7 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश में महर्षि वाल्मीकि जयंती पर स्कूल बंद

7 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश में महर्षि वाल्मीकि जयंती पर स्कूल बंद

Saniya Shah 3 नव॰ 2025

7 अक्टूबर, 2025 को उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद रहेंगे — न कोई कक्षा, न कोई ट्यूशन, न कोई बस। ये छुट्टी किसी आम बुधवार की तरह नहीं है। ये है महर्षि वाल्मीकि की जयंती, जिन्होंने अपनी लिखी रामायण के जरिए भारत की सांस्कृतिक आत्मा को आकार दिया। ये छुट्टी सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि एक ऐसी परंपरा है जो हजारों साल पुरानी है — और अभी भी जिंदा है।

क्यों इतनी जोर से मनाई जाती है ये जयंती?

महर्षि वाल्मीकि को भारतीय साहित्य के पहले कवि के रूप में जाना जाता है। रामायण न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि एक सामाजिक नीति, नैतिक शिक्षा और भाषा की कला का खजाना है। उनका जन्म अश्विन माह की पूर्णिमा को होता है — जो 2025 में 7 अक्टूबर को पड़ रही है। इस दिन उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग ने आधिकारिक आदेश जारी किया है: सभी सरकारी स्कूल, उच्च विद्यालय और अनुदानित संस्थान बंद रहेंगे। दिल्ली और मध्य प्रदेश ने भी इसी तरह का आदेश जारी किया है।

लेकिन ये छुट्टी सिर्फ उत्तर भारत तक सीमित नहीं है। हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में पिछले कई सालों से यह छुट्टी दी जा रही है। क्यों? क्योंकि यहाँ महर्षि वाल्मीकि के अनुयायी, वाल्मीकि समुदाय, बड़ी संख्या में रहते हैं। उनके घरों में ये दिन धार्मिक उत्सव की तरह मनाया जाता है — भजन, कथा, रामायण पाठ और सामुदायिक भोज के साथ।

क्या सभी स्कूल बंद होंगे?

सरकारी स्कूलों के लिए तो जवाब साफ है — हाँ। लेकिन निजी स्कूलों के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। कुछ निजी संस्थान छुट्टी देंगे, कुछ नहीं। कुछ अंग्रेजी माध्यम वाले स्कूल अपने अकादमिक कैलेंडर के हिसाब से चलते हैं। इसलिए माता-पिता को अपने बच्चे के स्कूल के वेबसाइट या एप पर जाकर जाँच करना चाहिए।

कुछ शहरों में तो ये छुट्टी इतनी गहरी जड़ों से जुड़ी है कि बाजार भी बंद रहते हैं। लखनऊ के बुरहानपुर इलाके में, जहाँ वाल्मीकि समुदाय का बड़ा आबादी है, यहाँ के दुकानदार स्वयं बंद रहते हैं। बिहार और झारखंड में भी इस दिन कुछ जिलों में स्कूल बंद होते हैं — लेकिन ये जिला-स्तरीय फैसला है, राज्य का नहीं।

रामायण का इतिहास: क्या वाल्मीकि वास्तव में इसे लिखे थे?

इतिहासकार अभी तक ये बात पर सहमत नहीं हैं कि रामायण को एक ही व्यक्ति ने लिखा। लेकिन ये बात निश्चित है कि महर्षि वाल्मीकि के नाम से जुड़ी एक परंपरा है जो कम से कम 2500 साल पुरानी है। वैज्ञानिक अनुमानों के मुताबिक, रामायण की रचना 5वीं और 4वीं शताब्दी ईसा पूर्व के बीच हुई। ये भाषा, छंद और संरचना से साबित होता है।

वाल्मीकि की कहानी खुद एक अद्भुत उतार-चढ़ाव है। कहते हैं, वह एक डकैत थे — जिसने एक ब्राह्मण की हत्या की। फिर उन्हें भगवान शिव ने दर्शन दिए और उन्हें ‘राम’ का जाप करने को कहा। उन्होंने इसे 12 साल तक किया — इतना कि उनके शरीर पर चींटियों के अंडे बन गए। जब उन्हें वापस जागने का अनुभव हुआ, तो उनकी आँखों से आँसू बह रहे थे। उन्होंने यही आँसू शब्दों में बदलकर रामायण लिख डाला।

इस छुट्टी का क्या महत्व है आज के बच्चों के लिए?

आज के बच्चे जिस तरह से ब्रह्मांड और AI के बारे में सीखते हैं, वैसे ही उन्हें अपनी जड़ों के बारे में भी जानना चाहिए। महर्षि वाल्मीकि जयंती एक ऐसा अवसर है जहाँ स्कूल बच्चों को रामायण के उन अध्यायों से रूबरू कराते हैं — जहाँ राम अपने बाप के आदेश का पालन करते हैं, जहाँ लक्ष्मण भाई के लिए अपनी जान देने को तैयार होते हैं, जहाँ सीता अपनी इज्जत के लिए आग में कूदती हैं। ये सब कहानियाँ आज भी बच्चों के लिए जीवन के नैतिक सिद्धांत सिखाती हैं।

कुछ स्कूलों में इस दिन बच्चे रामायण के गीत गाते हैं, कुछ नाटक करते हैं। एक दिल्ली के स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा — ‘हम ये छुट्टी सिर्फ बंद करने के लिए नहीं देते। हम इसे एक शिक्षा के अवसर के रूप में देखते हैं।’

अगले कदम क्या हैं?

2025 के बाद भी ये छुट्टी बनी रहेगी। लेकिन क्या इसे राष्ट्रीय छुट्टी बनाया जा सकता है? अभी तक नहीं। क्योंकि भारत का शिक्षा विभाग राज्यों के हाथ में है। लेकिन अगर कोई राज्य इसे अपनी शिक्षा नीति का हिस्सा बना दे — जैसे तमिलनाडु ने तिरुवल्लुवर जयंती को किया — तो ये छुट्टी और भी गहरी जड़ें डाल सकती है।

इस साल, जब आप अपने बच्चे को घर पर बैठे देखेंगे — तो उन्हें रामायण का एक अध्याय पढ़ाएं। ये छुट्टी बस एक दिन नहीं, बल्कि एक अवसर है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या दिल्ली के सभी स्कूल 7 अक्टूबर को बंद रहेंगे?

हाँ, दिल्ली सरकार ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि 7 अक्टूबर, 2025 को सभी सरकारी और अनुदानित स्कूल बंद रहेंगे। निजी स्कूलों के लिए यह वैकल्पिक है, लेकिन ज्यादातर निजी संस्थान भी इस दिन छुट्टी देते हैं, खासकर जहाँ वाल्मीकि समुदाय की संख्या अधिक है।

महर्षि वाल्मीकि के बारे में क्या जानना जरूरी है?

महर्षि वाल्मीकि को भारतीय साहित्य के पहले कवि माना जाता है, जिन्होंने रामायण की रचना की। उनका जन्म एक डकैत के रूप में हुआ था, लेकिन उन्होंने भक्ति और तपस्या से जीवन बदल लिया। उनकी कविता ने संस्कृति, नैतिकता और धर्म की नींव रखी।

क्या कोलेज और विश्वविद्यालय भी बंद रहेंगे?

नहीं, ज्यादातर राज्यों में कॉलेज और विश्वविद्यालय इस दिन खुले रहते हैं। छुट्टी केवल प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों तक सीमित है। हालाँकि, कुछ संस्थान जैसे वाल्मीकि आश्रम या धार्मिक संस्थानों में विशेष कार्यक्रम हो सकते हैं।

क्या इस दिन बैंक या सरकारी दफ्तर बंद होते हैं?

यह राज्य के अनुसार अलग-अलग है। उत्तर प्रदेश और दिल्ली में कुछ सरकारी दफ्तर बंद रह सकते हैं, लेकिन बैंक आमतौर पर खुले रहते हैं। ये छुट्टी राष्ट्रीय स्तर पर अनिवार्य नहीं है — इसलिए बैंकों का निर्णय अपने आंतरिक नीति के अनुसार होता है।

क्या इस छुट्टी का कोई ऐतिहासिक प्रमाण है?

हाँ। 2015 से लेकर 2024 तक, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा ने लगातार इस दिन स्कूल बंद किए हैं। यह एक नियमित और स्थिर प्रथा है, जिसे शिक्षा विभाग अपने कैलेंडर में शामिल करते हैं।

2025 में ये छुट्टी क्यों इतनी महत्वपूर्ण है?

क्योंकि यह दिन गांधी जयंती और विजयादशमी के बाद आ रहा है — जिसके बाद दिवाली का मौसम शुरू हो रहा है। यह अक्टूबर का चौथा बड़ा सांस्कृतिक अवसर है। इसलिए यह बच्चों को भारतीय धार्मिक और साहित्यिक विरासत के बारे में लगातार याद दिलाता है।