क्या आप जानते हैं कि भूकंपीय गतिविधि अचानक हो सकती है — छोटी कम्पन से लेकर तेज झटकों तक? ऐसे में ठंडे दिमाग से काम लें। मैं यहां सीधे और काम की सलाह दूँगा जिससे आप मौके पर सुरक्षित रह सकें।
भूकंप आते ही सबसे ज़रूरी तीन बातें याद रखें: नीचे झुकें (Drop), ढकें (Cover), पकड़ें (Hold On)। इसका मतलब है कि तुरंत जमीन पर झुकें, किसी मजबूत मेज या टेबल के नीचे जाएँ और उसके पैरों को पकड़े रखें।
यदि आप कमरे के अंदर हैं:
यदि आप बाहर हैं:
भूकंपीय गतिविधि की रिपोर्ट और अलर्ट देखने के लिए आधिकारिक स्रोत सबसे भरोसेमंद होते हैं। भारत में IMD (India Meteorological Department) और नेशनल सेंटर फॉर सीस्मिकेटी (यदि उपलब्ध) की सूचनाएँ देखें। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर USGS और EMSC भी जल्दी अपडेट देते हैं।
तैयारी कैसे करें — छोटी सी चेकलिस्ट:
भूकंप की तीव्रता और असर कैसे समझें? रिक्टर पैमाना मैग्नीट्यूड बताता है (ऊर्जा कितनी रिलीज़ हुई), जबकि शेकिंग की तीव्रता लोकल तरीके से महसूस होती है (इंटेंसिटी)। बड़े मैग्नीट्यूड वाले भूकंप का असर दूर तक हो सकता है, पर स्थानीय ज़मीन का प्रकार और इमारत की बनावट भी अहम रोल निभाती है।
बाद के कदम — झटके रुकने के बाद गैस व बिजली की स्थिति देखें, घायल लोगों की मदद करें, संभावित बादल-झटके (aftershocks) के लिए तत्पर रहें और फेक सूचनाओं से बचें। आधिकारिक चैनल या स्थानीय आपदा प्रबंधन विभाग की सूचना का पालन करें।
अंत में, तैयारी छोटी-छोटी आदतों से शुरू होती है: एक छोटा किट, पारिवारिक योजना और घर की सही सुरक्षा। ये चीजें भूकंपीय गतिविधि के समय आपकी सुरक्षा बढ़ा देती हैं। अगर आप चाहें तो मैं आपकी जरूरत के हिसाब से एक सरल इमरजेंसी किट लिस्ट या घर का सेफ्टी चेकलिस्ट बना कर दे सकता हूँ।