कांग्रेस के रमेशवर दूडी को गंभीर ब्रेन हेमरेज पर मेडँटा, गुड़गाँव में भर्ती

कांग्रेस के रमेशवर दूडी को गंभीर ब्रेन हेमरेज पर मेडँटा, गुड़गाँव में भर्ती

Saniya Shah 5 अक्तू॰ 2025

जब रमेशवर लाल दूडी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता को ब्रेन हेमरेज का सघन शॉक आया, तो राजस्थान की राजनीति एक क्षणिक ठहराव में डाल दी गई। 64 वर्षीया दूडी को 28 अगस्त 2023 को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में आपातकालीन न्यूरोसर्जरी करके फिर भी हालत ख़तरे में रहने के कारण गुरुग्राम के Medanta अस्पताल में एरलिफ्ट किया गया।

पृष्ठभूमि और प्रारम्भिक संकेत

रमेशवर दूडी, जो पूर्व जन प्रतिनिधि और राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख चेहरों में से एक हैं, दो दिनों पहले ही अपने घर के लिविंग रूम में अचानक सिर में तेज दर्द और उलझन महसूस करने के बाद अस्पताल ले जाया गया। इलाज के बाद डॉक्टरों ने बताया कि मस्तिष्क के दाहिने पक्ष में बड़े पैमाने पर रक्तस्राव हुआ है, जिससे तत्काल सर्जरी जरूरी थी। यह खबर जमीनी स्तर पर तेज़ी से फैल गई, और कई राजनीतिक कर्ता इस पर चिंतित हुए।

आपातकालीन सर्जरी और शुरुआती उपचार

एसएमएस अस्पताल के न्यूरोसर्जरी आईसीयू में कार्यरत एक बहु‑विषयक टीम ने तुरंत ऑपरेटिंग थियेटर में कदम रखा। टीम ने रक्तस्राव को नियंत्रित करने के लिए क्लॉट हटाने की जटिल प्रक्रिया पूरी की और दूडी को वेंटिलेटर पर रखा गया। ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने कहा कि रक्तस्राव की मात्रा बहुत अधिक थी, और मस्तिष्क की कार्यक्षमता पर असर पड़ सकता है।

डॉक्टरों की टिप्पणी के अनुसार, "हमने रक्तकेस को हटाने में सफलता पाई है, परन्तु न्यूरोलॉजिकल स्थिति अभी भी असुरक्षित है। आगे के उपचार के लिए हमें अधिक उन्नत सुविधा की जरूरत होगी।" यह बयान तत्काल मीडिया में आया, जिससे जनता में रुचि बढ़ी।

मुख्य निर्णय और एरलिफ्ट प्रक्रिया

राइट‑टाइम में राजस्थान के मुख्यमंत्री आशोक गहलोत ने एसएमएस अस्पताल का दौरा किया। उनके साथ अस्पताल के प्रमुख और दूडी के निजी डॉक्टर भी मौजूद थे। गहलोत ने स्थिति का आंकलन करते हुए कहा, "रमेशवर दूडी को सर्वोच्च चिकित्सा सुविधा प्रदान करना हमारा दायित्व है।" इस चर्चा के बाद राज्य सरकार ने एक ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किया, जिससे एम्बुलेंस बिना ट्रैफिक की बाधा के सीधे जयपुर हवाई अड्डे तक पहुँचा।

भर्ती किए गए एयर एम्बुलेंस ने दूडी को 30‑मिनट में गुड़गाँव के Medanta तक पहुंचाया। एयरक्राफ्ट पर मौजूद न्यूरोसर्जन ने यात्रा के दौरान सतत निगरानी रखी, जिससे अचानक कोई जटिलता उत्पन्न न हो सके। गहलोत की इस तेज‑फैसले ने राजनीतिक समीक्षकों को भी सराहा; कुछ ने इसे "सरकारी तत्परता का उदाहरण" कहा।

राजनीतिक प्रतिवाद और विपक्षी प्रतिक्रिया

भले ही दूडी कांग्रेस पार्टी से थे, भाजपा के वरिष्ठ नेता सतीश पूनिया ने भी इस स्थिति में अपने सहानुभूति जताई। पूनिया ने एसएमएस अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट, डॉक्टरों और दूडी के परिवार से मिलकर "हम सब एक ही मानवता के हिस्से हैं" कहा। यह उल्लेखनीय है कि विपक्षी पक्ष ने इस अवसर को राजनीति से दूर रखकर मानवीय भावनाओं पर ज़ोर दिया।

कांग्रेस ने भी दूडी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और राज्य सरकार की सहायता के लिए धन्यवाद किया। इस पर राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा, "यह मामला अंतर‑पार्टी सहयोग का एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण उदाहरण है, जो अक्सर चुनावी दांवपेंच में नहीं दिखता।"

स्वास्थ्य प्रणाली में चुनौतियाँ

दूडी के केस ने सरकारी अस्पतालों में जटिल न्यूरोलॉजिकल आपातकालीन उपचार की क्षमता पर सवाल उठाए। कई विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी स्थितियों में निजी हायर‑टेक अस्पतालों पर निर्भरता अनिवार्य हो रही है। एक हेल्थ‑पॉलिसी विशेषज्ञ ने कहा, "सरकारी अस्पतालों में अत्याधुनिक MRI, एन्डॉवेसिक सर्जरी और निरंतर इंटेंसिवケयर यूनिट की कमी ने निजी संस्थानों को विकल्प बना दिया है।"

इसी क्रम में राजस्थान सरकार ने इस घटना के बाद आपातकालीन न्यूरोसर्जरी के लिए अतिरिक्त फंडिंग की घोषणा की है, लेकिन यह सवाल अभी भी बना है कि क्या इस फंडिंग से तुरंत परिवर्तन आएगा।

आगे का मार्ग और संभावित परिणाम

Medanta अस्पताल में दूडी को अब अत्याधुनिक न्यूरोसर्जिकल देखभाल मिल रही है। अस्पताल के प्रमुख ने कहा, "हमने पहले ही दाईं ओर के मस्तिष्क क्षेत्र में दोहरी स्टीरियोटैक्सिक सर्जरी की योजना बना ली है, जिससे न्यूरोफंक्शन को बचाया जा सके।" इस प्रकार, दूडी की भविष्य की स्वास्थ्य स्थिति कई कारकों पर निर्भर करेगी—सर्जरी की सफलता, पुनर्वास की गुणवत्ता, और उम्र‑संबंधी रोग प्रतिरोधक क्षमता।

राजनीतिक तौर पर, यदि दूडी शीघ्र स्वस्थ होते हैं, तो यह कांग्रेस के लिए एक भावनात्मक जीत बन सकता है। वहीं, अगर स्थिति बिगड़ती है, तो विरोधी पक्ष इस बात का उपयोग कर सकता है कि सरकार ने बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को उजागर किया है।

मुख्य तथ्य

  • रमेशवर लाल दूडी को 28 अगस्त 2023 को जयपुर के एसएमएस अस्पताल से गुड़गाँव के Medanta अस्पताल में एरलिफ्ट किया गया।
  • मुख्य कारण: गंभीर ब्रेन हेमरेज, जिसके कारण तत्काल न्यूरोसर्जरी आवश्यक थी।
  • राज्य के मुख्यमंत्री आशोक गहलोत ने ग्रीन कॉरिडोर स्थापित कर एरलिफ्ट की प्रक्रिया तेज़ की।
  • भाजपा के सतीश पूनिया ने भी दूडी के स्वास्थ्य प्रति अपनी चिंता व्यक्त की।
  • यह घटना सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं की न्यूरोलॉजिकल आपातकालीन क्षमता पर प्रश्न उठाती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

रमेशवर दूडी की तबीयत अभी कैसी है?

वर्तमान में दूडी Medanta अस्पताल के न्यूरोसर्जिकल यूनिट में इंटेंसिव केयर में रखे हैं। डॉक्टरों ने बताया कि सर्जरी के बाद भी न्यूरोलॉजिकल स्थिति अस्थिर है, लेकिन लगातार निगरानी के तहत सुधार के संकेत दिख रहे हैं।

आशोक गहलोत ने इस केस में क्या कदम उठाए?

मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत तौर पर एसएमएस अस्पताल का निरीक्षण किया, डॉक्टरों से विस्तृत चर्चा की और तुरंत ग्रीन कॉरिडोर की सुविधा देकर एरलिफ्ट को संभव बनाया। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अतिरिक्त संसाधन आवंटित किए जाएंगे।

सतीश पूनिया ने इस मामले पर क्या प्रतिक्रिया दी?

भाजपा नेता सतीश पूनिया ने एसएमएस अस्पताल में दूडी के परिवार और उपचार टीम से मुलाकात की, उनकी शीघ्र स्वस्थ होने की कामना जताई और यह कहा कि मानवीय स्तर पर सभी का समर्थन आवश्यक है।

क्या इस घटना से सरकारी अस्पतालों की कमजोरियों का पता चलता है?

विशेषज्ञों ने इस बात को उजागर किया है कि गंभीर न्यूरोलॉजिकल आपातकालीन स्थितियों में सरकारी अस्पतालों में आधुनिक उपकरणों और विशेषज्ञता की कमी है, जिसके कारण रोगी को निजी संस्थानों में रेफ़र करना पड़ता है। यह मुद्दा अब स्वास्थ्य नीति में प्रमुख बन गया है।

भविष्य में ऐसी स्वास्थ्य आपातकालीन स्थितियों से कैसे निपटा जा सकता है?

राज्य सरकार ने कहा है कि न्यूरोसर्जिकल इकाई की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त फंडिंग और ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। साथ ही, सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP) मॉडल के तहत अत्याधुनिक इलाज पहुंचाने की योजना पर काम चल रहा है।

1 Comment

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    Pinki Bhatia

    अक्तूबर 5, 2025 AT 04:48

    रमेशवर जी की जल्दी स्वस्थ होने की कामना करती हूँ।

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