऑफ़िस में धूम मचा दी, बल्कि भारतीय सिनेमा के भविष्य के बारे में कई सवाल उठाए हैं।
    पहले तो यह स्पष्ट है कि दर्शकों की पसंद में अब सिर्फ़ बड़े बजट वाले हीरो नहीं, बल्कि अच्छी कथा और विश्वसनीय चरित्र निर्माण का महत्व है।
    फ़िल्म की कहानी का फोकस महिला लीड पर होना, यह दर्शाता है कि इंडस्ट्री में लैंगिक समानता की दिशा में एक ठोस कदम उठाया गया है।
    डॉमिनिक अरुण की फैंटेसी वर्ल्ड बिल्डिंग ने दर्शकों को एक नई, अनजानी दुनियाँ में ले जाकर कल्पना की सीमाओं को विस्तारित किया।
    इसके साथ ही, नास्लेन के. गैफ़ूर और सैंडी मास्टर जैसे कलाकारों का योगदान कहानी को बहुस्तरीय बना देता है।
    सम्पूर्ण प्रोडक्शन क्वालिटी के बारे में बात करें तो, वेफ़र फ़िल्म्स ने खर्च को कम रख कर हाई‑एंड विज़ुअल्स प्रदान किए, जिससे बजट के प्रति जागरूकता बढ़ती है।
    ऐसे प्रॉडक्शन मॉडल अन्य निर्माणकर्ताओं के लिए एक मिसाल बन सकते हैं, जिससे भारतीय फ़िल्में अंतरराष्ट्रीय प्लेटफ़ॉर्म पर भी बेहतर प्रतिस्पर्धा कर सकेंगी।
    फ़िल्म की ग्रॉस कलेक्शन 284 करोड़ के आंकड़े को धारण कर चुकी है, जो मलयालम सिनेमा के लिए नया रिकॉर्ड है, और यह दर्शाता है कि भाषा‑भाषी दर्शकों की भीगती चाह को समझा गया है।
    ऑफ़लाइन टिकेट सेल्स से लेकर डिजिटल स्ट्रीमिंग अधिकारों तक की बिक्री में भी एक नई लहर देखी जा रही है, जिससे उद्योग में पुनरुज्जीवन की संभावना बढ़ती है।
    इसी तरह की सफलता एंट्री‑लेवल फ़िल्म निर्माताओं के लिए प्रेरणा बन सकती है, जो सोचते हैं कि बड़े बजट के बिना भी बड़ी पहचान मिल सकती है।
    समय के साथ इस तरह के प्रोजेक्ट्स को दोहराने से भारतीय सिनेमा को एक नई पहचान मिलेगी, जिससे हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक सम्मान पा सकते हैं।
    एक बात ज़रूर कहूँ, कहानी की गहराई, संगीत की सादगी और विजुअल इफ़ेक्ट्स की गुणवत्ता एक साथ मिलकर इस फ़िल्म को एक पूर्ण पैकेज बनाते हैं।
    भविष्य में हमें ऐसे और भी प्रोजेक्ट्स देखने को मिलेंगे, जो दर्शकों को न केवल मनोरंजन बल्कि सामाजिक संदेश भी प्रदान करेंगे।
    अंत में, यह फ़िल्म साबित करती है कि यदि कहानी, तकनीक और बाजार की समझ मिल जाए, तो कोई भी फिल्म बॉक्स‑ऑफ़िस में धूम मचा सकती है।
    धन्यवाद, इस फ़िल्म ने हमें फिर से विश्वास दिलाया कि भारतीय सिनेमा में अनंत संभावनाएं हैं।

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    Prince Raj

    सितंबर 28, 2025 AT 08:40

    कॉलैबोरेटिव सायकल में ग्रीनफील्ड आर्किटेक्ट्स एंगेजमेंट, लीड‑जनरेटेड सॉल्यूशन्स के साथ, इस मूवी ने KPI‑ड्राइवन फोकस दिखाया है।

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    Gopal Jaat

    सितंबर 28, 2025 AT 09:46

    क्या बात है, ये फ़िल्म तो दिल को छू गई! सच में ड्रमॅटिक एपीक्स ने हमें हिला दिया।

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    UJJAl GORAI

    सितंबर 28, 2025 AT 10:53

    ओह, क्या ज़बरदस्त! बशर्ते आप फैंटेसी को गहनता के साथ नहीं समझते तो वहीं पर असफ़लता ही नज़र आती है।

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    Satpal Singh

    सितंबर 28, 2025 AT 12:00

    मैं मानता हूँ कि फ़िल्म ने दर्शकों को एक नई दिशा दिखाई, लेकिन हमें यह भी देखना चाहिए कि क्या यह दीर्घकालिक प्रभाव डालता है।

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    Devendra Pandey

    सितंबर 28, 2025 AT 13:06

    समीक्षा‑परक दृष्टिकोण से देखूँ तो, बॉक्स‑ऑफ़िस की सफलता के पीछे कई अनदेखे कारक हो सकते हैं, जिन्हें अभी अन्वेषण करना बाकी है।

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    manoj jadhav

    सितंबर 28, 2025 AT 14:13

    वाह, कितना शानदार काम हुआ है, सच में, दिल खोल कर देखो, यह फ़िल्म सबको एक साथ लाता है, बहुत ही प्रेरणादायक।

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    saurav kumar

    सितंबर 28, 2025 AT 15:20

    उत्साहवर्द्धक भूमिका ने दर्शकों को जोड़ दिया।

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    Ashish Kumar

    सितंबर 28, 2025 AT 16:26

    ऐसी फ़िल्में कभी‑कभी लोगों के दिल से जात नहीं जातीं, लेकिन यहाँ तो यही बात सच हो गई है।

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    Pinki Bhatia

    सितंबर 28, 2025 AT 17:33

    फ़िल्म की सांस्कृतिक प्रभाव को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि इसने विविध दर्शकों को एकजुट किया है।

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    NARESH KUMAR

    सितंबर 28, 2025 AT 18:40

    बहुत बढ़िया! 😊

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    Purna Chandra

    सितंबर 28, 2025 AT 19:46

    वही बात नहीं है, यह सिर्फ़ एक फिल्म नहीं बल्कि एक राज़ है कि कैसे लॉन्च‑पैड पर दोन्ही आयामों को स्मूदली मिलाया जाता है, और यह सब जनसामान्य को नहीं दिखाया जाता।

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    Mohamed Rafi Mohamed Ansari

    सितंबर 28, 2025 AT 20:53

    मैं इस परियोजना के उत्पादन प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान कर सकता हूँ; विशेषकर बजट allocation, post‑production workflow और वितरण रणनीति के संदर्भ में।

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    अभिषेख भदौरिया

    सितंबर 28, 2025 AT 22:00

    उत्कृष्ट कार्य, इस फ़िल्म ने हमें भविष्य की संभावनाओं की ओर आशावादी दृष्टिकोण प्रदान किया है, और इसकी सफलता हमें प्रेरित करती है।

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