100 मीटर दौड़: स्टार्ट से फिनिश तक क्या करें

100 मीटर दौड़ छोटी है मगर गलती के लिए कोई जगह कम है। शुरुआत मजबूत हो तो आधा काम तय है। आप क्या बदल सकते हैं ताकि टाइम घटे? नीचे सीधे, असरदार और रोज़मर्रा के उपाय हैं जिन्हें ट्रैक पर आजमाया जा सकता है।

शुरुआत और स्टार्ट तकनीक

स्टार्ट ब्लॉक से निकलना सबसे अहम हिस्सा है। ब्लॉकों में पैर की पोज़िशन वैसे रखें कि आगे वाला पैर जमीन पर मजबूत दबाव दे सके। रिएक्शन टाइम 0.12-0.20 सेकंड सामान्य होता है — तेज़ सुनने और तुरंत ही जोर लगाने की प्रैक्टिस करें। कॉम्बिनेशन ड्रिल: ब्लॉक से 10-मिटर फुल स्प्रिंट तीन बार, बीच में पूरा आराम। इससे ब्रेक-आउट की नर्वसिटी कम होती है।

डाइव नहीं बल्कि 'ड्राइव फेज़' पर ध्यान दें — धोके से आगे झुकें और पहले 20-30 मीटर तक जमीन पर दबाव बनाकर कदम लें। कंधे रिलैक्स रखें, हाथ 90 डिग्री पर तेज़ी से स्विंग करें।

एक्सेलेरेशन, मैक्स वेलॉसिटी और मेंटेनेंस

स्टार्ट के बाद 30-60 मीटर तक एक्सेलेरेशन फेज़ होती है। हर कदम में फोर्स जेनरेट करने के लिए हिप एक्सटेंशन पर काम करें—यानी कूल्हा पीछे जोर लगाते हुए। स्ट्राइड लें लेकिन ओवरस्ट्राइड मत करें; ज्यादा लंबा कदम संतुलन बिगाड़ता है और ब्रेक लगवा देता है।

मैक्स वेलॉसिटी पर आने के बाद (लगभग 50–70 मीटर) कदम की फ़्रीक्वेंसी और शरीर की स्थिति पर ध्यान दें—ऊपर बने रहें, सांस नियंत्रित रखें और चेहरे पर तनाव कम रखें। फिनिश के समय न सिर उठाकर कदम छोटा न करें; फिनिश लाइन पर लीड करने के लिए छाती आगे निकालना बेहतर होता है।

प्रैक्टिकल ट्रेनिंग प्लान: हफ्ते में 3–4 स्प्रिंट सेशन + 2 ताकत/पावर सेशन। स्प्रिंट सैट उदाहरण: 5×60m फुल रेस्ट, 6×30m ब्लॉक से, 3×150m फॉर्म रन। ताकत में बायसिक स्क्वैट, डेडलिफ्ट और पावर क्लीन रखें—3–5 सेट, 3–6 रेप्स फोर्स पर।

ड्रिल्स जो रोज़ काम आते हैं: हाई नीज़, बट किक्स, एसेलरेशन रन, रिसिस्टेड स्प्रिंट (बैंड/पैरशूट), और ट्रैक पर टेक्नीक रन। प्लायोमेट्रिक्स (बॉक्स जंप, बाउंस) पावर बढ़ाते हैं—सुरक्षित तरीके से और सही फॉर्म पर।

कॉमन मिस्टेक: 1) बहुत जल्दी उठ जाना; 2) हाथों का गलत स्विंग; 3) ओवरस्ट्राइड; 4) अनस्ट्रक्चर्ड वॉर्मअप। वार्मअप में 10–15 मिनट जॉग, डायनामिक स्ट्रेच और कुछ बिल्ड-अप रन रखें।

छोटा-सा रूटीन अपनाइए, टाइम ट्रैक रखिए और वीडियो से अपनी तकनीक देखें। क्या आप हर हफ्ते 0.05–0.1 सेकंड सुधार पाना चाहेंगे? छोटे, नियमित बदलाव सबसे ज़्यादा असर देते हैं।

अगर आप चाहें तो अपनी उम्र, फिटनेस और उपलब्ध समय बताइए—मैं एक सरल 6-सप्ताह प्लान बना कर दे सकता हूँ।