भारतीयुडु 2 मूवी समीक्षा: कमल हासन और शंकर की इंडियन 2

भारतीयुडु 2 मूवी समीक्षा: कमल हासन और शंकर की इंडियन 2

मानसी विपरीत 12 जुल॰ 2024

भारतीयुडु 2: प्रतिक्षित फिल्म की समीक्षा

शंकर के निर्देशन में बनी कमल हासन अभिनीत 'भारतीयुडु 2' का इंतजार लंबे समय से किया जा रहा था। यह फिल्म 12 जुलाई, 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई। यह फिल्म भ्रष्टाचार और सामाजिक अन्याय के मुद्दों पर बहुत गहराई से प्रकाश डालती है। कहानी सेनापति नामक स्वतंत्रता सेनानी के ऊपर आधारित है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए वर्षों बाद लौटता है।

फिल्म का प्लॉट और कहानी

फिल्म का कथा बहुत ही सशक्त है। सेनापति, जिसने अपने जीवन का अधिकांश समय भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ युद्ध में बिताया है, अपनी उम्र के बावजूद समाज में व्याप्त इन बुराइयों के खिलाफ लड़ाई जारी रखने के लिए लौटता है। फिल्म की शुरुआत में हम देखते हैं कि कैसे समाज में भ्रष्टाचार ने जड़ें जमा ली हैं और कैसे सामान्य नागरिकों की जिंदगी इससे प्रभावित हो रही है।

मुख्य कलाकारों का प्रदर्शन

कमल हासन ने एक बार फिर अपनी अद्वितीय अभिनय क्षमता का परिचय दिया है। उनकी भूमिका सेनापति के रूप में न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि एक मिसाल भी कायम करती है। सिद्धार्थ, स. ज. सूर्या, बॉबी सिम्हा, समुद्र कनि, और रकुल प्रीत जैसे अनुभवी कलाकारों ने भी अपने किरदारों में जान डाल दी है। खासकर स. ज. सूर्या का नकारात्मक किरदार काफी प्रभावशाली है।

दृश्य और स्टंट

फिल्म की भव्यता और इसके स्टंट्स वास्तव में उल्लेखनीय हैं। शंकर ने हमेशा ही अपनी फिल्मों में उच्च स्तरीय विजुअल इफेक्ट्स और भव्य सेट पर ध्यान दिया है, और 'भारतीयुडु 2' भी इसमें कोई अपवाद नहीं है। यहां तक कि लड़ाई के दृश्य भी इतने वास्तविक लगते हैं कि दर्शक खुद को उसी समय और स्थान पर महसूस करते हैं।

संगीत और बैकग्राउंड स्कोर

ए. आर. रहमान द्वारा रचित संगीत इस फिल्म का एक प्रमुख आकर्षण है। फिल्म के गीत न केवल सुनने में सुखद हैं, बल्कि वे कहानी के साथ बहुत खूबसूरती से मेल खाते हैं। बैकग्राउंड स्कोर भी बहुत प्रभावशाली है, जो फिल्म की कथा को और भी जीवन्त बनाता है।

फिल्म की कमजोरियां

जहां 'भारतीयुडु 2' अपने भव्य दृश्य और स्टंट्स से प्रभावित करती है, वहीं इसके कहानी के भावनात्मक पहलू में कमजोरी दिखाई देती है। दर्शकों के साथ एक सशक्त भावनात्मक जुड़ाव बनाने में फिल्म विफल रहती है। कुछ महत्वपूर्ण दृश्य बिना किसी विशेष प्रभाव के निकल जाते हैं और यह फिल्म की बड़ी कमजोरी है।

सामाजिक संदेश और महत्व

फिल्म का मुख्य मकसद समाज में वर्तमान समस्याओं पर ध्यान आकर्षित करना है। 'भारतीयुडु 2' भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के खिलाफ लड़ने की महत्ता को उजागर करती है। इसमें नागरिकों की जिम्मेदारियों और उनके कर्तव्यों पर भी जोर दिया गया है। शंकर की यह कोशिश सराहनीय है कि उन्होंने ऐसी महत्वपूर्ण समस्या को मुख्य धारा में लाया है।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, 'भारतीयुडु 2' एक भव्य प्रयास है जो भ्रष्टाचार और सामाजिक अन्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को सामने लाती है। हालांकि, यह अपनी भावनात्मक गहराई में थोड़ी कमी छोड़ती है, लेकिन इसके विजुअल्स, संगीत और कलाकारों के प्रदर्शन के कारण यह फिल्म देखने लायक है। यदि आप समाज में व्याप्त बुराइयों के खिलाफ लड़ाई का संदेश समझना चाहते हैं, तो 'भारतीयुडु 2' को एक बार जरूर देखें।

एक टिप्पणी लिखें