अरविंद केजरीवाल 2 दिनों में करेंगे दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा

अरविंद केजरीवाल 2 दिनों में करेंगे दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा

मानसी विपरीत 15 सित॰ 2024

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि वे अगले दो दिनों में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। यह फैसला दिल्ली शराब नीति घोटाले में भ्रष्टाचार के आरोप में जमानत मिलने के बाद लिया गया है।

भ्रष्टाचार मामले में जमानत के बाद लिया फैसला

केजरीवाल के इस निर्णय से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। उन्होंने इस कदम को भाजपा की रणनीति का जवाब बताया। केजरीवाल का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विपक्षी मुख्यमंत्रियों को झूठे मामलों में फंसाकर जेल भेजने और राज्यों में अपनी सरकार बनाने का प्रयास कर रही है।

केजरीवाल ने स्पष्ट किया कि उन्होंने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि वह लोकतंत्र की रक्षा करना चाहते हैं। उन्होंने अन्य विपक्षी मुख्यमंत्रियों से अपील की कि वे झूठे आरोपों का सामना करने पर इस्तीफा न दें।

जल्द चुनाव की मांग

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में जल्द चुनाव कराए जाने चाहिए। उन्होंने प्रस्ताव रखा कि विधानसभा चुनाव नवंबर 2024 में महाराष्ट्र चुनाव के साथ कराए जाएं, जो फरवरी 2025 में निर्धारित थे।

जनता से ईमानदारी पर निर्णय लेने की अपील

केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह स्पष्ट किया कि वे आगामी चुनाव में अपनी ईमानदारी पर जनता से निर्णय लेने की अपील करेंगे। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री पद तभी स्वीकार करेंगे जब उन्हें जनता उनकी ईमानदारी पर विश्वास करेगी।

भाजपा का प्रतिक्रिया और आलोचना

भाजपा ने केजरीवाल के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। भाजपा के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने इसे केजरीवाल की छवि सुधरने की कोशिश बताया और कहा कि यह केवल एक 'पीआर स्टंट' है। भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा और वे अपनी पत्नी को नया मुख्यमंत्री बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

आगे क्या?

केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद क्या होगा, इस पर अभी भी संदेह है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि कोई अन्य आम आदमी पार्टी का सदस्य तब तक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करेगा जब तक कि चुनाव नहीं हो जाते। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी राजनीतिक घटनाक्रम कैसे विकसित होते हैं।

विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया

सिर्फ भाजपा ही नहीं, अन्य विपक्षी दलों ने भी केजरीवाल की इस घोषणा पर प्रतिक्रिया दी है। कई विपक्षी नेताओं ने केजरीवाल के निर्णय को प्रजातांत्रिक ढांचे के लिए खतरनाक बताते हुए इसकी आलोचना की है।

देश की राजनीति पर प्रभाव

केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा ने न केवल दिल्ली बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी हलचल मचा दी है। इसे आगामी चुनावों के पहले केजरीवाल की रणनीति के रूप में भी देखा जा सकता है।

निष्कर्ष

अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह उनकी छवि सुधारने का वक्त है या फिर यह वास्तव में लोकतंत्र की रक्षा का कदम है? इसकी सटीकता तो समय ही बताएगा।

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