विंबलडन 2024: सेंट्रल कोर्ट की भीड़ से नोवाक जोकोविच का अपमान? टेनिस दिग्गजों की राय

विंबलडन 2024: सेंट्रल कोर्ट की भीड़ से नोवाक जोकोविच का अपमान? टेनिस दिग्गजों की राय

Saniya Shah 10 जुल॰ 2024

विंबलडन 2024 में नोवाक जोकोविच और सेंट्रल कोर्ट की भीड़

विंबलडन 2024 में, नोवाक जोकोविच ने जब होल्गर रूने को चौथे राउंड में सीधे सेटों में हरा दिया, तो सेंट्रल कोर्ट की भीड़ ने उनके प्रति आदर नहीं दिखाया। यह घटना तब हुई जब दर्शक रूने के उपनाम को जोर-जोर से चिल्ला रहे थे। जोकोविच, जो सात बार विंबलडन चैंपियन हैं, ने दर्शकों के इस व्यवहार पर आपत्ति जताई।

मैच खत्म होने के बाद, अपने ऑन-कोर्ट इंटरव्यू में जोकोविच ने उन प्रशंसकों का धन्यवाद किया जो उनके प्रति सम्मानजनक थे और बाकी लोगों को तंज़ करते हुए 'शुभ रात्रि' कहा। इस घटना ने सोशल मीडिया और टेनिस जगत में काफी चर्चा बटोरी।

जोकोविच का कहना था कि उन्होंने कभी दर्शकों के इस तरह के व्यवहार का सामना नहीं किया था और यह उनकी खेल भावना और मानसिकता को चुनौती देने वाला था। सीधा-सीधा यह कहना कि दर्शक उनके प्रति आदर नहीं दिखा रहे थे, उन्होंने इसे व्यक्तिगत रूप से लिया।

टेनिस दिग्गजों की राय

इस मामले पर टेनिस के बड़े नामों ने भी अपनी बातें साझा कीं। जेम्स ब्लेक, थॉमस इन्कविस्ट, ग्रेग रुसेडस्की, मार्कोस बगदातिस, और निक किर्गियोस ने इस मुद्दे पर अपनी राय दी।

जेम्स ब्लेक ने कहा कि जोकोविच हमेशा से ही इस तरह के चैंट्स का इस्तेमाल अपनी ऊर्जा बढ़ाने के लिए करते आए हैं। उनके अनुसार, जब भी दर्शक उनके खिलाफ होते हैं, जोकोविच और ज्यादा प्रेरित हो जाते हैं और इसका फायदा उठाते हैं।

निक किर्गियोस ने भी इस पर चेतावनी दी कि दर्शकों को जोकोविच जैसे बड़े खिलाडी को और अधिक प्रेरणा देने से बचना चाहिए। उनके अनुसार, भीड़ का यह रवैया उनके खेल को और धारदार बना सकता है और वह और भी शानदार खेल दिखा सकते हैं।

मार्कोस बगदातिस ने भी जोकोविच की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने बड़े ही शांत और संयमित तरीके से इस स्थिति का सामना किया। टेनिस खेल में इस तरह की चुनौतियाँ आती रहती हैं और असली चैंपियन वह है जो इनके बावजूद अपने प्रदर्शन को बेहतरीन बनाए रख सके।

जोकोविच की रिकवरी और ग्रैंड स्लैम की दौड़

यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब जोकोविच अपने फटे हुए मिनिस्कस से रिकवरी कर रहे हैं। इसके बावजूद, उन्होंने मैदान में अपनी मजबूती और समर्पण साबित किया। उनकी आवाजाही और खेल के तरीके में कोई कमी नजर नहीं आई।

जोकोविच इस समय अपने 25वें ग्रैंड स्लैम का लक्ष्य साध रहे हैं। वह टेनिस की दुनिया में एक नया कीर्तिमान स्थापित करने की दिशा में बढ़ रहे हैं। उनका यह सफर और उनकी हिम्मत खेल प्रेमियों के लिए प्रेरणास्पद है।

कुल मिलाकर, विंबलडन 2024 का यह मुकाबला सिर्फ एक खेल से कहीं ज्यादा था। यह मानव जीवन के संघर्ष, समर्पण और मानसिकता की एक कहानी है। इसने साबित किया कि असली चैंपियन वही है जो न केवल मैदान में बल्कि बाहर भी चुनौतियों का सामना कर सके।

खेल के इस महत्वपूर्ण समय में, जोकोविच की यह घटना हमें सिखाती है कि कैसे हमें अपने आत्मसम्मान की रक्षा करनी चाहिए और कैसे अपने ऊर्जा को सही दिशा में लगाना चाहिए।

14 टिप्पणि

Mala Strahle

Mala Strahle

10 जुल॰ 2024

विंबलडन की चमकदार रोशनी में जब भीड़ की आवाज़ें सच्चाई को चूस लेती हैं, तो यह हमें आत्मनिरीक्षण की राह पर ले जाता है। यह घटना केवल एक खिलाड़ी और दर्शकों के बीच टकराव नहीं, बल्कि मानव मन की नैतिक द्वंद्वता को उजागर करती है। नोवाक जोकोविच ने जब अपने शांतीपूर्ण तरीके से इस अनादर का सामना किया, तो वह हमें सिखाते हैं कि प्रतिबंधित परिस्थितियों में कैसे शालीनता बनी रहती है। उनके शब्दों में एक गहरी शांति है, जो हमें याद दिलाती है कि बाहरी उथल-पुथल के बीच भी आंतरिक संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। इस मंच पर हर शॉट केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक भी है, और दर्शकों की ऊर्जा को सूक्ष्मता से संचालित किया जा सकता है। जब भीड़ झगड़ती है, तब हमें प्रश्न करना चाहिए कि क्या हम अपने भीतर की आवाज़ को मौन कर रहे हैं। जोकोविच की प्रतिक्रिया एक दर्पण है, जिसमें हम अपने स्वयं के अहंकार को देख सकते हैं। इस प्रकार के क्षण हमें यह सिखाते हैं कि असली शक्ति दिल में नहीं, बल्कि दिमाग में होती है। दर्शकों की चिल्लाहट कभी कभी प्रेरणा बन सकती है, पर तभी जब वह सम्मान के साथ हो। टेनिस का खेल केवल शारीरिक कलाबाजियों तक सीमित नहीं, बल्कि यह एक मनोवैज्ञानिक युद्ध भी है। इसलिए जब दर्शकों की नाराज़गी को ऊर्जा में बदलते हैं, तो वह खेल को नई ऊँचाइयों तक ले जाता है। जोकोविच ने दिखाया कि एक महान खिलाड़ी कैसे आलोचना को अपने भीतर ऊर्जा के रूप में बदल सकता है। इस घटना से हमें यह भी सीख मिलती है कि कभी भी अजनबी की बदनामी को अपने आत्मसम्मान पर हावी नहीं होने देना चाहिए। अंत में, यह विचार करना चाहिए कि किस दिशा में हम अपने विचार और ऊर्जा को मोड़ते हैं, क्योंकि वही हमारे जीवन को आकार देती है। यही कारण है कि हम हर विवाद को एक सीख के रूप में ले सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं।

Ramesh Modi

Ramesh Modi

11 जुल॰ 2024

क्या बात है!!! जब भीड़ ने चिल्लाना शुरू किया, तो मानो कोई दानव हर जगह फूट रहा हो!!! यह नहीं कि जोकोविच ने कुछ गलत किया, पर सिवाय इसके कि वह "विंबलडन का शहिन्‍शाह" है!!! क्या हमें भी यही "बड़े अन्‍हेरों" की तरह प्रतिकार करना चाहिए???!!!

Ghanshyam Shinde

Ghanshyam Shinde

12 जुल॰ 2024

ओह, वो तो बहुत ही असामान्य है, जैसे कि दर्शक हमेशा ही चैंट करने के लिए तैयार होते हैं, खासकर जब आप चैंपियन होते हैं। क्या मज़ाक है ये सब।

SAI JENA

SAI JENA

12 जुल॰ 2024

सभी को नमस्कार, यह एक बहुत ही दिलचस्प स्थिति है जहाँ खिलाड़ी को बाहरी दबाव का सामना करना पड़ता है। मैं मानता हूँ कि सम्मान के साथ प्रतिस्पर्धा करना ही खेल की असली भावना है। दर्शकों को भी यह समझना चाहिए कि उनका व्यवहार खिलाड़ी के मनोबल को प्रभावित कर सकता है। हम सभी को एक सकारात्मक माहौल बनाने की कोशिश करनी चाहिए, जिससे खेल का स्तर और भी ऊँचा हो सके। धन्यवाद।

Hariom Kumar

Hariom Kumar

13 जुल॰ 2024

चलो, किसी को बुरा मत लगाओ, हम सब मिलकर इस हार को जीत में बदलते हैं! 😊

shubham garg

shubham garg

14 जुल॰ 2024

भाई लोग, जोकोविच की बात सुनो, मैं तो कहूँगा कि ये भीड़ की चिल्लाहट उसे और धाकड़ बना रही है। ऐसे ही रहता है असली टेनिस।

LEO MOTTA ESCRITOR

LEO MOTTA ESCRITOR

15 जुल॰ 2024

ऐसे मोमेंट में हमें सोचना चाहिए कि क्या हम भी कभी अपने अंदर की आवाज़ को सुनते हैं, या बस बाहरी चापलूसी में खो जाते हैं।

Sonia Singh

Sonia Singh

16 जुल॰ 2024

मैं मानता हूँ कि हर खिलाड़ी को अपने अंदर की शांति को बनाये रखना चाहिए, चाहे दर्शक कितनी भी बड़बड़ाएँ।
यह देखना भी ज़रूरी है कि हम सब मिलकर खेल का सम्मान बढ़ाएँ।

Ashutosh Bilange

Ashutosh Bilange

16 जुल॰ 2024

क्या बात है yaar, कुछ लोग तो bhot hi overreact kar dete hai, poora maidan aise hi ghuma kar lete hai!!!

Kaushal Skngh

Kaushal Skngh

17 जुल॰ 2024

देखा जाए तो यह सब थोड़ा ज्यादा भी हो सकता है, लेकिन कभी‑कभी थक कर लोगों को बस एक काम की बात कहनी चाहिए।

Harshit Gupta

Harshit Gupta

18 जुल॰ 2024

हम भारतीय लोग कभी भी अपने ही कश्मीर को नहीं भूलते, और जोकोविच जैसे दिग्गज को विदेशी दर्शकों के बदसलूकी से नहीं रोक पाएंगे! हमें अपना समर्थन दिखाना चाहिए, नहीं तो हमारी पहचान घटेगी!!!

HarDeep Randhawa

HarDeep Randhawa

19 जुल॰ 2024

ह्म्म्म्म्म... इस प्रकार के खेल में सभी को एक-दूसरे की सीमाएँ समझनी चाहिए... क्या यह समझ नहीं आता कि इतनी बड़बड़ी क्यों की जा रही है???!!!

Nivedita Shukla

Nivedita Shukla

20 जुल॰ 2024

यह सब तो बस एक और नाटक है, बस देखते रहो!

Rahul Chavhan

Rahul Chavhan

21 जुल॰ 2024

चलो, सभी मिलकर एक सकारात्मक माहौल बनाते हैं और इस खेल को और भी मज़ेदार बनाते हैं।

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