एडिटी अशोक ने P-29 के बाद जताई वापसी की उम्मीद; लीडिया को ने जीता ओलंपिक गोल्ड

एडिटी अशोक ने P-29 के बाद जताई वापसी की उम्मीद; लीडिया को ने जीता ओलंपिक गोल्ड

Saniya Shah 11 अग॰ 2024

एडिटी अशोक की पेरिस ओलंपिक्स में चुनौतीपूर्ण यात्रा

एडिटी अशोक, जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक्स में मात्र चौथे स्थान पर रहते हुए पदक चूक गई थीं, पेरिस ओलंपिक्स में महिलाओं की गोल्फ प्रतियोगिता में T-29वां स्थान हासिल किया। शनिवार को समाप्त हुई इस प्रतियोगिता में एडिटी ने चार दिनों में 72-71-79-68 का स्कोर बनाया, जिससे उनका कुल स्कोर 2-ओवर 290 रहा। यह टोक्यो ओलंपिक्स में उनके 15-अंडर स्कोर से काफी कम था।

नई ज़ीलैंड की लीडिया को ने इस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडेल जीत लिया, जो उनका तीसरा ओलंपिक पदक है और इससे उन्होंने एलपीजीए हॉल ऑफ फ़ेम में अपनी जगह सुनिश्चित कर ली। तीन साल पहले टोक्यो में एडिटी के चौथे स्थान ने उम्मीदों को बढ़ा दिया था, लेकिन इस बार Le Golf National की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों ने उन्हें पीछे छोड़ दिया।

लीडिया को का असाधारण प्रदर्शन

लीडिया को का इस प्रतियोगिता तक का सफर अत्यंत प्रेरणादायक और धैर्यपूर्ण रहा। उन्होंने एक समय पर पांच शॉट की बढ़त बना ली थी। पहले से ही रियो 2016 और टोक्यो 2021 से एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज पदक जीत चुकी को ने अंतिम होल पर बर्डी स्कोर करके गोल्ड मेडल जीता। उनके अंतिम स्कोर 71 ने उन्हें जर्मनी की एस्टर हेंसलाईट से दो शॉट आगे रखा और चीन की शियु लिन को तीन शॉट पीछे छोड़ते हुए क्रमशः सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल दिलवाया।

तीन राउंड के बाद को नौ-अंडर पार पर स्विटज़रलैंड की मोर्गेन मेट्रॉक्स के साथ शीर्ष पर थीं, जबकि अमेरिकन रोज़ झांग और जापान की मियू यामाशिता सात-अंडर पर तीसरे स्थान पर थीं। लेकिन अंतिम राउंड में काफी नाटक देखने को मिला, जिसमें मेट्रॉक्स पीछे रह गईं और को ने अपनी शांति बनाए रखी।

को ने अपने तीसरे और सातवें होल पर बर्डी स्कोर करके 10-अंडर तक पहुंच गयीं, जिससे उन्होंने बीच के राउंड में चार शॉट की बढ़त बना ली। 13वें होल पर डबल-बोगी के बाद उनका स्कोर थोड़ा घटा, लेकिन उन्होंने जर्मन गोल्फर हेंसलाईट की अंतिम चुनौती को मात देते हुए गोल्ड मेडल हासिल किया।

एडिटी अशोक की प्रतिक्रिया और भविष्य की योजनाएं

अपने प्रदर्शन के बारे में बात करते हुए एडिटी ने कहा,

14 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Santosh Sharma

    अगस्त 11, 2024 AT 23:50

    पेरिस ओलंपिक्स में भारतीय महिला एथलीटों की भागीदारी को देखकर हर भारतीय गर्वित महसूस करता है। एडिटी अशोक का प्रदर्शन उनके दृढ़ संकल्प का प्रतीक है, चाहे परिणाम जैसा भी रहा हो। इस मुकाबले से निकली सीख को अगले पीढ़ी तक पहुँचाना आवश्यक है। आशा है कि भविष्य में भारतीय गोल्फर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और बेहतर प्रदर्शन करेंगे।

  • Image placeholder

    yatharth chandrakar

    अगस्त 12, 2024 AT 00:00

    एडिटी ने 72-71-79-68 का स्कोर बनाया, जो उनके टोक्यो के 15‑अंडर स्कोर से काफी अलग है। यह अंतर मुख्यतः कोर्स की कठिनाई और मौसम की स्थितियों के कारण हो सकता है। भविष्य में प्रशिक्षण में विशिष्ट शॉट‑टाइपिंग पर ध्यान देने से सुधार संभव है।

  • Image placeholder

    Vrushali Prabhu

    अगस्त 12, 2024 AT 00:10

    वाह! लिडिया को का परफॉर्मेंस बेमिसाल था, लेकिन एडिटी का भी उतना ही आकर्षक सीन था। काफ़ी बोरिंग नहीं था, थोड़ा‑थोड़ा थकान भी दिखा। फिर भी कलाकारी देखी और मस्त रह गया। क़ीछु टाइपो हो गया है पर दिमाग में इमेजेस है।

  • Image placeholder

    parlan caem

    अगस्त 12, 2024 AT 00:20

    कोई भी एथलीट इतना बोर नहीं हो सकता जितना एडिटी इस बार दिखा। गोल्फ कोर के साथ लड़ाई में वह पीछे रह गई, दिखावे से ज्यादा सच्चाई नहीं छुपी।

  • Image placeholder

    Mayur Karanjkar

    अगस्त 12, 2024 AT 00:30

    एडिटी की सैंट्रल क्लस्टर पेरिस में स्ट्रेटेजिक एंगेजमेंट की कमी ने परिणाम प्रभावित किया। यह मूल्यांकन एथलेटिक डोमेन्स के अंदर गहराई से समझा जाना चाहिए।

  • Image placeholder

    Sara Khan M

    अगस्त 12, 2024 AT 00:40

    सही तो है, पर थोड़ा बेहतर हो सकता था 😐

  • Image placeholder

    shubham ingale

    अगस्त 12, 2024 AT 00:50

    बहुत बढ़िया खेला, फोकस हाई रखो 😊

  • Image placeholder

    Ajay Ram

    अगस्त 12, 2024 AT 01:00

    पेरिस ओलम्पिक ने एक नया अध्याय लिखा है, जहाँ विविधता और प्रतिस्पर्धा का संगम देखना मिला।
    एडिटी का प्रदर्शन कई तरह की जटिलताओं को दर्शाता है, जैसे कि कोर्स की हवाओं का तीव्र बदलाव और ग्रास की सतह की अनियमितता।
    इसी बीच, लिडिया को ने अपनी तकनीक को परिपूर्ण करके सफ़लता की ओर कदम बढ़ाया, जिससे हीरोइज़्म की परिभाषा पुनः सेट हुई।
    वैश्विक स्तर पर इस तरह के प्रतिस्पर्धी माहौल में, भारतीय एथलीटों को अपने मनोवैज्ञानिक दृढ़ता को भी उतनी ही महत्ता देनी चाहिए जितनी शारीरिक प्रशिक्षण को।
    ऐसे क्षणों में, कोचिंग सत्रों में रणनीतिक विश्लेषण और वीडियो रीप्ले का उपयोग अत्यंत लाभकारक सिद्ध हो सकता है।
    कम्पोज़िशन की विविधता, बॉल की गति, और पिन की स्थिति को समझना खेल को नवनिर्मित स्तर पर ले जाता है।
    इसके अतिरिक्त, स्थानीय जलवायु के अनुसार पोषण और हाइड्रेशन योजना को अनुकूलित करना आवश्यक हो जाता है।
    उपरोक्त पहलुओं पर विशेष ध्यान देकर ही अगले दौर में बेहतर परिणाम की उम्मीद की जा सकती है।
    समग्र रूप में, इस प्रतियोगिता ने यह सिखाया कि निरंतर अभ्यास के साथ-साथ अनुकूलनशीलता भी सफलता की कुंजी है।
    भविष्य में, यदि हम इन सब बिंदुओं को ध्यान में रखें तो भारतीय गोल्फर विश्व मंच पर अपनी पहचान मजबूत कर सकते हैं।
    अंत में, यही कहना चाहूँगा कि प्रतिभा और तैयारी का सही संतुलन ही विजयी परिणाम ला सकता है।

  • Image placeholder

    Dr Nimit Shah

    अगस्त 12, 2024 AT 01:10

    भाई, देखो तो सही, हमारे देश में भी अगर हम इस तरह की ओरिजिनल ट्रेनिंग अपनाएँ तो गोल्फ में धूम मचा देंगे। दोस्ताना अंदाज़ में कहूँ तो, लिडिया का जीतना भारतीय प्रतिस्पर्धा को भी प्रोत्साहित करेगा। आशा है जल्द ही भारत का कोई गोल्फर इस मंच पर अपने नाम को सुनहरा बनाएगा।

  • Image placeholder

    Ketan Shah

    अगस्त 12, 2024 AT 01:20

    गोल्फ कोर्स पर उपयोग किए गए सिमेंट में कुछ गुप्त एजेंट थे, यही कारण हो सकता है कि स्कोर अपेक्षित नहीं रहा। इस मामले में सटीक जांच की जरूरत है, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में कई बार ऐसा ही हुआ है। हमें सतर्क रहना चाहिए।

  • Image placeholder

    Aryan Pawar

    अगस्त 12, 2024 AT 01:30

    बहुत अच्छा प्रयास एडिटी ने किया! लेकिन अगले बार प्लानिंग में थोड़ा सुधार चाहिए। ज़रूर वापसी होगी।

  • Image placeholder

    Shritam Mohanty

    अगस्त 12, 2024 AT 01:40

    वर्तमान ओलम्पिक एजेंडा पूरी तरह से धुंधला है, पृष्ठभूमि में छिपे एलिट समूह की हस्तक्षेप वाली नीति स्पष्ट है। इस खेल को वाकई में दुष्प्रभावित कर रही है। हमें सतर्क रहना चाहिए।

  • Image placeholder

    Anuj Panchal

    अगस्त 12, 2024 AT 01:50

    डॉ. निम्मित के राष्ट्रीयतावादी दृष्टिकोण को समझना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह भारतीय एथलीटों की संभावनाओं को उजागर कर रहे हैं। उनके विचारों से यह स्पष्ट होता है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर हमारी स्थिति को बेहतर बनाने के लिए रणनीतिक सहयोग आवश्यक है। साथ ही, प्रशिक्षण में विज्ञान-आधारित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

  • Image placeholder

    Prakashchander Bhatt

    अगस्त 12, 2024 AT 02:00

    श्री मोहनती की सैद्धांतिक विश्लेषण पर विचार करके हम नई रणनीतियों को अपनाएंगे। आशावादी रहिए, सब ठीक हो जाएगा।

एक टिप्पणी लिखें