Tata Harrier EV बनाम Mahindra XEV 9e: कीमत, रेंज, AWD और फीचर्स में कौन बेहतर सौदा?

Tata Harrier EV बनाम Mahindra XEV 9e: कीमत, रेंज, AWD और फीचर्स में कौन बेहतर सौदा?

Saniya Shah 9 सित॰ 2025

कीमत, रेंज और परफॉर्मेंस: कागज़ पर कौन आगे, रोड पर कौन फिट?

कीमतें करीब-करीब हैं, पर प्राथमिकताएं अलग हैं। Tata Harrier EV की दिल्ली एक्स-शोरूम कीमत 21.49 लाख रुपये से शुरू होती है, जबकि Mahindra XEV 9e 21.90 लाख रुपये से। ऑन-रोड तुलना में भी हरियर थोड़ी हल्की पड़ती है—करीब 31.91 लाख रुपये बनाम 32.98 लाख रुपये (दिल्ली संदर्भ)। राज्यों के टैक्स और इंश्योरेंस से ये बिल बदल सकता है, लेकिन शुरुआती बढ़त टाटा के पास है।

रेंज और बैटरी ऑप्शन पर महिंद्रा तेज है। XEV 9e दो पैक देती है—59 kWh और 79 kWh। बड़े पैक का क्लेम्ड रेंज 656 किमी तक है। हरियर EV में 65 kWh और 75 kWh के विकल्प हैं; RWD बड़े पैक पर 627 किमी तक और AWD पर 622 किमी तक का दावा। यानी नंबर गेम में XEV 9e की रेंज लंबी है, लेकिन दोनों की रियल-वर्ल्ड रेंज आपके स्पीड, ट्रैफिक, एसी/हीटिंग और टेरेन पर 15–25% तक ऊपर-नीचे हो सकती है—हाईवे पर 100–110 किमी/घंटा की स्पीड, सर्दियों में हीटिंग या गर्मियों में पहाड़ी चढ़ाई जैसे फैक्टर फर्क डालते हैं।

ड्राइवट्रेन बड़ा फर्क पैदा करता है। Harrier EV RWD के साथ-साथ AWD भी देती है—और यह क्वाड व्हील ड्राइव सेटअप फ्रंट (156 bhp) और रियर (235 bhp) मोटर के कॉम्बिनेशन से बेहतर ग्रिप और ऑफ-रोड ट्रैक्शन देता है। XEV 9e फिलहाल सिर्फ RWD में आती है। अगर आप पहाड़ी इलाकों, कच्चे रास्तों या मानसून में गीली सड़कों पर जाते हैं, तो ऑल-व्हील-ड्राइव वही भरोसा देता है जो रेंज से अधिक मायने रखता है।

पावर आउटपुट पर तस्वीर दिलचस्प है। Harrier EV ने दोनों बैटरी वेरिएंट में 235 bhp रखा है—संगत परफॉर्मेंस के साथ। XEV 9e छोटी बैटरी पर 228 bhp और बड़ी पर 282 bhp तक जाती है। 0-100 किमी/घंटा स्प्रिंट में हरियर EV तेज है—6.3 सेकंड—जबकि XEV 9e 6.8 सेकंड लेती है। मतलब, शहर में ओवरटेकिंग और हाईवे पर क्रूज़ की शुरुआत में हरियर का रिस्पॉन्स ज्यादा फुर्तीला महसूस होगा।

चार्जिंग पर दोनों का अंदाज़ अलग है। एसी चार्जिंग (7.2 kW) पर हरियर 10% से 100% तक करीब 10.7 घंटे लेती है, XEV 9e 11.7 घंटे—ऑफिस पार्किंग या ओवरनाइट होम चार्जिंग के लिए यह आराम से पर्याप्त है। डीसी फास्ट चार्जिंग में XEV 9e का 180 kW सपोर्ट उसे 20% से 80% तक 20 मिनट में ला देता है, जबकि हरियर 120 kW पर यही काम 25 मिनट में बताती है। असल दुनिया में यह स्टेशन की उपलब्ध वास्तविक पावर, क्यूइंग और बैटरी के टेंपरेचर प्रबंधन पर निर्भर करेगा—अगर 180 kW पोर्ट खाली और फुल-पावर पर न मिले, तो बढ़त घट जाती है।

अगर आप खर्च/किलोमीटर समझना चाहते हैं, तो एक साधारण अनुमान पकड़िए। इस साइज की SUVs का सामान्य खपत 12–15 kWh/100 किमी के आसपास रह सकता है। अगर घर का टैरिफ 8 रुपये/यूनिट है, तो 100 किमी का बिजली खर्च 96–120 रुपये पड़ेगा—यानी 1.0–1.2 रुपये/किमी। यही गणित शहर के पावर टैरिफ, कंडिशनिंग और ड्राइविंग स्टाइल से ऊपर-नीचे हो सकता है, पर पेट्रोल/डीजल के मुकाबले मालिकाना लागत में EVs का फायदा यहीं से निकलता है।

क्विक टेकअवे के लिए एक शॉर्टलिस्ट देखिए:

  • कीमत: हरियर EV थोड़ी सस्ती बैठती है—एक्स-शोरूम और ऑन-रोड दोनों में मामूली बढ़त।
  • रेंज: XEV 9e का 79 kWh पैक 656 किमी तक—लंबी हाईवे ड्राइव के लिए टेंशन कम।
  • ड्राइवट्रेन: हरियर का AWD—बारिश, बर्फ, कच्चे रास्तों और एडवेंचर के लिए प्लस-पॉइंट।
  • स्पीड: हरियर 0-100 किमी/घंटा 6.3 सेकंड में—रिस्पॉन्सिव परफॉर्मेंस।
  • डीसी चार्जिंग: XEV 9e 180 kW—अगर हाई-पावर चार्जर मिल जाए तो समय बचता है।
फीचर्स, टेक और इन्फ्रास्ट्रक्चर: स्क्रीन से V2L तक, और कौन किसके लिए बना?

फीचर्स, टेक और इन्फ्रास्ट्रक्चर: स्क्रीन से V2L तक, और कौन किसके लिए बना?

कॉकपिट फिलॉसफी दोनों की अलग है। Harrier EV का ड्यूल-स्क्रीन सेटअप—14.53-इंच OLED टचस्क्रीन और 10.25-इंच डिजिटल ड्राइवर डिस्प्ले—क्लीन और ड्राइवर-फोकस्ड है। XEV 9e में तीन 12.3-इंच स्क्रीन एक पैनल की तरह फैली हैं—ड्राइवर, सेंट्रल और पैसेंजर डिस्प्ले। अगर आपकी फैमिली में को-ड्राइवर अक्सर नेविगेशन/एंटरटेनमेंट संभालता है, तो पैसेंजर डिस्प्ले काम का लगेगा; हरियर में यह सुविधा अलग से नहीं मिलती।

सनरूफ पर भी एप्रोच अलग है। Harrier EV में पैनोरमिक सनरूफ खुलता-बंद होता है; XEV 9e का ग्लास रूफ फिक्स्ड है—क्लॉस्ट्रोफोबिक फील कम करने और केबिन को खुला रखने के लिए बढ़िया, पर वेंटिलेशन में स्लाइडिंग सनरूफ की लचीलापन ज्यादा है।

दोनों SUVs में लेवल-2 ADAS, 360-डिग्री कैमरा, मल्टी-ज़ोन क्लाइमेट कंट्रोल, और रिमोट-की से ऑटोनॉमस पार्किंग जैसी प्रीमियम सुविधाएं हैं। पार्किंग गैरेज में तंग जगहों पर रिमोट पार्किंग सच में स्ट्रेस कम करती है—कार खुद धीमी रफ्तार से स्लॉट में घुस जाती है, आप बाहर खड़े होकर मॉनिटर कर लेते हैं।

Harrier EV कुछ यूनिक ट्रिक्स लाती है। V2L (व्हीकल-टू-लोड) और V2V (व्हीकल-टू-व्हीकल) से यह कैंपिंग में लाइट/कॉफी मशीन चलाने या किसी दूसरी EV को इमरजेंसी में जूस देने में काम आती है। यह फीचर XEV 9e में नहीं है। इसके अलावा, 360-कैमरा का ट्रांसपेरेंट व्यू मोड गड्ढों, पत्थरों और ऑफ-रोड ट्रैक पर “नीचे क्या है” दिखा देता है—नए ट्रेल पर यह भरोसा बढ़ाता है।

ड्राइव/टेरेन मोड की रेंज भी अलग है। Harrier EV के AWD वेरिएंट में छह टेरेन मोड—रॉक क्रॉल, स्नो, ग्रेवल, सैंड, नॉर्मल और एक कस्टम—के साथ चार स्टैंडर्ड ड्राइव मोड मिलते हैं। XEV 9e पांच मोड देती है—डिफॉल्ट, रेंज, एवरीडे, रेस और स्नो। अगर आप अक्सर बिना पक्की सड़क या बर्फीले रास्तों पर निकलते हैं, तो हरियर के टेरेन-ट्यूनिंग का फायदा तुरंत महसूस होगा; अगर आप ज्यादातर शहर/हाईवे पर ड्राइव करते हैं, तो XEV 9e के मोड भी पर्याप्त हैं।

डाइमेंशन्स का मतलब स्पेस के अनुभव से है, केवल नंबर से नहीं। XEV 9e लंबाई में 182 मिमी ज्यादा है—लगेज मैनेजमेंट और हाईवे स्टेबिलिटी में मदद कर सकता है। हरियर EV 225 मिमी ज्यादा चौड़ी और साथ ही ऊंची भी है—शोल्डर रूम और “कमांडिंग” ड्राइविंग पोजिशन पसंद करने वालों को यह ज्यादा एयरी लगेगी। दोनों 5-सीटर हैं और बूट रूम बड़े परिवार के वीकेंड ट्रिप के लिए पर्याप्त कैटेगरी में आता है।

चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का फायदा अभी टाटा के कोर्ट में दिखता है। Tata Power की EZ Charge नेटवर्किंग 530 शहरों/कस्बों तक फैली बताई गई है—1 लाख से ज्यादा होम चार्जर्स, 5,500+ पब्लिक पॉइंट्स और 1,100 बस चार्जिंग स्टेशन। इसका मतलब, हरियर EV खरीदने वाले यूजर को ऐप/नेटवर्क इंटीग्रेशन थोड़ा आसान लगता है। XEV 9e किसी एक ऑपरेटर पर निर्भर नहीं—यूजर अलग-अलग पब्लिक नेटवर्क (जैसे मॉल, हाईवे हब, प्राइवेट चार्ज पॉइंट्स) पर चार्ज कर सकते हैं—पर ऐप-टू-स्टेशन एक्सपीरियंस ऑपरेटर के हिसाब से बदलता रहता है।

होम चार्जिंग सेटअप पर ध्यान दीजिए। 7.2 kW एसी वॉल-बॉक्स आज की EVs के लिए “स्वीट स्पॉट” है—रात भर में फुल चार्ज। अगर आपके पार्किंग में डेडिकेटेड कनेक्शन है और सोसायटी NOC देती है, तो इंस्टॉलेशन सहज हो जाता है। जिनका रोज का कम्यूट 40–60 किमी है, उन्हें सप्ताह में 2–3 नाइट चार्जिंग काफी पड़ती है। हाईवे ट्रिप्स के लिए, रूट प्लानिंग के समय स्टेशन पावर (50/60/120/180 kW) और भीड़ दोनों चेक करें—कभी-कभी 120 kW खाली पोर्ट 60 kW व्यस्त पोर्ट से तेज साबित हो जाता है।

सुरक्षा और सॉफ्टवेयर भी खरीद का बड़ा पहलू हैं। दोनों में लेवल-2 ADAS है, यानी अडैप्टिव क्रूज़, लेन-सेंट्रिंग/लेन-कीप और ऑटो-इमर्जेंसी ब्रेकिंग टाइप फीचर मिलते हैं—फिर भी, ये ड्राइवर-असिस्ट हैं, ड्राइवर-रिप्लेसमेंट नहीं। 360 कैमरा, आगे-पीछे पार्किंग सेंसर और ऑटोनॉमस पार्किंग रोजमर्रा के शहर ट्रैफिक में टक्कर की आशंका घटाते हैं। सॉफ्टवेयर अपग्रेड और फीचर अपडेट्स के बारे में डीलर से क्लियरिटी ले लें—कौन-से अपडेट OTA से आएंगे और कौन-से वर्कशॉप विजिट मांगेंगे।

मालिकाना लागत के बड़े हिस्से में सर्विस और टायर/ब्रेक जैसी पहनावट आती है। EVs में ऑयल-चेंज जैसा खर्च नहीं, पर केबिन फिल्टर, ब्रेक फ्लुइड, कूलेंट (बैटरी/मोटर थर्मल लूप) जैसे पीरियोडिक चेक जरूरी हैं। भारी बैटरी और टॉर्क के कारण टायर-वियर तेज हो सकता है—रोटेशन/एलाइनमेंट समय पर कराएं तो बिल कंट्रोल में रहता है। वारंटी की शर्तें (खासतौर पर बैटरी के लिए) अलग-अलग ट्रिम/मॉडल-ईयर के हिसाब से बदल सकती हैं—लेखन में क्या कवर है, ये बिक्री से पहले पढ़ें।

अब सबसे अहम—आपके लिए कौन-सा मॉडल बेहतर?

  • हिल्स/ऑफ-रोड/बरसाती इलाकों में भरोसा: Harrier EV का AWD, टेरेन मोड और ट्रांसपेरेंट व्यू आपको ज्यादा कॉन्फिडेंस देता है।
  • हाईवे पर लंबी दूरी, कम स्टॉप: XEV 9e के 79 kWh पैक की 656 किमी क्लेम्ड रेंज और 180 kW डीसी चार्जिंग, अगर हाई-पावर स्टेशन मिलें, तो समय बचाती है।
  • टेक-फॉरवर्ड केबिन: XEV 9e का ट्रिपल-स्क्रीन सेटअप, पैसेंजर डिस्प्ले के साथ, फैमिली/को-ड्राइवर एंगेजमेंट बढ़ाता है।
  • आउटडोर/वर्क पावर बैकअप: Harrier EV का V2L/V2V कैंपिंग, फूड-ट्रक/स्टॉल या सेकेंड EV के लिए इमरजेंसी चार्ज में काम आता है।
  • शहर में रोजमर्रा और वीकेंड ट्रिप्स: दोनों उपयुक्त हैं; जहां चार्जिंग नेटवर्क (खासकर आपके नियमित रूट पर) मजबूत दिखे, वही प्रैक्टिकल चॉइस है।

ड्राइविंग टेस्ट ही फाइनल जवाब देता है। कागज़ पर XEV 9e की रेंज और डीसी-चार्जिंग नंबर बड़े हैं; Harrier EV की ड्राइवट्रेन, V2L/V2V और नेटवर्क इंटीग्रेशन जोक़िम घटाते हैं। आपकी रूटीन—दैनिक किलोमीटर, साल में जितनी हाईवे ट्रिप, और घर/ऑफिस चार्जिंग का एक्सेस—इन तीन सवालों के जवाब साफ हैं, तो सही SUV चुनना आसान हो जाएगा।

एक आखिरी टिप—डिलीवरी टाइमलाइन, सॉफ्टवेयर सपोर्ट, और इन्श्योरेंस प्रीमियम के साथ ऑन-रोड प्राइस का ब्रेकअप लिखित में लें। फाइनेंस/एक्सचेंज ऑफर महीने-दर-महीने बदलते हैं, और बड़े EV खरीद में 20–30 हजार का फर्क भी मायने रखता है। जिन शहरों में पावर टैरिफ रात में कम होता है, वहां टाइमर-आधारित नाइट चार्जिंग से आपकी ओनरशिप कॉस्ट और कम हो सकती है।

11 टिप्पणि

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    Ramesh Modi

    सितंबर 9, 2025 AT 18:57

    आह! इस एवी की तुलना को देख कर मन में एक दार्शनिक प्रश्न उत्पन्न होता है-क्या कीमत का अर्थ केवल अंक है, या वह हमारे भविष्य की धरोहर है???
    टाटा हरियर को हल्का समझना भूल, उसकी ऑल‑व्हील‑ड्राइव को एक जीवन का संतुलन मानें, जो बारिश में भी स्थिरता देता है।
    महिंद्रा की रेंज बड़ी है, पर क्या लंबी दूरी का पीछा हमें ऊर्जा की सच्ची समझ से वंचित करता है???
    विचार यही है कि अंत में कौन सी कार हमारे सामाजिक जिम्मेदारी का भार उठाएगी-इसे समझना ही मुख्य है।

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    Ghanshyam Shinde

    सितंबर 13, 2025 AT 06:17

    वाह, वाह, कितना शानदार विश्लेषण है-जैसे लाइट बैटल में दो धुंधले कुत्ते लड़ रहे हों। कीमत में थोड़ी‑बहुत फ़रक है, पर असली बात तो बैटरी की रेंज है, बाकी सब तो दिखावा है。

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    SAI JENA

    सितंबर 16, 2025 AT 17:37

    दोस्तो, दोनों मॉडलों में जो तकनीकी अंतर हैं, उन्हें समझ कर ही सही चयन किया जा सकता है। यदि आप अक्सर पहाड़ी या बरसाती इलाकों में ड्राइव करते हैं, तो टाटा का AWD वैरिएंट अधिक भरोसेमंद रहेगा। वहीं, यदि आपका अधिकांश चलना‑फिरना हाईवे पर हो और तेज़ चार्जिंग का एक्सेस हो, तो महिंद्रा का 180 kW फ़ास्ट‑चार्जिंग एक बड़ा लाभ देगा।
    ध्यान रखें कि कुल ओनरशिप कॉस्ट, जिसमें चार्जिंग टैरिफ और सर्विसिंग शामिल है, को भी विचार में लेना आवश्यक है।

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    Hariom Kumar

    सितंबर 20, 2025 AT 04:57

    रेंज की बात है तो XEV 9e जियादा है, लेकिन हरियर का V2L वही है! 😊

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    shubham garg

    सितंबर 23, 2025 AT 16:17

    भाई, तुम्हारी सादी व्यंग्य से बात नहीं बनती-हरियर का ऑल‑व्हील‑ड्राइव सिर्फ दिखावा नहीं, असली ऑफ‑रोड क्षमता देता है। RWD पर‑फॉर्मैंस भी ठीक है, पर बरसात में ग्रिप की बात अलग है।

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    LEO MOTTA ESCRITOR

    सितंबर 27, 2025 AT 03:37

    रहस्यमयी विचारों के बाद, चलिए थोड़ा धरती पर उतरते हैं: टाटा की बैटरी पैक का आकार और चार्जिंग टाइम सामान्य उपयोग के लिए व्यावहारिक है। 65 kWh और 75 kWh विकल्पों से शहर में रोज़‑रोज़ की दूरी आसानी से कवर हो जाएगी।

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    Sonia Singh

    सितंबर 30, 2025 AT 14:57

    सही कहा, लेकिन मैं जोड़ना चाहूँगा कि टाटा की EZ‑Charge नेटवर्क का कवरेज अभी भी बेहतर है, जिससे रूट प्लानिंग आसान हो जाती है।

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    Ashutosh Bilange

    अक्तूबर 4, 2025 AT 02:17

    यार देखो, जब हम टाटा और महिंद्रा की बात कर रहे हैं तो गाड़ी का नाम ही नहीं, बल्कि उसकी आत्मा भी देखनी चाहिए। पहला पॉइंट है कि हरियर का AWD सिर्फ तकनीकी शब्द नहीं, बल्कि वो बिंदु है जहाँ गाड़ी बारिश में भी ठोस रखती है, जैसे कोई सच्चा दोस्त। दूसरा, महिंद्रा का रेंज बड़ा है, पर रेंज का दावा आमतौर पर आदर्श स्थितियों पर होता है, जिसे हम रोज़मर्रा की ट्रैफिक में नहीं देख पाते। तीसरा, बैटरी का साइज़ और चार्जिंग स्पीड दोनों में महिंद्रा के पास 180 kW की फास्ट‑चार्जिंग है, जो 20 मिनट में 80 % तक पहुँचाई जा सकती है-पर इस कोने‑कोने में ऐसे स्टेशन ढूँढना कठिन हो सकता है। चौथा, टाटा की 120 kW फास्ट‑चार्जिंग थोड़ा धीमी लगती है, पर उसकी नेटवर्क कवरेज 530 शहरों में मजबूत है, जिससे दुबली‑दुबली चार्जिंग सुविधा मिलती है। पाँचवाँ, ड्राइव मोड की बात करें तो हरियर के छह टेरेन मोड हैं, जिसमें रॉक‑क्रॉल, स्नो, सैंड इत्यादि शामिल हैं, जो ऑफ‑रोड उत्साही के लिए मस्त विकल्प है। छठा, महिंद्रा ने पाँच मोड रखे हैं, पर वो शहर‑ड्राइविंग में ही फोकस्ड लगते हैं। सातवाँ, V2L और V2V फीचर टाटा में है, जिससे आप किसी दूसरे ईवी या छोटे उपकरण को चार्ज कर सकते हैं-यह कैंपिंग या फूड‑ट्रक बिजनेस में बहुत काम आता है। आठवाँ, अंदर का इंटीरियर देखें तो टाटा का ड्यूल‑स्क्रीन सेटअप साफ़ और ड्राइवर‑फोकस्ड है, जबकि महिंद्रा का ट्रिप्ल‑स्क्रीन फैमिली एंगेजमेंट को बढ़ावा देता है। नौवाँ, कीमत के मामले में टाटा थोड़ा सस्ता है, पर टैक्स और इंश्योरेंस के बाद का अंतर बहुत कम है, इसलिए अंतिम निर्णय में रिवॉर्ड पॉइंट्स और फाइनेंसिंग ऑफर देखना ज़रूरी है। दसवाँ, ओनरशिप कॉस्ट में चार्जिंग टैरिफ, बैटरी वॉरंटी और सर्विस इंटरवल को नहीं भूलना चाहिए; दोनों में बैटरी की वारंटी 8 साल या 150,000 किमी तक है, पर क्लेम प्रोसेस में अलग‑अलग डीलरशिप की भूमिका होती है। ग्यारहवाँ, टाटा की EZ‑Charge ऐप इंटीग्रेशन आसान है, पर महिंद्रा की मल्टी‑नेटवर्क सपोर्ट फ्रीडम देती है, अगर आप विभिन्न चार्जर ब्रांड्स का उपयोग करते हैं तो। बारहवाँ, सुरक्षा सिस्टम दोनों में लेवल‑2 ADAS है, पर टाटा का ट्रांसपेरेंट व्यू मॉडिफ़ाइड कैमरा फंक्शन ऑफ‑रोड में फायदेमंद हो सकता है। तेरहवाँ, यदि आप अक्सर शहर में 40‑60 किमी का डेली कम्यूट करते हैं, तो घर‑पर 7.2 kW एसी चार्जर पर्याप्त होगा, दोनों गाड़ियों के लिए। चौदहवाँ, अगर आप लंबी हाईवे ट्रिप्स पर जाते हैं, तो महिंद्रा की बड़ी बैटरी पैक और तेज़ चार्जिंग समय एक एसेट है। पंद्रहवाँ, लेकिन ध्यान रहे कि तेज़ चार्जिंग बैटरी लाइफ को थोड़ा कम कर सकता है, इसलिए नियमित सॉफ्ट‑वेयर अपडेट और कूलिंग मैनेजमेंट जरूरी है। सोलहवाँ, अंत में, आपके निजी जरूरतें-जैसे रूट, मौसम, परिवार का आकार और बजट-इन सबको मिलाकर ही सही चयन करना चाहिए।

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    Kaushal Skngh

    अक्तूबर 7, 2025 AT 13:37

    हरियर का नेटवर्क और XEV की रेंज दोनों ही अपने‑अपने मामले में मजबूत हैं।

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    Harshit Gupta

    अक्तूबर 11, 2025 AT 00:57

    भाई, इस सब बातों में एक बात छूट गई-भारतीय निर्माताओं को गर्व होना चाहिए कि उन्होंने ऐसे सुर्ख़ियों को तोड़ते हुए विश्व के मानकों को चुनौती दी है! टाटा का ऑल‑व्हील‑ड्राइव, महिंद्रा की रेंज-दोनों ही देश की शान बढ़ाते हैं।

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    HarDeep Randhawa

    अक्तूबर 14, 2025 AT 12:17

    वास्तव में, क्या हमें इतना उत्सव मनाना चाहिए? तकनीकी स्पेसिफ़िकेशन तो हैं, पर असली उपयोगकर्ता अनुभव, सेवा नेटवर्क, और लागत‑प्रभावशीलता ही तय करती है-ये चीज़ें अक्सर उनके विज्ञापन में नहीं दिखतीं!!!

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