मैच का महत्व और पृष्ठभूमि
दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में 26 सितंबर को तय होने वाला यह खेल, Asia Cup 2025 के सुपर फोर चरण का छठा मुकाबला है। भारत ने अपनी पहले से ही पक्की जगह फाइनल में कर ली है, जहाँ वो पाकिस्तान के खिलाफ टाइटल लड़ेंगे। दूसरी तरफ, श्रीलंका ने बांग्लादेश और पाकिस्तान दोनों से हार कर टूरनमेंट से बाहर हो गया है, इसलिए यह खेल उनके लिये बस एक शोकेस बन गया है।
भारत के लिए यह मुकाबला एक महत्त्वपूर्ण India vs Sri Lanka ड्रेस रीहर्सल माना जा रहा है। टीम ने अभी तक अपना अंतिम XI नहीं बदलाया, लेकिन मैच के निष्पक्ष स्वरूप को देखते हुए कोचिंग स्टाफ ने खेल के दौरान कुछ प्रयोग करने की योजना बनायी है। यह अवसर विशेषकर मध्य क्रम के बल्लेबाजों को अपनी फ़ॉर्म को स्थिर करने का हो सकता है, जिन्होंने टॉर्नामेंट में निरंतरता नहीं दिखाई।
टीम की संभावित बदलाव और मुख्य खिलाड़ी
भारत की टीम फ़ॉर्मेट में अब तक के प्रदर्शन को देखते हुए, अप्पर ऑर्डर में अभिषेक शर्मा, शुबमन गिल और सूर्यकुमार यादव (कप्तान) ने काफी भरोसेमंद खेल दिखाया है। टिलक वर्मा और संजू सैमसन ( विकेटकीपर) के साथ हार्दिक पांड्या, अक्सर पटेल, हर्षित राणा, कुलदीप यादव, अर्शदीप सिंह और वरुण चक्रवर्ती ने टीम को संतुलित किया है। लेकिन कोचिंग स्टाफ शायद मध्य क्रम में एक या दो नई चीज़ें देखना चाहेंगे, जैसे कि हर्षित राणा को थोड़ा रिमूव करके किसी युवा खिलाड़ी को मौका देना।
श्रीलंका की ओर से चारिथ असालन्का (कप्तान) के नेतृत्व में पथु्म निस्सांका, कुशल मेंदी (विकेटकीपर), कुशल पेरेरा, जनीथ लियानगे, कमिंदु मेंदी, दसन शानाका, वानिंदु हसरंगा, दुश्मंथा चैमेरा, माहेश थीकशाना और नुवान थुशारा ने लिस्ट तय की है। उनके पास कुछ अनुभवी नाम हैं, परन्तु टीम को टॉपिंग फॉर्म में लाने के लिये नई ऊर्जा की जरूरत होगी।
सबसे बड़ी बात यह है कि भारतीय मध्य क्रम के बल्लेबाज – विशेषकर शुबमन गिल और सूर्यकुमार यादव – ने अभी तक पूरी तरह से अपनी पिंच नहीं दिखाई है। उनका परफॉर्मेंस टॉर्नामेंट में कभी‑कभी चमके, लेकिन निरंतर नहीं रहा। इस मैच को वे एक लिविंग लैब की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं, जहाँ वे विभिन्न साझेदारी स्ट्रैटेजी आज़मा सकें।
साथ ही, पिच की विशेषताएँ भी ध्यान में रखनी होंगी। दुबई की पिच आमतौर पर रॉलिंग बॉल्स देती है, जिससे तेज़ गेंदबाज़ी की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। भारत के तेज़ गेंदबाजों – जैसे कि हार्दिक पांड्या और वारुण चक्रवर्ती – को इस कंडीशन में अपना दबाव दिखाना पड़ेगा, जबकि श्रीलंका के वानिंदु हसरंगा और दुश्मंथा चैमेरा भी इस अवसर का फायदा उठाने की कोशिश करेंगे।
आखिरकार, यह मुकाबला दोनों टीमों के लिये अलग-अलग मायने रखता है। भारत इसे फाइनल की तैयारी के रूप में देख रहा है, जबकि श्रीलंका के खिलाड़ियों को अपनी शौक़ीन फॉर्म दिखाने का एक आखिरी मौका मिला है। आने वाले दिनों में टीम मेनेजर्स के फैसले और खेल के दौरान दिखाए गये व्यावहारिक कदम ही तय करेंगे कि इस डेड रबर में किसका फायदा होगा।