जब अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने 26 सितंबर 2025 को हारीस रऊफ़ पर भड़काऊ हावभाव के लिए 30 प्रतिशत मैच फीस का जुर्माना लगाया, तो पूरे एशिया कप 2025 के माहौल में धड़ाम लगा। साथ ही, साहिबजादा फरहान को चेतावनी देकर इस कार्रवाई को समाप्त कर दिया गया। यह फैसला एशिया कप के सुपर‑चार चरण में 21 सितंबर को भारत‑पाकिस्तान टकराव के दौरान सामने आए विवाद के जवाब में आया, जहाँ दोनों गेंदबाजों के इशारों को ‘आक्रमणात्मक व्यवहार’ माना गया था।
पृष्ठभूमि: एशिया कप 2025 और अंतर्राष्ट्रीय कोड ऑफ़ कंडक्ट
एशिया कप 2025, जिसका उद्घाटन 12 सितंबर को दुबई में हुआ, क्रिकेट के इतिहास में सबसे तनावपूर्ण टूर्नामेंटों में से एक बन गया है। भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार आपसी धाकड़ियों ने पहले ही कई बार अधिकतम दर्शकों को स्टेडियम भर में जमा कर दिया था। ICC के कोड ऑफ़ कंडक्ट के अनुच्छेद‑2.4 के तहत, किसी भी खिलाड़ी को दूसरे देश के दर्शकों का अपमान करने या ‘अश्लील संकेत’ देने पर आर्थिक दंड या चेतावनी जारी की जा सकती है।
विवाद का विकास: 21 सितंबर का अहम् दिन
सुपर‑चार मैच में जब भारत का तेज़ी से बढ़ता रन‑रेट पाकिस्तान के गेंदबाज़ों पर दबाव बना रहा, तभी हारीस रऊफ़ ने भारतीय दर्शकों की ओर ‘गिरते विमान’ का इशारा किया और उंगली से ‘छह शून्य’ का संकेत दिया। इस बीच, साहिबजादा फरहान का जट्टा‑जट्टा सेलिब्रेशन, जिसमें वह अपने हाथ को गोल्फ़ क्लब की तरह घुमाता था, भारतीय टीम के कई खिलाड़ियों को आपत्तिजनक लगा। भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) ने तुरंत ICC को औपचारिक शिकायत दर्ज कराई।
श्रृंखला: ICC की सुनवाई और निर्णय
सुनवाई का प्रबंधन रिची रिचर्डसन ने किया, जो मैच रेफरी के साथ ही ICC एलीट पैनल के सदस्य भी हैं। 26 सितंबर को दुबई में आयोजित श्रोताओं के होटल में दोनों खिलाड़ी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए। उन्होंने लिखित जवाब प्रस्तुत किया, जिसमें रऊफ़ ने कहा कि वह ‘हँसी के लिए इशारा किया’ और फरहान ने तर्क दिया कि ‘ऐसे जश्न कब्रिस्तान में कूदने वाले खिलाड़ी भी कर सकते हैं’।
पैनल ने पाया कि रऊफ़ के इशारे ‘लेवल‑वन ऑफेंस’ की श्रेणी में आते हैं, जिसका अर्थ है चेतावनी या आर्थिक जुर्माना। इसलिए, उसे 30 प्रतिशत की जुरमाना (उसके मैच‑फी $5,000 की 30 % = $1,500) लागू किया गया। फरहान को ‘पहली बार चेतावनी’ दी गई, जिससे कोई अतिरिक्त दंड नहीं लगा।
प्रतिक्रिया: क्रिकेट बोर्डों और खिलाड़ियों की प्रतिक्रियाएँ
PCB (पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड) ने घोषणा की कि वे ‘स्पोर्ट्समैनशिप को बढ़ावा देने के लिये इस निर्णय का स्वागत करते हैं’ और रऊफ़ को ‘भविष्य में अधिक सावधानी बरतने’ का अनुरोध किया। टीम मैनेजर नवीद अकरम चीमा ने कहा, “हम इस दंड को मानेंगे और खिलाड़ियों को अनुशासन के महत्व को समझाएंगे।”
दूसरी ओर, BCCI के प्रवक्ता ने कहा, “हम ICC के इस कदम का समर्थन करते हैं और आशा करते हैं कि यह सभी टीमों को सम्मानजनक खेल की दिशा में प्रेरित करेगा।” सोशल मीडिया पर कई भारतीय प्रशंसकों ने ‘यह तो बहुत देर से आया’ जैसे कमेंट्स किए, जबकि कुछ पाकिस्तान समर्थकों ने ‘हारीस को सजा मिली, ठीक है’ लिखा।
आगे क्या होगा? फाइनल में क्या बदलाव आएंगे?
एशिया कप 2025 का फाइनल 29 सितंबर को दुबई में निर्धारित है, जहाँ भारत‑पाकिस्तान की टकराव फिर से केंद्रीय ध्येय बनेगा। इस दौरान ICC ने बताया कि ‘किसी भी अतिरिक्त उल्लंघन पर कठोर सजा, जिसमें संभावित बैनिंग भी शामिल है, लागू की जा सकती है’। इस वजह से दोनों टीमों के कोच और काबिल खिलाड़ी अब अधिक सतर्क रहेंगे।
व्यापक प्रभाव: अंतर‑राष्ट्रीय खेल राजनीति में इसका स्थान
यह मामला सिर्फ दो खिलाड़ियों की बेतुकी हरकत नहीं, बल्कि अंतर‑राष्ट्रीय खेल में ‘सेंसिटिविटी’ के बुनियादी मुद्दे को उजागर करता है। जब दो प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रों के बीच बड़ी भीड़ इकट्ठी होती है, तो प्रत्येक इशारा राजनीतिक और सामाजिक रूप से बड़े बवाल का कारण बन सकता है। ICC का यह कदम इस बात का संकेत है कि भविष्य में ‘कोड ऑफ़ कंडक्ट’ के उल्लंघन पर तेज़ी से कार्रवाई की जाएगी।
ऐतिहासिक संदर्भ: समान घटनाएं और उनका परिणाम
- 2019 में ऑस्ट्रेलिया‑इंग्लैंड टेस्ट में ‘वेल्ट लाइट’ इशारा करने पर बैन किया गया।
- 2020 में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में ‘हैंड सिग्नल’ विवाद के कारण दो खिलाड़ियों पर आर्थिक दंड लगाया गया।
- 2018 में दक्षिण अफ्रीका में ‘एंटी-रैसिस्ट’ नियम के तहत दो बॉलर पर चेतावनी जारी की गई।
इन उदाहरणों से पता चलता है कि ICC लगातार खिलाड़ियों की ‘अश्लील संकेत’ पर कठोर रुख अपना रहा है। अब हारीस और फरहान को भी इस नियम के तहत पूर्वाग्रहविहीन खेल का संदेश देना होगा।
भविष्य की संभावनाएँ और दिशाएँ
ICC ने सुझाव दिया कि आगामी टूनामेंटों में ‘रैपिड कंडीशन मोनिटरिंग’ के माध्यम से सभी खेलों की लाइव‑फ़ीड का विश्लेषण किया जाएगा। इससे ‘रियल‑टाइम एंटी‑हिंसा उपाय’ लागू किये जा सकेंगे। साथ ही, दोनों बोर्डों ने खिलाड़ी शिक्षा कार्यक्रम में ‘स्पोर्ट्स एथिक’ मॉड्यूल जोड़ने का वादा किया है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
हारीस रऊफ़ को भुगतान किए गए जुर्माने की राशि कितनी है?
हारीस रऊफ़ को उसके मैच‑फी $5,000 का 30 % यानी $1,500 का जुर्माना लागू किया गया है। यह राशि तुरंत उसके बैंक खाते से काट ली जाएगी और ICC के विकास फंड में जमा हो जाएगी।
साहिबजादा फरहान को चेतावनी देना किस प्रकार का असर डालेगा?
चेतावनी का मतलब है कि यदि फरहान आगे किसी भी ‘लेवल‑वन’ या ‘लेवल‑टू’ उल्लंघन करता है, तो उसे सख़्त आर्थिक दंड या संभवतः बैन का सामना करना पड़ सकता है। इस चेतावनी को रोकने के लिये उसे अपने खेल शैली में सुधार करना होगा।
क्या इस कार्रवाई से एशिया कप 2025 के फाइनल पर असर पड़ेगा?
फाइनल अभी भी 29 सितंबर को दुबई में निर्धारित है और दोनों टीमों के मुख्य खिलाड़ी खेलेंगे। लेकिन यदि कोई खिलाड़ी पुनः उल्लंघन करता है तो ICC तुरंत कार्रवाई कर सकता है, जो टीम की रणनीति और खिलाड़ी उपलब्धता को प्रभावित कर सकता है।
ICC ने भविष्य में इस तरह के मामलों को रोकने के लिये क्या कदम बताए?
ICC ने कहा है कि वह रीयल‑टाइम वीडियो मॉनिटरिंग और खिलाड़ी एथिक प्रशिक्षण को अनिवार्य करेगा। साथ ही, किसी भी ‘लेवल‑वन ऑफेंस’ के लिये तुरंत आर्थिक दंड की नीति लागू की जाएगी।
भारत‑पाकिस्तान के बीच इस विवाद का सामाजिक प्रभाव क्या है?
ऐसी घटनाएं दोनों दर्शकों में भावनात्मक ताने‑बाने को उजागर करती हैं। जबकि कुछ लोग इसे मज़ाकिया मानते हैं, कई श्रोतागण इसे राष्ट्र‑सम्मान की उल्लंघन मानते हैं। इस वजह से दोनों देशों के बीच खेल के माध्यम से संवाद को और अधिक संवेदनशील बनाया जा रहा है।
Balaji Srinivasan
सितंबर 29, 2025 AT 19:58ICC ने रऊफ़ को जुर्माना दिया, ये नियमों की सख़्ती को दर्शाता है। ऐसे कदम से भविष्य में खिलाड़ियों को सतर्क रहने की प्रेरणा मिलेगी।
Hariprasath P
सितंबर 30, 2025 AT 01:32यार ये सारा drama बस media का circus है, क्यूँ इतना big deal बनाते हो? ICC का decision तो बस एक paper‑stamp लगते ही है।
ONE AGRI
सितंबर 30, 2025 AT 07:05हारीस रऊफ़ के इशारे ने भारतीय दर्शकों के राष्ट्रीय भावनाओं को चोट पहुंचाई, जो खेल के इतिहास में दुर्लभ है।
एक राष्ट्र के गर्व को असहज करना केवल व्यक्तिगत मज़ाक नहीं, बल्कि अंतरक्रिया में बड़ी संवेदनशीलता की मांग करता है।
ICC का यह कदम इस बात को सिद्ध करता है कि खेल में राष्ट्रभक्ति को जिम्मेदारी के साथ निभाना चाहिए।
जब खिलाड़ी ऐसे संकेत देते हैं, तो वे न केवल अपने प्रतिद्वंद्वी को चुनौती देते हैं, बल्कि व्यापक जनमत को भी प्रभावित करते हैं।
यह घटना हमें याद दिलाती है कि खेल एक सामाजिक मंच है जहाँ प्रत्येक कार्य का सामाजिक प्रभाव होता है।
भारी दबाव वाले मैचों में भी आत्मसंयम आवश्यक है, क्योंकि खुराक का स्वाद वही होता है जो शालीनता में हो।
यह हमें याद दिलाता है कि खेल एक सामाजिक मंच है जहाँ प्रत्येक कार्य का सामाजिक प्रभाव होता है।
साहिबजादा फरहान की जश्न शैली ने भी कई लोगों को असहज किया, पर इसका दंड न देना ICC की लचीलापन दिखाता है।
फिर भी, रऊफ़ को 30% जुर्माना लगा, जिससे अन्य खिलाड़ियों को भी चेतावनी मिलती है।
ऐसे निर्णय भविष्य में खिलाड़ियों को सुदृढ़ बनाते हैं, क्योंकि उन्हें अपने व्यवहार पर विचार करना पड़ेगा।
स्पोर्ट्समैनशिप का मूल सिद्धांत यही है कि प्रतिस्पर्धा में भी सम्मान बना रहे।
अगर हम इस प्रकार के इशारों को बर्दाश्त करेंगे, तो राष्ट्रीय तनाव बढ़ेगा और खेल की खुशी कम होगी।
ICC की नीति स्पष्ट रूप से यह दर्शाती है कि अब ऐसे ‘लेवल‑वन ऑफेंस’ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह भी एक संकेत है कि भविष्य में रीयल‑टाइम मॉनिटरिंग जैसी तकनीकें लागू होंगी।
खिलाड़ियों को अब अपने शारीरिक इशारों पर भी प्रशिक्षण की आवश्यकता है।
देश के प्रति प्रेम दिखाने के कई तरीके हैं, लेकिन उन्हें सभ्य एवं खेल-कूद के माहौल के अनुरूप ही होना चाहिए।
अंततः, इस तरह की सजा से खेल का माहौल शुद्ध और सम्मानजनक बना रहेगा।
Himanshu Sanduja
सितंबर 30, 2025 AT 12:38भाई, ICC की कार्रवाई से खेल की इमानदारी बढ़ेगी, इस तरह के नियम जरूरी हैं
Kiran Singh
सितंबर 30, 2025 AT 18:12रऊफ़ को सजा मिलना चाहिए 👍🏼, इससे सबको सीख मिलेगी
Trupti Jain
सितंबर 30, 2025 AT 23:45प्रतिक्रिया में उल्लेखनीय है कि ICC ने जाँच प्रक्रिया को पारदर्शी बनाते हुए आर्थिक दंड लागू किया, यह अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है।
deepika balodi
अक्तूबर 1, 2025 AT 05:18क्या यह निर्णय भविष्य में और भी कड़ी पाबंदियों का कारण बनेगा?
Priya Patil
अक्तूबर 1, 2025 AT 10:52कोई भी खिलाड़ी जब राष्ट्रीय भावना के साथ खेलता है, तो उसे ज़िम्मेदारी भी साथ लेनी चाहिए। यह याद रखना चाहिए कि क्रीड़ा केवल जीत के लिए नहीं, बल्कि सम्मान के लिए भी है। इस कदम से सभी को एक सकारात्मक संदेश मिलता है।
Rashi Jaiswal
अक्तूबर 1, 2025 AT 16:25हे यार, इको सजा बधोतनी क्यूट, बश्क्ल टीम के सब ने एग्जीक्टेड फील किया। सबझै समझौना बड़ा सवदन ह।
Maneesh Rajput Thakur
अक्तूबर 1, 2025 AT 21:58मैं मानता हूँ कि ICC के इस फैसले के पीछे कुछ बड़े षड्यंत्र छिपे हैं; शायद यह अंतरराष्ट्रीय अभिजात्य संगठनों द्वारा खेल को नियंत्रित करने का नया तरीका है। फिर भी, इस तरह का प्रोसिड्योर एक ओर से सबको डिटर्ड करता है।
Vibhor Jain
अक्तूबर 2, 2025 AT 03:32बिलकुल, ICC का यह कदम सिर्फ कागज़ पर साइनिंग जैसा है; असली बात तो है कि खिलाड़ियों को सच में सुधारना चाहिए।