क्या आप नेहरू के बारे में जल्दी और भरोसेमंद जानकारी ढूँढ रहे हैं? यहाँ उनके जीवन की मुख्य बातें सीधे, साफ और उपयोगी तरीके से मिलेंगी। पंडित जवाहरलाल नेहरू 14 नवम्बर 1889 को जन्मे और 27 मई 1964 को नहीं रहे। वे आज़ादी के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने और 1947 से 1964 तक इस पद पर रहे।
नेहरू की पहचान केवल नेता के रूप में नहीं थी — वे विचारक, लेखक और आधुनिक भारत के संस्थान बनाने वालों में शामिल थे। उनकी सोच ने शिक्षा, विज्ञान और औद्योगिक विकास पर जोर दिया। अगर आप समझना चाहते हैं कि किस तरह आज की आधुनिक संस्थाएँ बनीं, तो नेहरू का योगदान जानना जरूरी है।
नेहरू ने शिक्षा और विज्ञान पर बड़ा निवेश किया। वे मानते थे कि देश का भविष्य ज्ञान और तकनीक से बनेगा। इसी सोच से IIT और वैज्ञानिक संस्थान बढ़े। पर कुछ फैसलों पर आलोचना भी हुई—जैसे आर्थिक नीतियों में अत्यधिक सरकारी नियंत्रण, और चीन के साथ 1962 का युद्ध जिसने उनकी विदेश नीति पर सवाल उठाए।
क्या उनका मॉडल आज भी उपयुक्त है? कई ने कहा कि नेहरू ने औद्योगिक आधार मजबूत किया पर निजी उद्यम को पर्याप्त जगह नहीं मिली। वहीं, बालक-बालकियों के लिए शिक्षा और शोध का आधार बनाया गया—जिसका लाभ आने वाली कई पीढ़ियों ने उठाया।
अगर आप नेहरू को करीब से जानना चाहते हैं तो उनकी किताबें पढ़ें—'Discovery of India' सबसे प्रचलित है और उनकी विचारशीलता साफ दिखती है। 'Letters from a Young Indian' और 'The Unity of India' जैसी रचनाएँ भी मददगार हैं।
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किसी एक पंक्ति में कहें तो नेहरू ने आधुनिक भारत की रूपरेखा बनाने में बड़ा हाथ रखा—उनकी नीतियाँ और विचार आज भी बहस और अध्ययन के विषय हैं। यदि आप इतिहास, राजनीति या शिक्षा के छात्र हैं तो नेहरू के विचारों को समझना उपयोगी होगा।