केरल लॉटरी में 1 करोड़ का इनाम: स्त्री शक्ति SS-486 के विजेता सामने

केरल लॉटरी में 1 करोड़ का इनाम: स्त्री शक्ति SS-486 के विजेता सामने

Saniya Shah 24 सित॰ 2025

ड्रॉ की मुख्य जानकारी

कर्मचाऱियों और आम लोगों के बीच हमेशा से केरल लॉटरी का जहाँगा है, और इस बार 23 सितंबर को थिरुवनंतपुरम के गॉर्की भवन में आयोजित स्त्री शक्ति SS-486 ड्रॉ ने फिर से चर्चा खींची। दोपहर 3 बजे के समय पर आयोजित इस लॉटरी में कुल 9 वर्गों में इनाम बांटे गए। सबसे बड़ा इनाम – प्रथम पुरस्कार – 1 करोड़ रुपये का, जिसे एक भाग्यशाली खिलाड़ी ने अपने टिकट पर जाँच कर पाया। द्वितीय पुरस्कार 30 लाख रुपये और तृतीय पुरस्कार 5 लाख रुपये की राशि के साथ आए।

इनके अलावा, छोटे-छोटे इनाम भी मौजूद थे: चार हजार से लेकर सौ रुपये तक के पुरस्कार विभिन्न स्तरों में वितरित हुए। विशेष रूप से, पाँच हज़ार रुपये के कंसॉलिडेशन इनाम कई भाग्यशाली लोगों को मिले, जिससे ड्रॉ की लोकप्रियता और भी बढ़ी।

  • प्रथम पुरस्कार: ₹1 करोड़
  • द्वितीय पुरस्कार: ₹30 लाख
  • तृतीय पुरस्कार: ₹5 लाख
  • कंसॉलिडेशन: ₹5,000 (कई विजेताओं को)
  • चौथा पुरस्कार: ₹5,000
  • पाँचवाँ पुरस्कार: ₹2,000
  • छठा पुरस्कार: ₹1,000
  • सातवाँ पुरस्कार: ₹500
  • आठवाँ पुरस्कार: ₹200
  • नवाँ पुरस्कार: ₹100
पुरस्कार दावा प्रक्रिया और भविष्य के ड्रॉ

पुरस्कार दावा प्रक्रिया और भविष्य के ड्रॉ

इनाम पाने के लिए कैसे आगे बढ़ना है, यह विभाग ने स्पष्ट रूप से बताया। पाँच हजार रुपये या उससे कम के इनाम के लिये विजेता किसी भी अधिकृत लॉटरी शॉप से सीधे अपना इनाम ले सकते हैं। लेकिन पाँच हजार रुपये से अधिक के इनाम के मामले में, विजेताओं को अपने टिकट के साथ पासपोर्ट साइज फोटो, पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन आदि) और आवश्यक फॉर्म को जमा कर निर्धारित बैंकों या सरकारी लॉटरी कार्यालयों में जाना होगा।

एक महत्वपूर्ण नियम है कि सभी जीतने वाले टिकट को ड्रॉ की तिथि से 90 दिनों के भीतर जमा करना अनिवार्य है, नहीं तो इनाम रद्द हो सकता है। विभाग ने यह भी कहा कि सरकार के गजट में प्रकाशित परिणामों के खिलाफ टिकट की जाँच हर जीतने वाले को करनी चाहिए।

पुरस्कार राशि पर 30% टैक्स काटा जाता है, जबकि एजेंटों को 10% कमीशन मिलता है। यह नियम पारदर्शिता और राज्य की आय को सुनिश्चित करने के लिए रखा गया है। साथ ही, ऑनलाइन टिकट बेचने पर विभाग ने कड़ी चेतावनी दी है – ऐसे प्लेटफ़ॉर्म से खरीदे गये टिकट अधिनियम के तहत अवैध माने जाएँगे और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

आगे देखते हुए, अगले ड्रॉ का कोड SS-487 तय हो चुका है और यह 30 सितंबर को वही गॉर्की भवन, थिरुवनंतपुरम में आयोजित किया जाएगा। विभाग ने कहा कि साप्ताहिक ड्रॉ का यह क्रम जारी रहेगा, जो न केवल खेल-मनोरंजन का साधन है, बल्कि राज्य की वित्तीय योजना में भी योगदान देता है।

10 टिप्पणि

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    jitendra vishwakarma

    सितंबर 24, 2025 AT 02:33

    वो लॉटरी जीतना बड़ा कू्ल है।

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    Ira Indeikina

    सितंबर 24, 2025 AT 04:13

    जिंदगी भी एक लॉटरी जैसी होती है, जहाँ हर टिकट में अनजान संभावनाएँ छिपी होती हैं। कभी‑कभी वही छोटा सा नंबर आपके भाग्य को मोड़ देता है, और यही रोमांच हमें आगे बढ़ाता है। लेकिन याद रहे, बड़ी जीत के पीछे जिम्मेदारी भी आती है, क्योंकि पैसा आसानी से नहीं रहना चाहिए।

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    Shashikiran R

    सितंबर 24, 2025 AT 05:36

    ये सब जुआ है, धर्ति पर इंसान को मेहनत से कमाया पैसा ही सही है, लॉटरी जैसे सौभाग्य‑संधि में भरोसा करना नैतिकता के खिलाफ है। अगर हर कोई तुरंत अमीर बनना चाहता है, तो समाज की बुनियाद ध्वस्त हो जाएगी।

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    SURAJ ASHISH

    सितंबर 24, 2025 AT 07:00

    बोर्डरलाइन पर ही ये लॉटरी चलती है, फायदे की बात नहीं।

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    PARVINDER DHILLON

    सितंबर 24, 2025 AT 08:23

    मैं समझता हूँ कि लॉटरी से कई लोग आशा पाते हैं, पर हमें यह भी याद रखना चाहिए कि खुशी सिर्फ़ पैसा नहीं, बल्कि सामुदायिक समर्थन से आती है 😊🙏

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    Nilanjan Banerjee

    सितंबर 24, 2025 AT 09:46

    केरल लॉटरी का इतिहास हमेशा से ही जनता के बीच चर्चा का केंद्र रहा है।
    इस बार का SS‑486 ड्रॉ विशेष रूप से "स्त्री शक्ति" थीम पर आयोजित किया गया, जो महिलाओं को प्रोत्साहन देने का एक संकेत है।
    प्रथम पुरस्कार के रूप में एक करोड़ रुपये की बड़ी रकम घोषित की गई, जो कई लोगों के सपनों को नए सिरे से आकार दे सकती है।
    द्वितीय और तृतीय पुरस्कार क्रमशः तीस लाख और पांच लाख रुपये के स्तर पर हैं, जो मध्यम वर्ग के कई परिवारों के लिए आर्थिक राहत प्रदान कर सकते हैं।
    कंसॉलिडेशन इनाम की व्यवस्था भी उपभोक्ताओं को छोटे‑छोटे अवसर प्रदान करती है, जिससे लॉटरी की पहुंच व्यापक बनती है।
    इनाम का दावा करने की प्रक्रिया स्पष्ट रूप से निर्धारित है, जिससे वैधता और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
    पाँच हजार रुपये से अधिक के इनाम के लिए पासपोर्ट साइज फोटो, पहचान पत्र और आवश्यक फॉर्म जमा करना आवश्यक है, यह कदम धोखाधड़ी को रोकता है।
    90 दिनों की सीमा के भीतर टिकट जमा न करने पर इनाम रद्द हो सकता है, जो समयबद्धता की महत्ता दर्शाता है।
    टैक्स में 30% कटौती और एजेंट को 10% कमीशन दिया जाता है, जिससे राज्य की आय में योगदान मिलता है।
    सरकार ने ऑनलाइन टिकट बेचने पर कड़ी चेतावनी जारी की है, यह जानकारी डिजिटल युग में धोखाधड़ी से बचाव के लिए आवश्यक है।
    आगे के ड्रॉ की तिथि पहले ही निर्धारित हो चुकी है, जिससे जनता को आशा का दीपक जलता रहेगा।
    इन सभी पहलुओं को दृष्टिगत रखते हुए, लॉटरी न केवल मनोरंजन का साधन है बल्कि राज्य की आर्थिक योजना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
    हालांकि, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि सच्ची समृद्धि केवल धन से नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और विकास से आती है।
    अतः लॉटरी के प्रशंसकों को यह समझना चाहिए कि भाग्य के साथ जिम्मेदारी भी आती है।
    अगर हम इस प्रणाली को सही दिशा में उपयोग करें, तो यह जनजीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है।
    समापन में, लॉटरी को एक साधन मानते हुए, हम सामाजिक और आर्थिक दोनों ही स्तर पर संतुलन बनाए रखने का प्रयास करें।

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    sri surahno

    सितंबर 24, 2025 AT 11:10

    सरकार की घोषणा अक्सर आधा‑हीँ सच होती है; लॉटरी के आँकड़ों में छिपे हुए असमानताएँ सार्वजनिक नहीं की जातीं। इस पर खुलासा होना चाहिए कि कौन‑कौन लाभार्थी बनते हैं और क्या धन वास्तव में सामाजिक कल्याण में उपयोग हो रहा है।

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    Varun Kumar

    सितंबर 24, 2025 AT 12:33

    देश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में लॉटरी जैसी पहलों को समर्थन देना चाहिए।

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    Madhu Murthi

    सितंबर 24, 2025 AT 13:56

    भाई, ये लॉटरी हमारी राष्ट्रीय शक्ति को दिखाने का तरीका है! 🚩💪

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    Amrinder Kahlon

    सितंबर 24, 2025 AT 15:20

    ओह, फिर से एक करोड़ जैसा बड़ा इनाम आ गया, जैसे हर साल यही सीन दोहराया जाता है। लोग ऐसे तोड़‑फोड़ के साथ अपने सपने देखते हैं, पर असली जीत तो रोज़मर्रा की छोटी‑छोटी खुशियों में है।

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