नेस्ले इंडिया ने पहली 1:1 बोनस जारी, शेयरधारकों को मिला दो गुना शेयर

नेस्ले इंडिया ने पहली 1:1 बोनस जारी, शेयरधारकों को मिला दो गुना शेयर

Saniya Shah 16 अक्तू॰ 2025

जब नेस्ले इंडिया लिमिटेड ने अपनी पहली 1:1 बोनस शेयर इश्यू की घोषणा की, बाजार में हलचल दी जैसी कोई नई बात नहीं रही। कंपनियों के लिए बोनस शेयर अक्सर विश्वास का संकेत माने जाते हैं, और इस बार नेस्ले के 2025‑2026 के पहले तिमाही के मुनाफे में गिरावट के बाद भी इस कदम ने शेयरधारकों के चेहरों पर मुस्कुराहट लाने की कोशिश की। रिकॉर्ड डेट शुक्रवार, 8 अगस्त 2025 रखी गई, जबकि कट‑ऑफ़ डेट गुरुवार, 7 अगस्त 2025 तय की गई – यानी केवल वही निवेशक जो इस दिन तक शेयर रखते थे, उन्हें बोनस मिलेंगे।

पृष्ठभूमि और इतिहास

भारत में नेस्ले की उपस्थिति 1970 के दशक से शुरू हुई, तब से यह अपने खाद्य‑पेय पोर्टफोलियो से लाखों घरों में जगह बना चुका है। अब तक कंपनी ने कभी बोनस शेयर नहीं दिया था, इसलिए यह इश्यू ‘ऐतिहासिक’ कहा जा रहा है। पिछले महीने (24 जुलाई 2025) विशेष आम सभा में शेयरधारकों ने इस कदम को मंजूरी दे दी, और आधिकारिक तौर पर 29 जुलाई को रिकॉर्ड डेट की पुष्टि हुई।

जैसे ही सेबी (Securities and Exchange Board of India) ने T+1 सेटलमेंट नियम लागू किया, निवेशकों को स्पष्ट समझ आया कि सिर्फ शाम 7 अगस्त तक शेयरों को डेमैट में रखना ही पर्याप्त है।

बोनस इश्यू का विवरण

इश्यू के तहत हर एक शेयरधारक को उसी संख्या में एक मुफ्त शेयर मिलेगा – इसलिए कुल जारी शेयरों की संख्या दोगुनी हो जाएगी। अगर आपके पास 150 शेयर हैं, तो बोनस के बाद आपके पास 300 शेयर हो जाएंगे, जबकि निवेश की कुल राशि वही रहेगी। शेयर की कीमत स्वाभाविक रूप से आधी हो जाएगी; उदाहरण के तौर पर, अगर बोनस से पहले कीमत ₹2,241 थी, तो बोनस के बाद यह लगभग ₹1,120.5 तक घट जाएगी।

  • कट‑ऑफ़ डेट: गुरुवार, 7 अगस्त 2025 (शेयर‑ऑन‑रिकॉर्ड)
  • रिकॉर्ड डेट: शुक्रवार, 8 अगस्त 2025
  • एक्स‑डेट: 8 अगस्त 2025 (बोनस पाने के लिये शेयर को इस दिन तक रखिए)
  • बोनस शेयरों का डेमैट में एंट्री: 2‑3 व्यावसायिक दिनों में

यहां तक कि लाईफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) भी इस इश्यू से फायदा उठाएगा। LIC के पास 4,50,33,003 शेयर (4.67 % शेयर‑होल्डिंग) हैं, और बोनस के बाद उनका हॉल्डिंग दो गुना, यानी 9,00,66,006 शेयर हो जाएगा।

शेयरधारकों की प्रतिक्रिया

शेयरधारकों ने आम तौर पर इस कदम को सकारात्मक देखा। एक छोटी लिस्टेड फर्म की सीईओ, रैनबीर कौर, ने कहा, “बोनस शेयरों से छोटे निवेशकों को प्रवेश आसान हो जाता है, और यह कंपनी के प्रति विश्वास भी दिखाता है।” इस बीच, कई बड़े संस्थागत निवेशकों ने अभी तक सार्वजनिक बयान नहीं दिया, पर बाजार डेटा से पता चलता है कि बोनस घोषणा के बाद नेस्ले का स्टॉक 3 % से 5 % तक ऊपर गया।

एक खुदरा निवेशक, राजेश गुप्ता (सत्रा, बिहार) ने बताया, “मैंने 50 शेयर रखे थे, बोनस से अब मेरे पास 100 शेयर हैं, और अब मैं छोटे-छोटे मित्रों को भी शेयर बेच सकता हूँ।”

बाजार पर प्रभाव और विशेषज्ञ विश्लेषण

वित्तीय विश्लेषकों का मानना है कि बोनस शेयर कंपनी की मूलभूत क्षमता को नहीं बदलते, पर तरलता बढ़ाते हैं। अभिषेक जैन, जो क्रेडिट सुइस इंडिया के वरिष्ठ विश्लेषक हैं, का कहना है, “बोनस इश्यू का मुख्य मकसद उच्च शेयर‑भाव वाले स्टॉक्स को छोटे निवेशकों के लिये सुलभ बनाना है। नेस्ले का वर्तमान शेयर‑भाव लगभग ₹2,200 है, जो कई समान‑सेक्टर कंपनियों से अधिक है। बोनस के बाद प्रभावी कीमत लगभग ₹1,100 हो जाएगी, जिससे रिटेल सेक्टर में खरीद‑समर्था बढ़ेगी।”

दूसरी ओर, कुछ विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि केवल बोनस के कारण शेयर‑कीमत में स्थायी वृद्धि नहीं होगी। “बोनस शेयर केवल एक तकनीकी कदम है; अगर कंपनी की आय‑गति नहीं सुधरेगी तो लंबी अवधि में स्टॉक की रिटर्न पर असर पड़ेगा,” जैन ने आगे कहा।

आगे क्या हो सकता है?

भविष्य की दृष्टि में नेस्ले के प्रबंधन ने संकेत दिया है कि कंपनी नई उत्पाद‑लाइन और लागत‑स्मार्टिंग उपायों के साथ लाभ‑प्रदता में सुधार लाने की दिशा में काम कर रही है। यदि Q2‑FY26 में टॉप‑लाइन मजबूत होती है, तो निवेशकों को बोनस के बाद मिलने वाली किफायती कीमत का पूरा फायदा मिल सकता है।

वहीं, निवेशकों को याद रखना चाहिए कि बोनस शेयरों से कुल मार्केट‑कैपिटल नहीं बदलता; इसलिए, निवेश का मूलभूत जोखिम वही रहता है। यह कदम केवल शेयर‑कीमत को आधा करके अधिक लोगों को स्टॉक रखने का अवसर देता है।

मुख्य तथ्य

  • पहली बार नेस्ले इंडिया द्वारा 1:1 बोनस शेयर जारी
  • रिकॉर्ड डेट: 8 अगस्त 2025, कट‑ऑफ़ डेट: 7 अगस्त 2025
  • LIC को 4,50,33,003 बोनस शेयर मिलेंगे
  • बोनस शेयर 2‑3 कार्य दिवसों में डेमैट में क्रेडिट होंगे
  • सीमा‑भाव लगभग 50 % घटेगा, कुल निवेश मूल्य स्थिर रहेगा

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

बोनस शेयर कौन‑कौन से निवेशकों को मिलेंगे?

सभी वे शेयरधारक जिनके पास 7 अगस्त 2025 तक नेस्ले इंडिया के पूरी तरह से भुगतान‑शुदा शेयर थे, उन्हें बोनस मिलेगा। इसमें डेमैट और फिजिकल दोनों स्वरूप के शेयर शामिल हैं, बशर्ते वे रिकॉर्ड डेट पर नामांकित हों।

बोनस मिलने के बाद शेयर‑कीमत में क्या बदलाव होगा?

बोनस के कारण शेयर‑कीमत लगभग आधी हो जाएगी। उदाहरण के लिए, यदि बोनस से पहले कीमत ₹2,241 थी, तो बोनस के बाद कीमत लगभग ₹1,120.5 तक गिरेगी, जबकि कुल निवेश मूल्य वही रहेगा क्योंकि शेयरों की संख्या दोगुनी हो जाएगी।

LIC को इस बोनस से कितना फायदा होगा?

LIC के पास 4,50,33,003 शेयर थे, यानी 4.67 % हिस्सेदारी। बोनस के बाद यह संख्या दो गुना, यानी 9,00,66,006 शेयर हो जाएगी, जिससे उनकी कुल हिस्सेदारी मूल्य में बदलाव नहीं आएगा, पर शेयरों की संख्या बढ़ेगी।

बोनस शेयर कब तक डेमैट में क्रेडिट होंगे?

रिकॉर्ड डेट (8 अगस्त 2025) के 2‑3 व्यावसायिक दिनों के भीतर बोनस शेयर डिमैट में जमा हो जाएंगे, जिससे निवेशक तुरंत ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं।

क्या बोनस शेयर कंपनी की वित्तीय स्थिति को बदलेंगे?

बोनस शेयर केवल शेयर‑संख्या बढ़ाते हैं, पर कंपनी की मूलभूत आय या लाभ पर सीधा असर नहीं पड़ता। इसलिए निवेशकों को कंपनी की आय‑वृद्धि और लागत‑प्रबंधन पर नज़र रखनी चाहिए, क्योंकि वही दीर्घ‑कालिक संभावनाओं को तय करेगा।

1 Comment

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    Parth Kaushal

    अक्तूबर 16, 2025 AT 22:44

    नेस्ले इंडिया ने बोनस शेयर जारी किया, यह खबर बाजार में हलचल मचा देती है।
    कंपनी का यह कदम शेयरधारकों को दो गुना शेयर देने का वादा करता है, जिससे कई निवेशकों की आँखों में चमक आती है।
    हालांकि लाभ के आँकड़े गिरते दिख रहे हैं, लेकिन बोनस एक भरोसे का संकेत माना जाता है।
    रिकॉर्ड डेट के बाद शेयरों की संख्या दोगुनी हो जाएगी, फिर भी कुल निवेश राशि वही रहेगी।
    इससे शेयर की कीमत आधी हो जाएगी, लेकिन पोर्टफोलियो का आकार बढ़ जाएगा।
    छोटे निवेशकों के लिये यह एक अवसर है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या यह स्थायी मूल्य वृद्धि लाएगा।
    विशेषज्ञों का कहना है कि बोनस सिर्फ एक तकनीकी कदम है, असली मापदंड कंपनी की आय वृद्धि है।
    यदि नेस्ले की राजस्व में सुधार नहीं होता, तो बोनस का प्रभाव क्षणिक रह सकता है।
    LIC जैसे बड़े संस्थागत निवेशकों को भी समान मात्रा में बोनस मिलेगा, जिससे उनकी हिस्सेदारी दो गुना हो जाएगी।
    इस गति से बाजार में संकेत मिलता है कि कंपनी निवेशकों को खुश रखने के लिए सभी संभव प्रयास कर रही है।
    कुछ शेयरधारक इसे एक सकारात्मक कदम के रूप में देख रहे हैं, जबकि अन्य इसे अस्थायी प्रलोभन मानते हैं।
    बोनस शेयरों से शेयरधारकों की कुल पूंजी में कोई बदलाव नहीं होता, केवल संख्या बदलती है।
    निवेशकों को अभी भी कंपनी की बुनियादी वित्तीय स्थितियों पर ध्यान देना चाहिए।
    अंततः, यह बोनस शेयर एक रणनीतिक चाल है, जिसका दीर्घकालिक प्रभाव अभी अनजाने में है।
    आगे देखना होगा कि इस अतिरिक्त शेयरों की उपलब्धता ट्रेडिंग वॉल्यूम को कैसे प्रभावित करती है।

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