भारती एंटरप्राइजेज का बीटी ग्रुप में हिस्सेदारी अधिग्रहण: ऐतिहासिक समझौता
भारती एंटरप्राइजेज, एक भारतीय बहुराष्ट्रीय समूह, ने हाल ही में घोषणा की है कि वे बीटी ग्रुप, जो यूके की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी है, में 24.5% हिस्सेदारी खरीदने जा रहे हैं। यह अधिग्रहण अल्टाइस यूके से किया जाएगा, और इस डील का मूल्य लगभग $4 बिलियन है। इस अधिग्रहण के बाद, भारती एंटरप्राइजेज बीटी ग्रुप का सबसे बड़ा शेयरधारक बन जाएगा, जो इस कंपनी की ताकत और दीर्घकालिक क्षमता में विश्वास को दर्शाता है।
पहला चरण: हिस्सेदारी का प्रारंभिक अधिग्रहण
इस समझौते के तहत, भारती एंटरप्राइजेज सबसे पहले 9.99% हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा, जो तुरंत प्रभावी होगा। बाकी 14.51% हिस्सेदारी विभिन्न नियामक अनुमोदनों के बाद खरीदी जाएगी। यह महत्वपूर्ण है कि भारती एंटरप्राइजेज यूके के राष्ट्रीय सुरक्षा और निवेश अधिनियम के तहत स्वैच्छिक मंजूरी के लिए आवेदन करेगा। यह निवेश न केवल बीटी ग्रुप की दीर्घकालिक संभावनाओं में विश्वास को दर्शाता है, बल्कि यूके के स्थिर व्यापारिक माहौल में भी भारती एंटरप्राइजेज का विश्वास है।
इस अधिग्रहण का बीटी ग्रुप के लिए महत्व
बीटी ग्रुप के सीईओ एलीसन किर्कबी ने इस निवेश का स्वागत किया और कंपनी के मजबूत ब्रांड पोर्टफोलियो और महत्वाकांक्षी परिवर्तन कार्यक्रम को उजागर किया। बीटी ग्रुप को वैश्विक टेलीकॉम उद्योग में अग्रणी बनाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने बीटी ग्रुप की रणनीति और प्रबंधन टीम पर विश्वास जताया और यूके तथा बीटी ग्रुप के भविष्य के लिए कंपनी की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
अल्टाइस की बीटी ग्रुप से विदाई
यह सौदा अल्टाइस के बीटी ग्रुप में शामिल होने का अंत भी दर्शाता है। अल्टाइस यूके फ्रांस-आधारित टेलीकॉम कंपनी अल्टाइस यूरोप एन.वी. का हिस्सा है, जिसे अरबपति पैट्रिक ड्राही ने स्थापित किया था। ड्राही को भारी कर्ज की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, और इस कारण यह डील उनके लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह डील बीटी ग्रुप के भविष्य और उसकी रणनीतिक दिशा की एक महत्वपूर्ण पुष्टि के रूप में देखी जा रही है।
अतीत से जुड़े रिश्ते
भारती एंटरप्राइजेज और बीटी ग्रुप के बीच एक लंबा इतिहास रहा है। 1997 से 2001 तक, बीटी ने भारती एयरटेल में 21% हिस्सेदारी और दो बोर्ड सीटें बनाई थीं। यह नया अधिग्रहण दोनों कंपनियों के बीच पुराने रिश्तों को फिर से जीवित करने का कार्य करेगा और साथ ही भारत और यूके के बीच कृत्रिम बुद्धिमत्ता, 5जी, और अनुसंधान और विकास के क्षेत्रों में संजाल मजबूत करेगा।
समाप्ति
इस डील को लेकर भारती एंटरप्राइजेज ने स्पष्ट किया है कि वे पूरे बीटी ग्रुप को खरीदने की पेशकश नहीं करेंगे और यूके टेकओवर कोड का पालन करेंगे। यह निवेश बीटी ग्रुप और यूके दोनों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जो इस बात को दर्शाता है कि बड़े निवेशक कंपनी की रणनीति और प्रबंधन पर विश्वास करते हैं।
गत वर्षों में, बीटी ग्रुप ने अपनी सेवाओं और बाजार उपस्थिति में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके साथ ही, भारती एंटरप्राइजेज की यह निवेश नीति दोनों कंपनियों के लिए बेहतर संभावनाएं ला सकती है। यही कारण है कि यह डील भारतीय और ब्रिटिश दोनों दूरसंचार उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।