शामली के औद्योगिक पुलिस स्टेशन में एक अजीब मोड़ आया जब पिछले हफ्ते एक सार्वजनिक नीलामी में वह बाइक गायब पाई गई, जिसपर स्टेशन ने पहले ही अपनी बेखबरियों को दर्ज किया था। नीलामी अधिकारी ने बताया कि 12 लाख रुपये की कीमत पर बाईक को बेचने की प्रक्रिया में एक दस्तावेज़ में मोटरसाइकिल की पहचान संख्या (Engine No.) गायब थी और यही नोटिस उन्हें असामान्य लगा।
घटना की पृष्ठभूमि
सामान्य तौर पर पुलिस स्टेशन के गोदाम में जबरन जब्ती की गई बाइकों और वाहनों को अदालत के आदेश से नीलाम किया जाता है। इस बार निलंबित बाईक, मोटरसाइकिल मॉडल बजर 150, का दायरा केवल दो महीने पहले एक चोरी की घटना से जुड़ा था, जहाँ वही मॉडल की कई बाइकों को समान्य बाजार में बेचा गया था।
प्रारम्भिक जाँच में यह उजागर हुआ कि नीलामी के दिन स्टेशन के एक अंडरवोटिंग क्लर्क ने चाबियों को अपनी व्यक्तिगत अलमारी में रख लिया था। कुछ दिनों बाद, उसी क्लर्क ने बाईक की चाबियों को किसी अजनबी को सौंप दिया, जिसके बाद वह वाहन के नए मालिक तक पहुँच गया। यह जानकारी स्थानीय अखबार में प्रकाशित एक और रिपोर्ट से पुष्टि होती है, जिसमें बताया गया था कि शिमला के निकट एक बाईक चेन में बड़ी संख्या में बाइक चोरी का जाल बुन रहा था।

जांच के परिणाम और आगे की कार्रवाई
शामली की औद्योगिक पुलिस इंस्पेक्टर ने तुरंत एक अंडरट्रैकिंग टीम बनाई और संदेहास्पद क्लर्क को हिरासत में ले लिया। इस पर जिला कोर्ट ने जांच को तेज करने का निर्देश दिया और सभी जुड़े दस्तावेज़ों को संग्रहित करने का आदेश जारी किया।
जाँच ने यह भी दिखाया कि चोरी की योजना में कई पैरामीटर थे:
- चाबियों का अनधिकृत कब्जा
- नीलामी सूची में छुपी हुई संख्याएँ
- संदिग्धों को सस्ता ‘बिक्री’ प्रस्ताव देना
इंस्पेक्टर ने कहा, "हम इस बाइक चोरी केस को गंभीरता से लेंगे क्योंकि यह हमारे विभाग की विश्वसनीयता को नुकसान पहुँचा रहा है।" उन्होंने आगे कहा कि सभी जिम्मेदारों को सख्त दंड मिलना चाहिए और इस प्रकार के मामलों को रोकने के लिए नई निगरानी प्रणाली लागू की जाएगी।
स्थानीय राजनेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस घटना पर गंभीर चिंता जताते हुए पुलिस अधिकारियों से मांग कर रहे हैं कि चोरी के मामले में तेज‑तुरंत कार्रवाई हो और पुलिस स्टेशन के अंदरुनी प्रबंधन को पारदर्शी बनाया जाए।
इस बीच, नीलाम की गई बाईक अभी भी कोर्ट को सौंप दी गई है और उसके मालिक को वैध दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की सूचना दी गई है। मामले की आगे की प्रगति के साथ, शहर में पुलिस की भरोसेमंदता को फिर से स्थापित करने की चुनौती बड़ी है।