बुधवार, 9 अक्टूबर 2024 को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में जब ICC महिला T20 विश्व कप 2024 के लीग मैच में भारत ने श्रीलंका को 82 रनों से धूल चटाई, तो सबका ध्यान बल्लेबाजी या गेंदबाजी पर नहीं, बल्कि एक ऐसे कैच पर टिक गया जिसने खेल की भावना को नया अर्थ दे दिया। राधा यादव और जेमिमा रॉड्रिग्स — दो अलग-अलग टीमों की खिलाड़ियां — एक ही गेंद के लिए दौड़ीं, लेकिन भिड़ंत नहीं हुई। बल्कि एक ऐसा पल आया, जिसने खेल के दिल को छू लिया।
गेंद हवा में, दो हाथ दौड़े, एक दिल ने रास्ता छोड़ दिया
श्रीलंका की पारी की दूसरी ही गेंद पर विश्मी गुणरत्ने ने रेणुका सिंह ठाकुर की वाइडिश गेंद को स्लॉग करने की कोशिश की — लेकिन बल्ला गेंद से टकराया नहीं। गेंद ऊपर उठी, और दोनों फील्डर्स के लिए एक साथ चुनौती बन गई। पॉइंट पर राधा यादव, कवर के पास जेमिमा रॉड्रिग्स। गेंद जेमिमा से थोड़ी दूर थी, लेकिन राधा के लिए भी ये एक जान लेने वाला डाइव था। उन्होंने जमीन को छूते हुए दोनों हाथों से गेंद को पकड़ लिया — और तभी, जेमिमा उनके पास पहुंच गईं।
वहां भिड़ंत होने की बात तो सबको लग रही थी। लेकिन राधा ने सिर्फ एक नज़र देखी, और फिर मुस्कुराकर जेमिमा को मना दिया — जैसे कह रही हों, "ये तुम्हारा नहीं, मेरा भी नहीं… ये तो खेल का है।" जेमिमा ने अपने हाथ उठाए, फिर राधा के ऊपर गिर गईं — जैसे कह रही हों, "अरे भाई, ये तो मैंने भी नहीं किया था।"
एक कैच, दो दिल, एक जश्न
रेणुका सिंह ठाकुर तो चौंक गईं। रिप्ले देखकर उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि गेंद वाकई पकड़ी गई। जेमिमा ने बाद में बताया — "मैंने सोचा ये तो मेरा होगा… फिर देखा, राधा ने जमीन पर लेटकर उसे निगल लिया।" उनकी आंखों में हैरानी थी, लेकिन उसके साथ एक अजीब सी श्रद्धा भी।
ये कैच इतना शानदार था कि उसे टूर्नामेंट के सबसे बेहतरीन कैच में शामिल कर लिया गया। यह न केवल तकनीक का बल्कि चरित्र का भी नमूना था। एक खिलाड़ी ने अपनी जीत के लिए दौड़ लगाई, लेकिन जब दूसरी आ गई, तो उसने उसे आगे बढ़ने दिया। इसका मतलब था — जीत का असली अर्थ नहीं, बल्कि खेल का सम्मान है।
राधा यादव: बल्लेबाजी की जगह, फील्डिंग की जीत
इस मैच में राधा यादव को रिप्लेसमेंट फील्डर के रूप में उतारा गया था। उनकी बल्लेबाजी का नंबर टीम में नीचे था। लेकिन जब हरमनप्रीत कौर बाहर हुईं, तो राधा ने टीम का दबाव संभाल लिया। उन्होंने इस मैच में एक कैच के साथ-साथ दो और बड़े कैच भी पकड़े — जिनमें से एक ने श्रीलंका की अंतिम उम्मीदों को भी तोड़ दिया।
उनका टूर्नामेंट बेहद उत्कृष्ट रहा। 10 विकेट, 7.71 की इकोनॉमी रेट, और ICC T20I गेंदबाजों की रैंकिंग में दूसरा स्थान। लेकिन ये सब उनके लिए बस आंकड़े थे। असली जीत तो वो कैच था — जिसमें उन्होंने एक दूसरे के अधिकार को माना।
जेमिमा का खुलासा: विराट कोहली के वीडियो और दिल की ताकत
मैच के बाद जेमिमा रॉड्रिग्स ने एक अनोखा खुलासा किया। वह मैच से पहले विराट कोहली के एग्रेशन वीडियो देखती हैं — न कि अपने खिलाड़ियों के, बल्कि एक विदेशी बल्लेबाज के। "मैं उनके चेहरे को देखती हूं, उनकी आंखों में दृढ़ता को देखती हूं। फिर खुद को बदलती हूं।" उन्होंने बताया कि यही तकनीक उन्हें दबाव में भी शांत रखती है।
और जब राधा ने उस कैच को पकड़ा, तो जेमिमा ने सोचा — "ये वही दृढ़ता है, जिसे मैं विराट के वीडियो में देखती हूं।" उन्होंने राधा को गले लगाने का फैसला किया, क्योंकि उन्हें लगा — ये खिलाड़ी है, जिसका दिल उसके खेल से बड़ा है।
भारत की जीत, और टूर्नामेंट का अगला मोड़
इस जीत के साथ भारतीय महिला टीम ने सेमीफाइनल की उम्मीदों को जिंदा रखा। 173 रनों का लक्ष्य श्रीलंका के लिए एक दीवार थी — और राधा के कैच ने उस दीवार को और मजबूत कर दिया।
इससे पहले, 23 जून 2022 को भारत और श्रीलंका के बीच एक T20 श्रृंखला हुई थी, जिसमें भारत ने 34 रनों से जीत हासिल की थी। उस दौरान भी राधा और जेमिमा के बीच एक अच्छी बातचीत थी। लेकिन ये बार अलग था — ये एक कैच था, जिसने खेल को एक नई परिभाषा दी।
खेल की भावना: जीत नहीं, सम्मान था असली जीत
कभी-कभी खेल की असली जीत वो नहीं होती जो स्कोरबोर्ड पर लिखी जाती। कभी-कभी वो जीत होती है जब एक खिलाड़ी दूसरे को अपने लिए नहीं, बल्कि खेल के लिए छोड़ दे।
राधा यादव ने न सिर्फ गेंद पकड़ी, बल्कि एक संस्कृति को भी पकड़ा। जेमिमा रॉड्रिग्स ने न सिर्फ जश्न मनाया, बल्कि एक नए रिश्ते की शुरुआत की। ये खेल की बात नहीं, इंसानियत की बात है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
राधा यादव का यह कैच टूर्नामेंट का सबसे बेहतरीन कैच क्यों माना जा रहा है?
इस कैच को बेहतरीन माना जा रहा है क्योंकि यह न सिर्फ तकनीकी दक्षता का बल्कि खेल की भावना का प्रतीक है। दो खिलाड़ियों के बीच भिड़ंत के बजाय सम्मान और सहयोग का पल देखने को मिला, जो महिला क्रिकेट के इतिहास में दुर्लभ है। इसके अलावा, गेंद का डाइव और दोनों हाथों से पकड़ना भी बेहद कठिन था।
जेमिमा रॉड्रिग्स ने विराट कोहली के वीडियो क्यों देखे?
जेमिमा ने बताया कि विराट कोहली के एग्रेशन वीडियो उन्हें दबाव में भी फोकस बनाए रखने में मदद करते हैं। वह उनकी आंखों में दृढ़ता और अपने लक्ष्य के प्रति निष्ठा देखती हैं, जो उन्हें अपने खेल में उतनी ही ताकत देती है। यह एक अनौपचारिक, लेकिन बहुत गहरी शिक्षा है — जो खेल के बाहर की जीत की ओर ले जाती है।
राधा यादव का यह मैच उनके लिए क्यों यादगार रहा?
राधा यादव ने इस टूर्नामेंट में 10 विकेट लिए और ICC T20I गेंदबाजों की रैंकिंग में दूसरा स्थान हासिल किया। लेकिन उनके लिए सबसे बड़ी जीत वह कैच था, जिसमें उन्होंने जेमिमा को अपने लिए नहीं, बल्कि खेल के लिए छोड़ दिया। यह उनके लिए खेल के असली अर्थ को समझने का पल था।
भारत की इस जीत ने सेमीफाइनल की उम्मीदों पर क्या प्रभाव डाला?
इस 82 रनों की जीत ने भारत की सेमीफाइनल की उम्मीदों को जिंदा रखा। टूर्नामेंट के शुरूआती मैचों में भारत की जीत अनिश्चित थी, लेकिन इस बड़ी जीत ने टीम के आत्मविश्वास को बहाल किया। अब टीम के पास अपने ग्रुप में शीर्ष दो में जगह बनाने का मौका है, और राधा के फील्डिंग ने इसकी आधारशिला रख दी।
Kaviya A
नवंबर 1, 2025 AT 17:56ये कैच देखकर मेरी आंखें भर आईं भाई सच में
Nilisha Shah
नवंबर 2, 2025 AT 20:23राधा यादव का यह पल खेल के असली अर्थ को दर्शाता है - जीत नहीं, सम्मान। इस तरह के व्यवहार को बच्चों को सिखाना चाहिए, न कि सिर्फ रन और विकेट।
Supreet Grover
नवंबर 3, 2025 AT 21:24इस इंटरैक्शन में एक प्रोफेशनल एथलेटिक्स एथिक्स का एक उत्कृष्ट उदाहरण देखने को मिला - फील्डिंग एक्शन के बाद एक नॉन-वर्बल रिस्पेक्ट डायनेमिक जो टीम कल्चर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
Saurabh Jain
नवंबर 4, 2025 AT 23:43ये बात हिंदुस्तान की नहीं, दुनिया की है। जब खिलाड़ी खेल के ऊपर इंसानियत को चुनते हैं, तो ये खेल नहीं, जीवन का उदाहरण बन जाता है।
Suman Sourav Prasad
नवंबर 5, 2025 AT 21:49मुझे लगता है कि इस तरह के पलों को हमें टीवी पर बार-बार दिखाना चाहिए, न कि सिर्फ शानदार कैचों को... ये बात है जो दिल को छूती है...
Nupur Anand
नवंबर 6, 2025 AT 07:19अरे भाई, ये तो बस एक शो-केस था! अगर ये बात है तो हर मैच में ऐसा होना चाहिए, लेकिन नहीं - जब बल्लेबाज गेंद फेंकता है तो उसे नहीं छोड़ना चाहिए, उसे तोड़ना चाहिए! ये रोमांटिक बकवास है, जीत तो जीत होती है, न कि भावनाओं का फैशन शो!
Vivek Pujari
नवंबर 7, 2025 AT 22:52❤️ ये तो मैंने कभी नहीं देखा था... भारत और श्रीलंका के बीच ऐसा पल? ये तो दिल की बात है... ये खेल का असली रंग है...
Ajay baindara
नवंबर 9, 2025 AT 06:41ये सब बकवास है... अगर गेंद पकड़ी नहीं गई तो वो आउट होता, बस। ये फील्डिंग में दिल लगाने की बात नहीं, बल्कि जीत के लिए लड़ने की बात है। ये राधा यादव ने अपनी टीम के लिए नहीं, बल्कि इंस्टाग्राम के लिए खेला।
mohd Fidz09
नवंबर 10, 2025 AT 10:34भारत की लड़की ने दुश्मन को छोड़ दिया? ये देशभक्ति के खिलाफ है! हमारे खिलाड़ियों को दुश्मन के खिलाफ लड़ना चाहिए, न कि उनके साथ गले मिलना! ये नरम भावनाएं हमारी ताकत नहीं, कमजोरी हैं!
Rupesh Nandha
नवंबर 12, 2025 AT 03:20इस कैच का महत्व उस निर्णय में छिपा है - जब दो व्यक्ति एक ही चीज़ के लिए दौड़ रहे हों, तो एक का अपने अधिकार को छोड़ देना एक गहरा आत्म-समर्पण है। ये न तो दुर्लभ है, न ही रोमांटिक - ये मानवता का असली आधार है।
suraj rangankar
नवंबर 13, 2025 AT 15:00ये कैच देखकर मैंने सोचा - ये लड़की टीम की जान है! जो बल्लेबाजी नहीं कर पा रही, वो फील्डिंग में टीम को बचा रही है... और फिर दूसरी टीम के खिलाड़ी के साथ भावनात्मक कनेक्शन बना रही है... ये टीम के लिए एक बड़ा मैसेज है!
Nadeem Ahmad
नवंबर 14, 2025 AT 03:13मैंने ये कैच देखा, बस। न कोई भावना, न कोई विश्लेषण। बस एक गेंद, दो हाथ, और एक शांत निर्णय।
Aravinda Arkaje
नवंबर 15, 2025 AT 12:57राधा, तूने जो किया, वो खेल का नहीं, इंसानियत का नमूना था। अब तू टीम के लिए नहीं, दुनिया के लिए एक नया मानक बन गई है। ये कैच तेरा नहीं, हम सबका है।