आपने अक्सर पढ़ा होगा कि किसी IPO की लिस्टिंग प्राइस शेयर इश्यू प्राइस से ऊपर या नीचे खुली। लिस्टिंग प्राइस यानी वह मार्केट प्राइस जिस पर कंपनी के शेयर पहली बार स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होते हैं। यह छोटी सी संख्या निवेशकों की नज़र में बड़ी वजह बन सकती है — क्योंकि वही तय करती है आपको तुरंत कितना लाभ या नुकसान हुआ।
लिस्टिंग प्राइस सीधे किसी विभाग द्वारा फिक्स नहीं की जाती। यह बाजार की मांग-सप्लाई, बुक-बिल्डिंग के दौरान मिले ऑर्डर, ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP), एंकर निवेशकों की हिस्सेदारी और सामान्य बाज़ार मूड पर निर्भर करती है। उदाहरण के तौर पर Mobikwik IPO के समय GMP और बाजार उत्साह ने शुरुआती रुझान दिखाए थे—ऐसे संकेत अक्सर लिस्टिंग प्राइस पर असर डालते हैं।
बिक्री व खरीद की मात्रा (क्वांटिटी) और लिस्टिंग दिन का ट्रेडिंग वॉल्यूम भी कीमत तय करने में बड़ा रोल निभाता है। अगर बहुत ज़्यादा मांग है तो प्राइस ऊपर जाएगा; वरना फ्लैट या नीचे खुल सकता है।
1) IPO की प्राइस बैंड और ऑलोटमेंट: पहले देखें कंपनी ने कितना प्राइस बैंड रखा था और कितनी सब्सक्रिप्शन आई। भारी ओवरसब्सक्रिप्शन अक्सर उच्च लिस्टिंग का संकेत देता है।
2) ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP): यह अनऑफिशियल इंडिकेटर है जो बताता है कि IPO के शेयर ऑफ़ मार्केट में कितने पर ट्रेड हो रहे हैं। GMP पॉज़िटिव है तो लिस्टिंग ऊपर हो सकती है—लेकिन यह पूरी गारंटी नहीं है।
3) ब्रोकर रिव्यू और एंकर बुकिंग: निवेश बैंकर और बड़े निवेशकों की बुकिंग देखकर भी अनुमान लगा सकते हैं। अगर एंकर निवेशक बड़े पैमाने पर हिस्सा लेते हैं तो भरोसा बढ़ता है।
4) मार्केट सेंटिमेंट: उस दिन का शेयर बाजार, ग्लोबल संकेत और सेक्टर का मूड भी असर डालते हैं। कभी-कभी अच्छी कंपनी भी नकारात्मक मार्केट क्लाइमेट में कमजोर लिस्ट कर देती है।
5) कंपनी के फंडामेंटल्स: लिस्टिंग केवल सूखी मांग नहीं है—लंबे समय की वैल्यू भी मायने रखती है।
6) पेज पर मौजूद IPO खबरें पढ़ें: हमारे पोस्ट जैसे "मोबिक्विक IPO अलॉटमेंट" और अन्य IPO कवरेज से आपको रीयल-टाइम इन्फो मिल सकती है।
टिप्स निवेशकों के लिए: लिस्टिंग पर तुरंत बेचना चाहिए या नहीं? यह व्यक्तिगत रणनीति है—अगर आप शॉर्ट टर्म प्रॉफिट चाहते हैं तो लिस्टिंग डे पर बेचना उपयुक्त हो सकता है, पर टैक्स और ट्रेडिंग फीस को ध्यान में रखें। दीर्घकालीन निवेश के लिए कंपनी के बिजनेस मॉडल और ग्रोथ पर नजर रखें।
कैसे चेक करें: लिस्टिंग के समय स्टॉक एक्सचेंज की साइट, ब्रोकर्स के लाइव टिक्स और हमारे एक्सपर्ट आर्टिकल पढ़कर रियल टाइम प्राइस और वॉल्यूम देखें।
अंत में: लिस्टिंग प्राइस एक संकेत है, गारंटी नहीं। प्राकृतिक उत्साह, GMP और ऑर्डर बुक देखकर विचार करो, पर जोखिम को समझकर ही कदम उठाओ।