भूकंप के झटके — तुरंत क्या करें और कैसे सुरक्षित रहें

भूकंप अचानक आता है और पहले कुछ सेकंड में आपके फैसले बहुत फर्क डाल देते हैं। अगर आप जानते हैं क्या करना है तो बड़ी चोटें और नुकसान टाला जा सकता है। नीचे रोजमर्रा की भाषा में सीधे, काम के तरीके दिए हैं जिन्हें आप अभी ही अपनाकर सुरक्षित रह सकते हैं।

पहले से तैयारी कर लें: एक छोटी इमरजेंसी किट में टॉर्च, बैटरी, पानी की 3‑4 बोतलें, बेसिक दवाइयाँ, पेपर-विक्टिम्स के लिए गोला, जरूरी दस्तावेजों की प्रतिलिपि और एक पावर बैंक रखें। अपने परिवार के साथ एक मीटिंग पॉइंट तय करें — घर के बाहर खुला स्थान जहां सभी जल्दी इकट्ठा हो सकें।

झटके के दौरान तुरंत करें

अंदर हों तो तुरंत "Drop, Cover, Hold On" अपनाएँ: नीचे झुकें, किसी मजबूत टेबल/टेबल की छाया में सिर और गर्दन को ढकें और पकड़ कर रखें। मेन दरवाज़ा हमेशा सबसे सुरक्षित जगह नहीं होता — दरवाज़ा खाली और मजबूत होना चाहिए।

यदि आप बिस्तर पर हैं तो वहीं लेटकर सिर को तकिये से ढक लें, और खिड़कियों के पास जाने की कोशिश न करें। यदि आप बाहर हैं तो खुले मैदान की ओर जाएं, ऊँचे खंभे, बिल्डिंग्स और पेड़ों से दूर रहें।

कार में हों तो धीरे-धीरे सड़क किनारे रुकें और कार में ही रहें जब तक झटके रुक न जाएं। लिफ्ट का उपयोग बिल्कुल न करें।

झटके के बाद जरूरी कदम

पहला काम — अपनी और दूसरों की चोट जांचें। गंभीर चोट होने पर तुरंत मदद के लिए कॉल करें। मोबाइल पर कॉल करने से पहले टेक्स्ट या सोशल मीडिया का उपयोग करें ताकि नेटवर्क भीड़ कम रहे।

गैस, बिजली और पानी की लाइनें चेक करें; गंध या रिसाव दिखे तो गैस वॉटर की नोजल बंद कर दें और बिजली स्विच ऑफ कर दें। टांट्रम/झूठी खबरें न फैलाएँ — आधिकारिक जानकारी के लिए स्थानीय प्रशासन, NDMA/IMD और मान्यता प्राप्त समाचार स्रोत ही देखें।

तटीय क्षेत्र में हैं तो सुनामी चेतावनी पर तुरंत ऊँचे स्थान या भीतर की ओर जाएँ; समुद्र की ओर लौटने का निर्णय तभी लें जब अधिकारी सुरक्षित बताते हों। जापान जैसी जगहों पर JMA की जानकारी पर भरोसा रखें; भारत में IMD और स्थानीय आपदा प्रबंधन की सूचनाएँ फॉलो करें।

भूकंप के बाद कई बार आफ्टरशॉक आते हैं — दोहराव के लिए तैयार रहें और कमजोर संरचनाओं के पास न रुकें। दीवारों, खंडहर या दरार वाले हिस्सों की तस्वीरें रखें और बाद में नुकसान का दावा करने के लिए सुरक्षित जगह पर रखें।

अंत में, अपने पड़ोसियों और बुजुर्गों की मदद करें, पर अपने आप को सुरक्षित जगह से हटाकर ही सहायता पहुंचाएँ। छोटे-छोटे तैयार कदम—इमरजेंसी किट, पारिवारिक प्लान और सही जानकारी—आपकी जान बचा सकती है।