पेरिस पैरालिंपिक्स 2024 में निशाद कुमार ने पुरुषों की हाई जंप T47 में जीता रजत पदक

पेरिस पैरालिंपिक्स 2024 में निशाद कुमार ने पुरुषों की हाई जंप T47 में जीता रजत पदक

Saniya Shah 2 सित॰ 2024

पेरिस पैरालिंपिक्स 2024: निशाद कुमार का शानदार प्रदर्शन

हिमाचल प्रदेश के उभरते हुए भारतीय हाई जंप खिलाड़ी निशाद कुमार ने पेरिस पैरालिंपिक्स 2024 में व्यक्तिगत कौशल और समर्पण के दम पर देश का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने पुरुषों की हाई जंप T47 स्पर्धा में रजत पदक जीतकर अपनी अद्वितीय प्रतिभा का परिचय दिया। यह महान क्षण भारत के खेल इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।

कुमार ने इस प्रतिस्पर्धा में 2.04 मीटर की ऊंचाई पर छलांग लगाई, जो कि इस सत्र का उनका सर्वोत्तम प्रदर्शन रहा। यह सफलता उन्हें अमेरिका के रॉडेरिक टाउन्सेंड के बहुत करीब ले आई, जिनकी 2.16 मीटर की ऊंचाई ने उन्हें स्वर्ण पदक दिलाया। यह ऊंचाई उसी रिकॉर्ड के बराबर थी जो टाउन्सेंड ने पिछले वर्ष 2023 में स्थापित किया था।

कड़ी प्रतिस्पर्धा में निशाद का जबरदस्त आत्मबल

कड़ी प्रतिस्पर्धा में निशाद का जबरदस्त आत्मबल

प्रतिस्पर्धा के दौरान, केवल कुमार और टाउन्सेंड ही ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने 2.00 मीटर की ऊंचाई को पार किया। इस कारण से, यह मुकाबला अत्यंत रोमांचक बन गया था। हालांकि, तीन प्रयासों के बावजूद कुमार 2.08 मीटर की ऊंचाई को पार नहीं कर सके, लेकिन उनके प्रदर्शन ने उन्हें दूसरा स्थान दिलाया।

यह रजत पदक निशाद कुमार के लिए बहुत मायने रखता है, क्योंकि यह उनकी दूसरी प्रमुख पैरालिंपिक्स सफलता है। इससे पहले उन्होंने टोक्यो पैरालिंपिक्स 2020 में भी रजत पदक जीता था, जहां उन्होंने 2.06 मीटर की छलांग लगाकर एशियाई रिकॉर्ड स्थापित किया था। उनकी मेहनत और लगन ने एक बार फिर से उन्हें विश्व मंच पर चमकाया है।

भारत के अन्य खिलाड़ी भी नहीं रहे पीछे

निशाद कुमार के साथी भारतीय खिलाड़ी राम पाल ने भी इस प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने 1.95 मीटर की छलांग लगाकर सातवां स्थान हासिल किया। यह राम पाल का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।

भारत की ओर से यह कुल मिलाकर पेरिस पैरालिंपिक्स 2024 में सातवां पदक है, जो देश को खेलों में आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। निशाद कुमार की इस सफलता ने न केवल अपने कोच और टीम को गर्व का अनुभव कराया है, बल्कि उन्होंने अपने देशवासियों का भी सम्मान बढ़ाया है।

निशाद कुमार की प्रेरणादायक यात्रा

निशाद कुमार की प्रेरणादायक यात्रा

निशाद कुमार की जीवन यात्रा प्रेरणादायक है। एक छोटे से गाँव से उठकर उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के बल पर इंटरनेशनल स्पर्धाओं में अपनी पहचान बनाई है। उनकी यह सफलता न केवल उनके लिए गर्व का विषय है, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए भी एक प्रेरणा का स्त्रोत है।

कुमार ने अपने खेल जीवन की शुरुआत बचपन में ही कर दी थी। प्रारंभिक दौर में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनकी मां हमेशा उन्हें प्रोत्साहित करती रही और उनके परिवार ने हर कदम पर उनका साथ दिया।

खेल मंत्रालय ने दी बधाई

निशाद कुमार की जीत पर खेल मंत्रालय और प्रमुख वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें बधाई दी है। उनके कोच ने भी खुशी जताई और कहा कि इस जीत ने उन सभी मेहनत और समय को सही साबित किया है जो उन्होंने निशाद की ट्रेनिंग में लगाया।

यह भारतीय खेलजगत के लिए एक नई स्फूर्ति की शुरुआत है। निशाद कुमार की इस जीत से देश के अन्य उभरते खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा और वे भी अपनी मेहनत को नए स्तर पर पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

भविष्य में क्या?

भविष्य में क्या?

भविष्य में निशाद कुमार और अधिक सफलता की ओर अग्रसर होंगे। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और सही मार्गदर्शन से कितनी ऊँची उड़ान भरी जा सकती है।

आने वाले वर्षों में, उम्मीद है कि वे और भी अधिक ऊँचाइयों को पार करेंगे और भारतीय खेल जगत को और भी अधिक गौरव दिलाएंगे। सभी की आंखें अब अगले पैरालिंपिक्स और अन्य आने वाले इंटरनेशनल टूर्नामेंट पर टिकी हैं, जहां निशाद अपने देश के लिए और भी चमकदार प्रदर्शन करेंगे।

9 टिप्पणि

Harshit Gupta

Harshit Gupta

2 सित॰ 2024

भाई लोग, हमारे निशाड ने फिर से धूम मचा दी! इस रजत पदक से दिखा दिया कि भारत की हड्डी सलामत है, बॉस। पेरिस में हमारी टीम ने कड़ी मेहनत का फल सालाना हासिल किया, बधाई हो!

HarDeep Randhawa

HarDeep Randhawa

2 सित॰ 2024

अरे वाह!!! क्या बात है, क्या एंट्री है!!! निशाड की कूद, हमारे दिल की धड़कन, सब एक साथ!!!

Nivedita Shukla

Nivedita Shukla

2 सित॰ 2024

जैसे एक फलसफा कहता है, संघर्ष ही वही अग्नि है जो आत्मा को पिघला देती है और फिर नए रूप में उतरती है। निशाड की कहानी में अनगिनत रातों की अभ्यस्तता, आँसू और उम्मीदों का संगम है। प्रत्येक छलांग में उसने अपने अतीत के साया को पीछे छोड़ दिया, जैसे काली रात के बाद उजाला फूटता है। यह जीत केवल एक पदक नहीं, बल्कि उस अडिग मनोबल की गूँज है जो कुछ भी नहीं मानता। उसके पैर में घाव थे, लेकिन दिल में जौहर था, इसलिए वह 2.04 मीटर की ऊँचाई को छू सका। यह आँकड़ा तभी मायने रखता है जब वह निरंतर बाधाओं को तोड़ता रह गया। भारत की पड़ोसियों को दिखा दिया कि छोटे गाँव के लड़के भी विश्व मंच पर चमक सकते हैं। उसकी मम्मी की दुआओँ, कोच की मेहनत और अपने सपनों की तपिश ने उसे यहाँ तक पहुँचाया। हर एक बार जब वह जमीन पर गिरता, तो फिर उठकर बेजोड़ ऊर्जा से फिर से कूदता। यह सपनों का परिप्रेक्ष्य हमें सिखाता है कि लक्ष्य केवल मंजिल नहीं, बल्कि यात्रा भी है। पेरिस की चमकती रोशनियों में भी उसके गांव की मिट्टी की खुशबू बसी हुई थी। यह बात हमें याद दिलाती है कि सफलता का कोई राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय सीमा नहीं होती। उसके पीछे की टीम की भी सराहना करनी चाहिए, जो हर दिन दुपहर के बाद भी ट्रेनिंग कराते रहे। वह अपने पैरालिंपिक इतिहास में नाम लिखवाने वाले पहले नहीं है, परंतु इस बार का उत्सव अलग ही रंग लाया। उसकी कहानी युवा पीढ़ी को प्रेरित कर रही है, जैसे सूरज की पहली किरण आशा की नयी सुबह लाती है। अंत में यही कहूँगा: हमारे निशाड ने उन सभी को साबित कर दिया जो कहते थे कि हम नहीं कर सकते।

Rahul Chavhan

Rahul Chavhan

2 सित॰ 2024

वाह, क्या कूद है!

Joseph Prakash

Joseph Prakash

2 सित॰ 2024

बहुत बढ़िया 😎

Arun 3D Creators

Arun 3D Creators

2 सित॰ 2024

निशाड का सफर एक फिल्म जैसा है, हर सीन में तनाव और आश्चर्य, और अंत में जीत का जलवा!

RAVINDRA HARBALA

RAVINDRA HARBALA

2 सित॰ 2024

डेटा देखे तो पता चलता है कि अंतर केवल दो सेंटीमीटर है, जो प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभी भी सुधार की गुंजाइश रखता है। लेकिन इस रजत पदक को कम नहीं आंकना चाहिए, क्योंकि यह हमारे डेफ़ी पर थाली पर रखे कई सालों की मेहनत का परिणाम है।

Vipul Kumar

Vipul Kumar

2 सित॰ 2024

सही कहा, लेकिन याद रखो कि हर छोटा कदम बड़ा बदलाव लाता है। युवा वर्ग इस उदाहरण से सीख ले कि निरंतर अभ्यास और सकारात्मक मनोवृत्ति से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

Priyanka Ambardar

Priyanka Ambardar

2 सित॰ 2024

बिल्कुल सही 🚀, बने रहो ऐसे ही, देश की शान बढ़ाओ! 👍

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