सितंबर 22, 2025 को सोने-चाँदी की कीमतें छू गईं नई ऊँचाइयाँ, GST और त्योहारी मांग के बल

सितंबर 22, 2025 को सोने-चाँदी की कीमतें छू गईं नई ऊँचाइयाँ, GST और त्योहारी मांग के बल

Saniya Shah 22 सित॰ 2025

सोने-चाँदी की बाजार में मौसमी उछाल

सभी को नमस्ते, मैं सौनीया, आपका अपना वित्तीय रिपोर्टर, आज के सोने-चाँदी के दौर पर कुछ खास दिखाने वाली हूँ। 22 सितंबर 2025 को राष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतें एक नई ऊँचाई पर पहुँचीं। सोने की कीमत 24‑करat के लिए 11,258 रुपये प्रति ग्राम दर्ज की गयी, और कुछ प्रमुख ब्रोकरों ने इसे 11,307 रुपये तक पहुंचते देखा। इसी के साथ 22‑करat सोना 10,320 रुपये और 18‑करat 8,444 रुपये प्रति ग्राम के स्तर पर रहा। यह सब लगातार बढ़ते हुए 21 सितंबर के 11,215 रुपये प्रतिग्राम से एक साफ‑साफ उछाल है।

इसी तरह, चाँदी ने भी तेज़ी दिखायी। पिछले दिन 135 रुपये प्रतिग्राम की कीमत पर बंद होने के बाद, आज यह 138 रुपये तक बढ़ गई। एक किलो में 1,35,000 रुपये से शुरू होकर अब 1,38,000 रुपये का आंकड़ा दर्शाता है कि निवेशकों का भरोसा फिर से बढ़ रहा है।

जैसे जैसे महीनों का मौसम बदल रहा है, वैसी ही भारतीय बाजार में सोने‑चाँदी की खरीद में भी उछाल आता है। ख़ासकर अब जब शादी‑विवाह और दीवाली‑धूमों का मौसम नज़दीक है, लोग दोनों धातुओं को निवेश और रिवाज़ी ख़रीदारी दोनों के लिए देख रहे हैं। नयी GST दरें भी इस स्थिति को महत्त्वपूर्ण बना रही हैं—क्योंकि अब जब कर में बदलाव आया है, दोबारा लागत बढ़ने की आशंका बनी रहती है और यह खरीदारों को आगे‑पीछे नहीं, बल्कि तुरंत खरीदारी करने के लिए प्रेरित करता है।

  • 24‑करat सोना: 11,258 रु/ग्राम (राष्ट्रीय औसत)
  • 22‑करat सोना: 10,320 रु/ग्राम
  • 18‑करत सोना: 8,444 रु/ग्राम
  • चाँदी: 138 रु/ग्राम, 1,38,000 रु/किलोग्राम

शहर‑शहर में कीमतों की बात करें तो मुंबई, दिल्ली और बैंगलौर ने अलग‑अलग आंकड़े दिखाए। मुंबई के 10‑ग्राम 24‑करat सोने का भाव 1,10,850 रु रहा, जबकि दिल्ली में वही 1,10,500 रु पर मिला। 22‑करat के लिए दोनों शहरों ने क्रमशः 1,01,613 रु और 1,01,292 रु की कीमतें दर्ज करवाईं। बैंगलौर में ये कीमतें न्यूनतम स्थानीय ढीले‑ढाले बदलाव के साथ लगभग समान रही। इस पार्थक्य के पीछे स्थानीय टैक्स, परिवहन लागत और धन‑धन्य ग्राहक वर्गों की विविध प्राथमिकताएँ प्रमुख भूमिका निभा रही हैं।

नियमन और अंतर्राष्ट्रीय कारक

नियमन और अंतर्राष्ट्रीय कारक

यदि हम घरेलू कारकों को तोड़‑फोड़ कर देखें, तो दो बातें सबसे ज़्यादा प्रभाव डाल रही हैं। पहला, GST में नई दरों का लागू होना। यह वही बदलाव है जो पिछले साल कुछ महीनों में देखा गया था, लेकिन इस बार इसका असर अधिक स्पष्ट है क्योंकि सरकारी रिपोर्ट ने बताया कि इस नई टैक्‍स संरचना से सोने‑चाँदी के अंतःस्थ मूल्य पर लगभग 1‑2 % की बढ़ोतरी होगी। और दूसरा, MCX (मल्टी‑कम्पॉडिटी एक्स्चेंज) में ट्रेडिंग की बहाली। निवेशकों, हेज फंडों और बड़ी वित्तीय संस्थाओं ने आज के दिन सोने के कॉन्ट्रैक्ट में ऐतिहासिक स्तर की खरीदारियों की रिपोर्ट की, जिससे भाव में भरोसे की लहर दौड़ गई।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्थिति दिलचस्प है। दुबई के सोने की कीमत, जब भारतीय रुपए में बदली जाती है, तब भी भारत की कीमतों से नीचे ही रहती है। इसका मतलब है कि भारतीय बाजारों में घरेलू मांग, कर और थोक‑आपूर्ति चैनलों का ताकतवर प्रभाव है। यदि अंतरराष्ट्रीय कीमतें कम हों, तो भी भारत में कीमतें ऊँची बनी रह सकती हैं क्योंकि मौसमी मांग और नियामक दबाव दोनों ही कीमतों को वैसा ही धकेल रहे हैं।

विशेषज्ञों ने कहा कि अगले हफ़्ते में भी किंमतें इस गति को बनाए रख सकती हैं, बशर्ते कुछ प्रमुख कारक स्थिर रहें:

  1. त्योहारी सीजन की खरीदारी की मात्रा में कोई गिरावट न आए।
  2. नए GST नियमों के बाद कोई अप्रत्याशित कर संशोधन न हो।
  3. MCX पर बड़ी संस्थागत ट्रेडिंग जारी रहे।
  4. विदेशी बाजारों में अस्थिरता से भारतीय कीमतों पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता रहे।

कुछ विश्लेषकों ने यह भी जोड़ते हुए कहा कि अगर विदेशों में सोने की कीमतें स्थिर या घटती हैं, तो भारत के घरेलू खरीदारों को लाभ हो सकता है—क्योंकि उन्हें कम कीमत पर अधिक सोना मिल सकता है। हालांकि, GST‑संबंधित लागत अभी भी अंत में दामों को ऊपर रखेगी।

भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए, रिटेल खरीददारों के लिए यह समय सही लग रहा है। कल के बजाय आज का भुगतान अधिक फायदेमंद हो सकता है, खासकर जब बड़े व्यापारी बड़ी मात्रा में सोना रख रहे हों और सट्टा खेल में कमी आ रही हो। इस दौरान, चाँदी के सट्टा निवेशकों को भी समान लाभ मिल सकता है, क्योंकि सोने की तरह ही चाँदी की कीमतें भी मौसमी ढंग से बढ़ रही हैं।

जैसे ही हम अगले दिनों की ओर देखते हैं, इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि मूल्य अस्थिरता को समझते हुए लाभ सुरक्षा के साथ करना चाहिए। चाहे आप निवेशक हों, गहने की खरीदारी कर रहे हों या सिर्फ बाजार की चाल को देखना चाहते हों, इस सप्ताह का डेटा स्पष्ट संकेत देता है: सोना और चाँदी दोनों ही अभी बुल बाजार में हैं।

15 टिप्पणि

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    Anurag Narayan Rai

    सितंबर 22, 2025 AT 21:57

    सोने-चाँदी की कीमतों में इस उछाल को देखते हुए कई पहलुओं पर विचार करना आवश्यक है। सबसे पहले, मौसमी मांग का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिख रहा है, क्योंकि दियों की रौशनी और शादियों की तैयारियों ने खरीदारों को प्रेरित किया है। दूसरा, GST में recent बदलाव ने मूल्य निर्धारण पर अतिरिक्त भार जोड़ दिया है, जिससे निवेशकों की सोच में परिवर्तन आया है। तीसरा, MCX पर बड़ी संस्थागत ट्रेडिंग ने बाजार में तरलता बढ़ा दी है और कीमतों को समर्थन दिया है। चौथा, अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव की सीमा अब अपेक्षाकृत सीमित लगती है, जिससे घरेलू कीमतें अपनी गति बनाए रख रही हैं। पाँचवाँ, विभिन्न शहरों में टैक्स और परिवहन की विविधता ने स्थानीय कीमतों में थोड़ी बहुत भिन्नता पैदा की है, पर समग्र रुझान समान ही है। इसके अतिरिक्त, दीर्घकालिक निवेशकों को यह समझना चाहिए कि कीमती धातुओं की सुरक्षा पोर्टफ़ोलियो में स्थिरता लाती है। यह भी उल्लेखनीय है कि सट्टा खेल में धीरे-धीरे गिरावट दिख रही है, जिससे वास्तविक मांग अधिक प्रमुख हो रही है। इन सभी कारकों को मिलाकर देखा जाए तो अगले हफ़्ते में कीमतें इसी स्तर पर रह सकती हैं। फिर भी, अप्रत्याशित कर संशोधन या वैश्विक आर्थिक तनाव इस प्रवृत्ति को उलट सकता है। इसलिए, निवेशकों को जोखिम प्रबंधन के साथ अपनी पोर्टफ़ोलियो रणनीति बनानी चाहिए। यदि आप दीर्घकालिक ध्येय रखते हैं तो आज की कीमतें आकर्षक लग सकती हैं। दूसरी ओर, अल्पकालिक लाभ के पीछे भागना कुछ जोखिम भरा हो सकता है। बाजार की मौसमी गति को समझते हुए, सही समय पर निवेश करना फायदेमंद सिद्ध हो सकता है। अंत में, व्यक्तिगत वित्तीय लक्ष्य और जोखिम सहनशीलता को ध्यान में रखकर निर्णय लेना उचित रहेगा।

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    Sandhya Mohan

    अक्तूबर 3, 2025 AT 16:00

    गहरी सोच के साथ कहना चाहूँगा कि धन के इस रूपांतरण में केवल आर्थिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक भी आयाम छिपा है। जब लोगों के पास सोने-चाँदी जैसी स्थिर सम्पत्ति होती है, तो वह सामाजिक स्थायित्व की भावना को सुदृढ़ करती है। इसलिए, दीवाली का उत्सव और शादी‑विवाह का मौसम मिलकर इस धातु की मांग को नई ऊँचाइयों पर ले जा रहा है। यह प्रवृत्ति न केवल निवेशकों को, बल्कि आम जनसंख्या को भी लाभ पहुँचा रही है। अंत में, आशा है कि यह सकारात्मक लहर आगे भी जारी रहे।

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    Prakash Dwivedi

    अक्तूबर 12, 2025 AT 22:13

    बीते कुछ हफ्तों में सोने की कीमतों में तेज़ी ने बाजार में उत्सुकता बढ़ा दी है। निवेशकों को अब मूल्य स्थायित्व को देखते हुए सावधानी बरतनी चाहिए। चाँदी का भी बढ़ता मूल्य एक सुरक्षित विकल्प के रूप में सामने आ रहा है। कुल मिलाकर, वर्तमान स्थितियाँ मध्यम जोखिम के साथ संभावित रिटर्न देती दिख रही हैं।

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    Rajbir Singh

    अक्तूबर 18, 2025 AT 17:06

    नए GST दरों के कारण कीमतें ऊपर जा रही हैं, यह अनुमानित था। लेकिन बहुत से लोग अभी भी कीमतों को लेकर अनिश्चित हैं। वास्तविक मांग ही अंततः दिशा तय करेगी।

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    Swetha Brungi

    अक्तूबर 24, 2025 AT 12:00

    आपकी बात सही है कि वास्तविक मांग ही दिशा तय करती है, पर साथ ही नियामक कारक भी भूमिका निभाते हैं। GST जैसी नीति बदलाव अक्सर अल्पावधि में कीमतों को धक्का देती हैं, पर दीर्घकाल में स्थिर मांग को सुदृढ़ करती हैं। इसलिए, निवेशकों को दोनों पहलुओं को मिलाकर अपनी योजना बनानी चाहिए।

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    Govind Kumar

    अक्तूबर 30, 2025 AT 05:53

    परिचालनात्मक रूप से, विभिन्न शहरों में टैक्स एवं लॉजिस्टिक लागतों के अंतर ने स्थानीय कीमतों में सूक्ष्म भिन्नताएँ उत्पन्न की हैं, लेकिन राष्ट्रीय औसत स्थिरता दर्शाता है कि बाजार के मुख्य रुझान समान हैं। इस संदर्भ में, वित्तीय विश्लेषकों को डेटा के व्यापक चित्र को समझते हुए निवेश पर सलाह देनी चाहिए।

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    Shubham Abhang

    नवंबर 5, 2025 AT 00:46

    भाईयो!! GST में बदलाव तो काफ़ी बड़ा असर डाल रहा है!! पर कीमतें अभी भी बढ़ रही है, समझ नहीं आ रहा!! ये कैसी स्थिति है!!

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    Trupti Jain

    नवंबर 10, 2025 AT 19:40

    स्वर्ण‑रजत की इस शिखर को देखते हुए, बाजार का माहौल अत्यंत उर्जावान प्रतीत होता है, मानो रंग-बिरंगे पताकों की तरह। फिर भी, एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है, ताकि हम अत्यधिक उत्साह में डूबकर अनावश्यक जोखिम न उठाएँ।

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    deepika balodi

    नवंबर 14, 2025 AT 07:00

    दीवाली की रौनक ने सोने की माँग को प्रेरित किया है।

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    Priya Patil

    नवंबर 17, 2025 AT 18:20

    बिलकुल, उत्सव की चमक ने बहुत लोगों को आकर्षित किया है, पर हमें निवेश की बुनियादी बातों को न भूलना चाहिए। सुरक्षित पोर्टफ़ोलियो बनाते समय, विविधीकरण और जोखिम प्रबंधन को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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    Rashi Jaiswal

    नवंबर 21, 2025 AT 05:40

    वाह! आज का बाजार देखते ही बनता है, सबका मन खुश हो रहा है, चलो सब मिलकर इस जीत का जश्न मनाते हैं!

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    Maneesh Rajput Thakur

    नवंबर 24, 2025 AT 17:00

    ऐसा स्पष्ट है कि जब तक अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिरता बनी रहेगी, भारत की कीमतें भी इस प्रवृत्ति को प्रतिबिंबित करेंगी। हालांकि, यदि वैश्विक आर्थिक तनाव फिर से उभरे, तो मौजूदा कीमतों पर असर पड़ सकता है। इसलिए, केवल वर्तमान डेटा से ही भविष्य का अनुमान लगाना अधूरा होगा।

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    ONE AGRI

    नवंबर 27, 2025 AT 14:26

    देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में यह सोने‑चाँदी की कीमतों में उछाल एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि यह दिखाता है कि हमारे नागरिक अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए स्थानीय बाजार पर भरोसा कर रहे हैं। इनकी बढ़ती मांग न केवल निवेशकों को फायदा पहुंचाएगी, बल्कि घरेलू निर्माताओं और गहना उद्योग को भी मजबूती देगी। जब हम देखते हैं कि कर में बदलाव के बावजूद कीमतें ऊपर जा रही हैं, तो यह हमारे राष्ट्र की दृढ़ता को प्रतिबिंबित करता है। हमें इस अवसर का लाभ उठाकर अपने पोर्टफ़ोलियो को मजबूत करना चाहिए, जिससे राष्ट्रीय संपत्ति में वृद्धि हो। साथ ही, विदेशी बाजार की अस्थिरता को देखते हुए, हमारी आंतरिक मांग को प्राथमिकता देना चाहिए, क्योंकि यह हमें आर्थिक समृद्धि की ओर ले जाएगी। इसी प्रकार, दीवाली जैसे त्यौहारी माहौल में स्थानीय उपभोक्ता शक्ति का उपयोग करके हम घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दे सकते हैं। अंत में, यह उछाल हमें यह याद दिलाता है कि स्वावलंबी आर्थिक नीति और स्थिर वित्तीय योजना हमारे देश की प्रगति के मुख्य स्तंभ हैं।

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    Himanshu Sanduja

    नवंबर 30, 2025 AT 11:53

    आप सभी की insights पढ़कर बहुत सीख मिली, धन्यवाद। चलो मिलकर इस बाजार की动态 को समझते रहें और सही निवेश निर्णय लेते रहें।

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    Kiran Singh

    दिसंबर 2, 2025 AT 19:26

    👍💰🌟 सोने‑चाँदी के इस बुल मार्केट में सबको शुभकामनाएँ! 📈✨

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