नए राज्यपालों की घोषणा
हाल ही में राष्ट्रपति भवन ने असम, मणिपुर और मेघालय के राज्यपालों की नियुक्ति में बड़े बदलावों की घोषणा की है। यह फैसला न केवल इन राज्यों के राजनीतिक परिदृश्य को बदलने वाला है, बल्कि यह नया जोश और दिशा देने की भी संभावना रखता है। लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, जो वर्तमान में सिक्किम के राज्यपाल हैं, को असम का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है और साथ ही उन्हें मणिपुर का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है। इसके साथ ही, पूर्व संसद सदस्य सीएच विजयशंकर को मेघालय का राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
लक्ष्मण प्रसाद आचार्य की नई भूमिका
लक्ष्मण प्रसाद आचार्य की नियुक्ति एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, खासकर तब जब मणिपुर में जातीय संघर्ष और अशांति का माहौल है। उनकी संगठात्मक और विधायी अनुभव के कारण असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने उनके इस पद पर नियुक्त होने का स्वागत किया है। सरमा ने आचार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके पास गरीबों को सशक्त बनाने का गहन अनुभव है, जो राज्य के लिए फायदेमंद होगा।
इसके साथ ही आचार्य का मणिपुर का अतिरिक्त प्रभार भी रखा गया है, जहां की स्थिति वर्तमान में संवेदनशील है। पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उइके, जो पहले छत्तीसगढ़ की राज्यपाल थीं, फरवरी 2022 में मणिपुर की राज्यपाल नियुक्त हुई थीं। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने राहत शिविरों में रह रहे विस्थापित लोगों की स्थितियों के प्रति गंभीर चिंता व्यक्त की थी।

गुलाब चंद कटारिया की नई जिम्मेदारी
असम के वर्तमान राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, जिन्होंने फरवरी 2022 में इस पद को संभाला था, अब पंजाब के राज्यपाल का पदभार संभालेंगे। कटारिया ने राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में भी कार्य किया है। इसके साथ ही, उन्हें चंडीगढ़ के संघ राज्य क्षेत्र के प्रशासक के रूप में भी नियुक्त किया गया है।
कटारिया के मार्गदर्शन में असम सरकार को कई महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त हुए हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने भी स्वीकार किया है। कटारिया का असम में संगठनात्मक अनुभव और राजनीतिक पहचान राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बदलाव लाने में मददगार रहा है।
सीएच विजयशंकर का मेघालय में योगदान
सीएच विजयशंकर, जिनका राजनीतिक करियर तीन दशकों से अधिक का रहा है, मुख्यतः भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ जुड़े रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के साथ भी राजनीतिक सफर तय किया है, लेकिन उनका प्रमुख योगदान बीजेपी के साथ ही रहा है। अब वे फागू चौहान की जगह मेघालय के राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालेंगे।
विजयशंकर की राजनीतिक और संगठनात्मक समझ उनके नए पदभार में उनके लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। मेघालय के संवेदनशील राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य में विजयशंकर का अनुभव राज्य के विकास में सहायक हो सकता है।

अन्य महत्वपूर्ण नियुक्तियां
इसके अतिरिक्त, रमेन देका को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त किया गया है, जबकि त्रिपुरा के जिष्णु देव वर्मा को तेलंगाना का राज्यपाल बनाया गया है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने जिष्णु देव वर्मा को उनकी नई नियुक्ति के लिए बधाई दी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री मोदी का इस फैसले के लिए धन्यवाद दिया।
ये बदलाव न केवल इन राज्यों के राजनीतिक परिदृश्य को बदल सकते हैं, बल्कि उन्हें एक नई दिशा और ऊंचाई देने की क्षमता भी रखते हैं। नए राज्यपालों की नियुक्ति से इन राज्यों को राजनीतिक स्थिरता मिलने की संभावना है, जबकि उनके अनुभव और संगठनात्मक समझ उनके कार्यकाल को प्रभावशाली बना सकती है।
LEO MOTTA ESCRITOR
जुलाई 29, 2024 AT 18:50असम, मणिपुर और मेघालय में नए राज्यपालों का चुनाव एक सकारात्मक परिवर्तन जैसा दिखता है। हमारे देश में विविधता को साकार करने के लिए यह एक अच्छा संकेत है। मैं आशा करता हूँ कि इन नेताओं के अनुभव से प्रदेशों में विकास की नई दिशा मिलेगी। सबको मिलजुल कर एक बेहतर भविष्य बनाने की कोशिश करनी चाहिए। यह बदलाव हमारे सामाजिक एकता को और मजबूत करेगा।
Sonia Singh
जुलाई 29, 2024 AT 19:06बहुत ही दिलचस्प बदलाव हैं, और देखना मज़ेदार रहेगा कि ये नई नियुक्तियां जमीन पर कैसे काम करती हैं। सभी के सहयोग से यह प्रदेशों के लिए एक नई ऊर्जा ला सकता है।
Ashutosh Bilange
जुलाई 29, 2024 AT 19:23अरे यार, ये खबर सुनते ही मेरा दिल गरम हो गया! क्या बात है, लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को असम और मणिपुर दोनों का प्रभार देना, वाकई में एक बड़ी बात है। यह बताता है कि हमारे राजनैतिक दिमाग में अब कितनी तगड़ी सोच है। अजीब नहीं लगता कि एक ही इंसान को दो ऐसे जटिल प्रदेशों की जिम्मेदारी देना, लेकिन इस बार देखेंगे शायद क्या परिवर्तन आता है। मणिपुर की जातीय तनाव वाली हालत को देखते हुए, उनका अनुभव काम आएगा, ऐसा ही लगता है। मेघालय में सीएच विजयशंकर का नाम भी बहुत सराहनीय है, उनका तीन दहाकों का राजनैतिक सफर इस क्षेत्र को नई दिशा देगा। इस प्रकार के बदलाव अधिकतर लोगों को आशा देते हैं कि देश की प्रबंधन में ज़्यादा पारदर्शिता आएगी। लेकिन साथ ही, ये भी सच है कि एक ही समय में कई जिम्मेदारियां संभालना आसान नहीं होता, इसलिए उन पर थ्रोटलिंग हो सकती है। फिर भी, अगर वे अपने अनुभव का सही उपयोग करें तो असम में भी नई पहल और विकास हो सकता है। ऐसे में सभी राजनीतिक वर्गों को मिलकर काम करना चाहिए, नहीं तो किसी भी प्रदेश को स्थिरता नहीं मिलेगी। मैं तो यही कहूँगा कि इस नई नियुक्ति को देख कर कुछ बड़ा हो सकता है। आशा है कि राज्यपाल अपने कर्तव्यों को निष्ठा से निभाएंगे और स्थानीय लोगों के साथ संवाद स्थापित करेंगे। इस तरह के कदम से नयी अधिपति की भूमिका में राष्ट्र की ताकत बढ़ेगी। अब हमारा सपना यह है कि प्रदेशों में शांति और विकास का माहौल बना रहे। अंत में, मैं बस यही कहना चाहता हूँ कि ये बदलाव हमारे लोकतंत्र की शक्ति को दर्शाते हैं और हमें उम्मीद है कि यह सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेगा।
Kaushal Skngh
जुलाई 29, 2024 AT 19:40बहुत देर से आया हूँ, लेकिन नया गवर्नर ठीक लग रहा है।
Harshit Gupta
जुलाई 29, 2024 AT 19:56देश के भविष्य को देखो, हमारे राष्ट्रीय गौरव की बात है ये नियुक्तियां। असम, मणिपुर और मेघालय के राज्यपालों को बदलकर हमारे राष्ट्रीय हित को प्रमुखता दी गई है। यह हमारे संविधान के सिद्धांतों के तहत सही कदम है, और इसे समझना चाहिए सभी को। हमें इस पहल को पूरा समर्थन देना चाहिए क्योंकि यह भारतीय एकता को और मजबूत करेगा। किसी भी तरह की विरोधी बातों को अस्वीकार किया जाना चाहिए।
HarDeep Randhawa
जुलाई 29, 2024 AT 20:13सच में, बहुत ही रोमांचक बदलाव है!!! हमारे देश की प्रगति के लिए यह एक नई दिशा है!!! सभी को इस परिवर्तन को खुले दिल से अपनाना चाहिए!!!