इडली कड़ाई रेसिपी – घर पर करो झटपट कुरकुरी इडली

इडली कड़ाई का तरीका बहुत ही आसान है और दो‑तीन मिनट में तैयार हो जाती है। अगर आपका इडली ढीला‑ढाला या बहुत नरम है, तो कड़ाई में हल्का‑सा तड़का लगाकर उसे हल्का करकरी बना सकते हैं। इस लेख में मैं आपको सारे कदम बताऊँगा, ताकि आप बिना किसी झंझट के परफेक्ट इडली बना सकें।

जाएँ क्या चाहिए?

सामग्री बहुत साधारण है – बचे हुए इडली (लगभग 6‑8 टुकड़े), तेल या घी, थोड़ा नमक, हरी मिर्च बारीक, कटा हुआ अदरक, और चाहें तो थोड़ा सरसों के दाने या काली मिर्च पाउडर। अगर आप थोड़ी स्पाइस पसंद करते हैं तो कटी हुई प्याज़ या रोज़मेरी भी डाल सकते हैं।

कड़ाई में इडली कैसे बनाते हैं?

1. सबसे पहले कड़ाही को मध्यम आँच पर गरम करें। 2. दो‑तीन चम्मच तेल या घी डालें, फिर सरसों के दाने या काली मिर्च डालकर थोड़ा भूनें – इससे एक खुशबू आती है जो इडली को नया फ्लेवर देती है। 3. अब कटी हुई हरी मिर्च, अदरक और यदि इस्तेमाल कर रहे हों तो प्याज़ डालें, और 30‑40 सेकंड तक सॉटे करें। 4. बचे हुए इडली को कड़ाही में समान रूप से रखें। अगर इडली बहुत बड़े हैं तो उन्हें छोटे टुकड़ों में तोड़ लें। 5. इडली पर थोड़ा नमक छिड़कें और हल्के हाथ से पलटते रहें, जिससे दोनों तरफ से हल्का सुनहरा रंग बन जाए। 6. जब इडली के किनारे थोड़ा कुरकुरा दिखने लगे, तो गैस बंद कर दें और पाँच मिनट के लिए गर्म ही रहने दें।

गरम-गरम इडली कड़ाई से सीधे प्लेट में निकालें और नारियल चटनी या टमाटर की चटनी के साथ सर्व करें। यह तेज़ स्नैक खासकर रात्रि के देर के खाने या शाम के चाय के साथ बहुत पसंद किया जाता है।

अगर आप इडली को और भी कुरकुरा चाहते हैं, तो कड़ाई में थोड़ा बारीक सूखा ब्रोडबेड (भीजा) या सूखा मैदा छिड़कें और थोड़ा और भूनें। इससे इडली की बाहरी सतह में हल्की क्रिस्पीनेस आती है, जबकि अंदर से नरमी बरकरार रहती है।

इडली कड़ाई की सबसे बड़ी ख़ुशी यह है कि आप बचे हुए इडली को नफ़रत नहीं करते, बल्कि उसे नया रूप देते हैं। बची हुई इडली अक्सर फ्रिज में रखी रहती है, लेकिन इस आसान विधि से आप एक दिन में दो ट्रीट बना सकते हैं – एक सुबह की इडली और दोपहर बाद कड़ाई वाली इडली।

अब आप भी इस रेसिपी को ट्राई करें और अपने परिवार को हैरान कर दें। कोई भी सवाल या सुझाव हों तो नीचे कमेंट में लिखें – हम मदद करेंगे। स्वादिष्ट, कुरकुरी इडली कड़ाई का लुत्फ़ उठाएँ और फिर कहें, ‘इडली को फिर से नया रूप मिला!’