सोने-चाँदी की बाजार में मौसमी उछाल
सभी को नमस्ते, मैं सौनीया, आपका अपना वित्तीय रिपोर्टर, आज के सोने-चाँदी के दौर पर कुछ खास दिखाने वाली हूँ। 22 सितंबर 2025 को राष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतें एक नई ऊँचाई पर पहुँचीं। सोने की कीमत 24‑करat के लिए 11,258 रुपये प्रति ग्राम दर्ज की गयी, और कुछ प्रमुख ब्रोकरों ने इसे 11,307 रुपये तक पहुंचते देखा। इसी के साथ 22‑करat सोना 10,320 रुपये और 18‑करat 8,444 रुपये प्रति ग्राम के स्तर पर रहा। यह सब लगातार बढ़ते हुए 21 सितंबर के 11,215 रुपये प्रतिग्राम से एक साफ‑साफ उछाल है।
इसी तरह, चाँदी ने भी तेज़ी दिखायी। पिछले दिन 135 रुपये प्रतिग्राम की कीमत पर बंद होने के बाद, आज यह 138 रुपये तक बढ़ गई। एक किलो में 1,35,000 रुपये से शुरू होकर अब 1,38,000 रुपये का आंकड़ा दर्शाता है कि निवेशकों का भरोसा फिर से बढ़ रहा है।
जैसे जैसे महीनों का मौसम बदल रहा है, वैसी ही भारतीय बाजार में सोने‑चाँदी की खरीद में भी उछाल आता है। ख़ासकर अब जब शादी‑विवाह और दीवाली‑धूमों का मौसम नज़दीक है, लोग दोनों धातुओं को निवेश और रिवाज़ी ख़रीदारी दोनों के लिए देख रहे हैं। नयी GST दरें भी इस स्थिति को महत्त्वपूर्ण बना रही हैं—क्योंकि अब जब कर में बदलाव आया है, दोबारा लागत बढ़ने की आशंका बनी रहती है और यह खरीदारों को आगे‑पीछे नहीं, बल्कि तुरंत खरीदारी करने के लिए प्रेरित करता है।
- 24‑करat सोना: 11,258 रु/ग्राम (राष्ट्रीय औसत)
- 22‑करat सोना: 10,320 रु/ग्राम
- 18‑करत सोना: 8,444 रु/ग्राम
- चाँदी: 138 रु/ग्राम, 1,38,000 रु/किलोग्राम
शहर‑शहर में कीमतों की बात करें तो मुंबई, दिल्ली और बैंगलौर ने अलग‑अलग आंकड़े दिखाए। मुंबई के 10‑ग्राम 24‑करat सोने का भाव 1,10,850 रु रहा, जबकि दिल्ली में वही 1,10,500 रु पर मिला। 22‑करat के लिए दोनों शहरों ने क्रमशः 1,01,613 रु और 1,01,292 रु की कीमतें दर्ज करवाईं। बैंगलौर में ये कीमतें न्यूनतम स्थानीय ढीले‑ढाले बदलाव के साथ लगभग समान रही। इस पार्थक्य के पीछे स्थानीय टैक्स, परिवहन लागत और धन‑धन्य ग्राहक वर्गों की विविध प्राथमिकताएँ प्रमुख भूमिका निभा रही हैं।

नियमन और अंतर्राष्ट्रीय कारक
यदि हम घरेलू कारकों को तोड़‑फोड़ कर देखें, तो दो बातें सबसे ज़्यादा प्रभाव डाल रही हैं। पहला, GST में नई दरों का लागू होना। यह वही बदलाव है जो पिछले साल कुछ महीनों में देखा गया था, लेकिन इस बार इसका असर अधिक स्पष्ट है क्योंकि सरकारी रिपोर्ट ने बताया कि इस नई टैक्स संरचना से सोने‑चाँदी के अंतःस्थ मूल्य पर लगभग 1‑2 % की बढ़ोतरी होगी। और दूसरा, MCX (मल्टी‑कम्पॉडिटी एक्स्चेंज) में ट्रेडिंग की बहाली। निवेशकों, हेज फंडों और बड़ी वित्तीय संस्थाओं ने आज के दिन सोने के कॉन्ट्रैक्ट में ऐतिहासिक स्तर की खरीदारियों की रिपोर्ट की, जिससे भाव में भरोसे की लहर दौड़ गई।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्थिति दिलचस्प है। दुबई के सोने की कीमत, जब भारतीय रुपए में बदली जाती है, तब भी भारत की कीमतों से नीचे ही रहती है। इसका मतलब है कि भारतीय बाजारों में घरेलू मांग, कर और थोक‑आपूर्ति चैनलों का ताकतवर प्रभाव है। यदि अंतरराष्ट्रीय कीमतें कम हों, तो भी भारत में कीमतें ऊँची बनी रह सकती हैं क्योंकि मौसमी मांग और नियामक दबाव दोनों ही कीमतों को वैसा ही धकेल रहे हैं।
विशेषज्ञों ने कहा कि अगले हफ़्ते में भी किंमतें इस गति को बनाए रख सकती हैं, बशर्ते कुछ प्रमुख कारक स्थिर रहें:
- त्योहारी सीजन की खरीदारी की मात्रा में कोई गिरावट न आए।
- नए GST नियमों के बाद कोई अप्रत्याशित कर संशोधन न हो।
- MCX पर बड़ी संस्थागत ट्रेडिंग जारी रहे।
- विदेशी बाजारों में अस्थिरता से भारतीय कीमतों पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता रहे।
कुछ विश्लेषकों ने यह भी जोड़ते हुए कहा कि अगर विदेशों में सोने की कीमतें स्थिर या घटती हैं, तो भारत के घरेलू खरीदारों को लाभ हो सकता है—क्योंकि उन्हें कम कीमत पर अधिक सोना मिल सकता है। हालांकि, GST‑संबंधित लागत अभी भी अंत में दामों को ऊपर रखेगी।
भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए, रिटेल खरीददारों के लिए यह समय सही लग रहा है। कल के बजाय आज का भुगतान अधिक फायदेमंद हो सकता है, खासकर जब बड़े व्यापारी बड़ी मात्रा में सोना रख रहे हों और सट्टा खेल में कमी आ रही हो। इस दौरान, चाँदी के सट्टा निवेशकों को भी समान लाभ मिल सकता है, क्योंकि सोने की तरह ही चाँदी की कीमतें भी मौसमी ढंग से बढ़ रही हैं।
जैसे ही हम अगले दिनों की ओर देखते हैं, इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि मूल्य अस्थिरता को समझते हुए लाभ सुरक्षा के साथ करना चाहिए। चाहे आप निवेशक हों, गहने की खरीदारी कर रहे हों या सिर्फ बाजार की चाल को देखना चाहते हों, इस सप्ताह का डेटा स्पष्ट संकेत देता है: सोना और चाँदी दोनों ही अभी बुल बाजार में हैं।