विवादित बयान के बाद मणिशंकर अय्यर ने मांगी माफी, कांग्रेस ने किया खुद को अलग

विवादित बयान के बाद मणिशंकर अय्यर ने मांगी माफी, कांग्रेस ने किया खुद को अलग

मानसी विपरीत 29 मई 2024

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर का विवादित बयान

साल 1962 के चीन-भारत युद्ध को लेकर अय्यर द्वारा दिए गए विवादित बयान ने एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। 28 मई, 2024 को विदेशी संवाददाता क्लब में एक आयोजन के दौरान दिए गए इस बयान में उन्होंने 1962 में हुई चीनी सेना के आक्रमण को 'कथित चीनी आक्रमण' कह दिया था। इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर आक्रोश फैल गया और उन्होंने भारतीय राजनेता व आम जनता के गुस्से का सामना करना पड़ा।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस पार्टी ने तेजी से इस विवाद को संभालने की कोशिश की। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने साफ किया कि अय्यर के इस बयान से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि अय्यर ने अपने इस बयान पर 'अनारक्षित माफी' मांगी है और उन्होंने गलती से 'कथित आक्रमण' शब्द का इस्तेमाल किया था।

प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष

इस मुद्दे पर अपने बयान में जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने मई 2020 में चीनी सेना की भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ के मामले में उन्हें 'क्लीन चिट' दी थी। यह आरोप एक बार फिर राजनीतिक मंच पर गूंजी और कांग्रेस तथा भाजपा के बीच मौजूदा तनाव को और बढ़ाया।

भाजपा का जवाब

दूसरी ओर, भाजपा ने इस मौके को हाथ से जाने नहीं दिया। पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस पर 'चीनी प्रेम' का आरोप लगाते हुए कहा कि यह बयान उनके 'पुनर्लेखन' का एक और उदाहरण है। मालवीय ने कहा कि कांग्रेस अपने इतिहास को मिटाने और चीनी सरकार के समर्पण में लगी हुई है।

सोशल मीडिया का असर

सोशल मीडिया पर अय्यर के इस बयान की भारी निंदा हुई। लोगों ने इसे राष्ट्रीय अपमान बताते हुए कहा कि 1962 के युद्ध में भारतीय सैनिकों की शहादत का अपमान किया गया है। कई प्रमुख व्यक्तियों और राजनीतिक नेताओं ने इस बयान की आलोचना की और इसे तत्काल वापस लेने की मांग की।

मणिशंकर अय्यर की सफाई

तत्काल बाद ही, मणिशंकर अय्यर ने अपने बयान पर सफाई देते हुए माफी मांगी। उन्होंने कहा कि उनका आशय यह कदापि नहीं था कि वे 1962 के युद्ध के महत्व को कम आंक रहे हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने गलत शब्दों का चयन किया और इसके लिए वे अनारक्षित माफी मांगते हैं।

राजनीतिक माहौल पर असर

इस विवाद का असर भारतीय राजनीतिक माहौल पर साफ दिखाई दिया। जहां एक ओर कांग्रेस ने अय्यर के बयान से दूरी बना ली है, वहीं भाजपा ने इस मौके को कांग्रेस पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किया। इस विवाद ने यह भी दर्शाया कि 1962 का युद्ध अभी भी भारतीय समाज में एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है।

निष्कर्ष

मणिशंकर अय्यर के 'कथित चीनी आक्रमण' वाले बयान ने एक बड़ा विवाद पैदा कर दिया है। यह विवाद भारतीय राजनीति में पिछले कुछ समय से बढ़ते ध्रुवीकरण और तनाव को और बढ़ा रहा है। जहां कांग्रेस ने इससे खुद को अलग कर लिया है, वहीं भाजपा ने इसे अपने राजनीतिक फायदे के रूप में इस्तेमाल करने का प्रयास किया है। इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि राजनीतिक बयानबाजी को लेकर सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

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