हर क्रिकेट प्रेमी के लिए चौथा T20I भारत और इंग्लैंड के बीच एक रोमांचक मुकाबला था। पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेले गए इस मैच में भारत ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। इंग्लैंड के गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के बावजूद, भारत ने एक सशक्त स्कोर खड़ा किया। यह मैच 31 जनवरी, 2025 को खेला गया और भारतीय टीम की ओर से कप्तान हार्दिक पांड्या और शिवम दुबे ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इंग्लैंड ने टॉस जीतकर गेंदबाजी करने का फैसला किया, और यह निर्णय शुरुआत में सही भी प्रतीत हुआ। भारतीय टीम ने जल्दी-जल्दी कुछ विकेट खो दिए, जिससे प्रशंसकों में चिंता की लहर दौड़ गई। लेकिन शिवम दुबे ने अपनी सूझबूझ भरी बल्लेबाजी से भारतीय पारी को संभाला और तेजी से रन बटोरे। हार्दिक पांड्या का बल्ला भी खासा चल निकला और उन्होंने कई अच्छी बाउंड्रीज लगाईं।
इंग्लैंड के गेंदबाजों में सबसे अधिक प्रभावशाली साबित हुए साकिब महमूद, जिन्होंने अपना अनुभव दिखाते हुए 3/35 के आंकड़े के साथ विरोधी टीम को रोकने का प्रयास किया। उनकी धारदार गेंदबाजी ने शुरुआती ओवरों में भारत को दबाव में रखा। हालांकि, भारतीय बल्लेबाजों ने धैर्य रखते हुए 20 ओवरों में 181/9 का स्कोर हासिल किया।
इंग्लैंड की टीम को जीत के लिए 182 रनों का लक्ष्य मिला, जो उनके बल्लेबाजों के लिए एक चुनौती साबित हुआ। हरि ब्रुक ने टीम के लिए 26 गेंदों पर 51 रन बनाये और अंगद वीरता का प्रदर्शन किया। उनके कुछ लोढ़े पर शॉट्स ने दर्शकों को चकित कर दिया, परंतु अंततः उनका प्रयास बेकार रहा। जैसे-जैसे विकेट गिरते गए, इंग्लैंड की टीम दबाव में आ गई और 19.4 ओवर में 166 रन पर सिमट गई।
भारतीय गेंदबाजों में रवि बिश्नोई और हर्षित राणा प्रमुख रहे, जिन्होंने क्रमशः 3/28 और 3/33 के आंकड़े के साथ इंग्लैंड की बल्लेबाजी को ध्वस्त कर दिया। उनकी सटीक गेंदबाजी और विविधताओं ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को सामंजस्य बनाने के लिए संघर्ष करने पर मजबूर कर दिया।
इस जीत ने भारतीय टीम को श्रृंखला में 3-1 की अपराजेय बढ़त दिला दी, जिससे टीम और प्रशंसकों में उत्साह बढ़ गया। पाँचवां और अंतिम T20I अब मुंबई में खेला जाएगा, जो दोनों टीमों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने का अवसर साबित होगा।
मौसम पूरी तरह से खेल के पक्ष में था और पिच ने तेज गेंदबाजों को विशेष सहायता प्रदान की। इन परिस्थितियों में भारतीय टीम ने जिसे असंभव मान लिया गया था, उसे संभव कर दिखाया। टीम इंडिया के इस प्रदर्शन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वे किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं, जब तक गेंद और बल्ला उनके हाथ में होता है।