चुनावी धोखाधड़ी: पहचानें और तुरंत क्या करें

हर वोट मायने रखता है। अगर चुनाव के दौरान कुछ अटपटा लगे — जैसे खरीद-फरोख्त, बूथ पर दबाव या नकली वोट — तो चुप रहना विकल्प नहीं। यहां सीधे और प्रैक्टिकल तरीके दिए गए हैं ताकि आप धोखाधड़ी पहचान कर तुरंत सही कदम उठा सकें।

कैसे पहचानें — आंखें खुली रखें

कुछ संकेत साफ बताते हैं कि चुनावी प्रक्रिया पर असर पड़ रहा है: वोट खरीदना (रुपया/सामान बांटना), बूथ कैप्चर (प्रेज़ेंस पर दबाव या बाहरी लोगों का कब्जा), पहचान की जगह दूसरे व्यक्ति का वोट डालना (प्रतिनिधित्व करना), पोस्टल/नाबालिग वोट का दुरुपयोग, और ईवीएम/वीवीपीएटी के साथ छेड़छाड़ की अफवाहें। अगर किसी औरत/बच्चे को लाइन से हटाकर अंदर ले जाया जाता है, या एक ही बस से कई लोग एक ही जगह वोट देने लाए जाते हैं — ये रेड फ्लैग हैं।

क्या करें — सबूत, रिपोर्ट और सुरक्षा

सबसे पहले अपनी और दूसरों की सुरक्षा सोचें। सीधे टकराव से बचें। परंतु घटनास्थल का विवरण तुरंत रिकॉर्ड करें: तारीख, समय, बूथ का नाम, किसी गाड़ी का नंबर, देखें तो फोटो/वीडियो लें (जहां कानून अनुमति हो)। गवाहों के नाम और फोन नंबर नोट कर लें। अगर मैसेज/वॉइस नोट्स आते हैं (वोट बेचने की बात), तो उन्हें सेव कर लें — ये मजबूत साक्ष्य बन सकते हैं।

तुरंत क्या रिपोर्ट करें: बूथ पर मौजूद प्रेज़िंग/बूटम ऑफिसर से बात करें। यदि परिस्थिति गंभीर हो तो लोकल पुलिस को सूचित करें। राष्ट्रीय या राज्य चुनाव आयोग के प्लेटफॉर्म पर शिकायत दर्ज करें — Election Commission की वेबसाइट (eci.gov.in) और Voter Helpline ऐप से आप शिकायत भेज सकते हैं। देश में वोटर हेल्पलाइन नंबर 1950 भी उपयोगी है।

कानूनी कदम: Representation of the People Act, 1951 और चुनाव आयोग के नियम स्पष्ट हैं — चुनाव में अनियमितता अपराध है। आप एफआईआर दर्ज करवा सकते हैं और Returning Officer को लिखित शिकायत भेज कर रिकोर्ड में डालवा सकते हैं। जरूरी होने पर उम्मीदवार के एजेंट, स्थानीय चुनाव पर्यवेक्षक या नागरिक सामाजिक संगठन (NGO) से भी मदद लें।

छोटी पर प्रभावी सलाह: अपना वोट स्वयं दें, वोटर आईडी साथ रखें, बूथ एजेंट बनने पर विचार करें और आसपास के लोगों को सतर्क करें। अगर आप कोई सबूत जमा कर रहे हैं तो उसकी कॉपी सुरक्षित रखें और मूल प्रमाण अधिकारियों को दें।

ध्यान रखें: शिकायत करते समय तथ्य स्पष्ट और संक्षिप्त रखें — क्या हुआ, कब हुआ, कौन शामिल था और किस तरह का साक्ष्य मौजूद है। ये जानकारी कार्रवाई तेज कर देती है।

यदि आप किसी धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं या कुछ संदिग्ध देखा है, तो तुरंत रिकॉर्ड करें, मौके पर अधिकारियों को सूचित करें और Election Commission / पुलिस को लिखित शिकायत भेजें। दायित्व केवल अधिकारियों का नहीं—आपका सतर्क बनना ही भरोसेमंद चुनाव की नीव है।

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