नई दिल्ली में महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक
नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने हसीना का गर्मजोशी से स्वागत किया। यह बैठक दोनों नेताओं के बीच 2019 के बाद से दसवीं मुलाकात है, जो भारत और बांग्लादेश के बीच मजबूत और बदलते संबंधों का प्रतीक है।
शेख हसीना का स्वागत और सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अधीन न्यू इंडिया की राह पर गाड़ी तेजी से आगे बढ़ रही है, और ऐसे में शेख हसीना की यह यात्रा बहुत अहम समझी जा रही है। शेख हसीना को राष्ट्रपति भवन में एक औपचारिक स्वागत समारोह में सम्मानित किया गया, जहां केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और अन्य मंत्री भी उपस्थित थे।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि
स्वागत समारोह के बाद, शेख हसीना ने राजघाट पर जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह उनके भारत के प्रति गहरे सम्मान और ऐतिहासिक संबंधों का प्रतीक है। उनकी इस श्रद्धांजलि ने भारतीयों के दिलों में एक अलग ही छाप छोड़ी।

भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शेख हसीना ने भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। यह पाइपलाइन दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग को और मजबूत बनाएगी। इसके अलावा, दोनों नेताओं ने वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट जैसे महत्वपूर्ण वर्चुअल शिखर सम्मेलनों में भाग लिया।
बढ़ते भारत-बांग्लादेश संबंध
प्रधानमंत्री शेख हसीना की यह यात्रा नई दिल्ली में नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार के गठन के बाद पहली द्विपक्षीय राज्य यात्रा है। इसका उद्देश्य दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करना है। इस यात्रा के दौरान कई अहम मुद्दे और विकास परियोजनाओं पर चर्चा की गई।
विदेश मंत्री एस जयशंकर का वक्तव्य
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मौके पर भारत-बांग्लादेश के 'करीबी और स्थायी संबंधों' पर जोर दिया। उनकी माने तो, मोदी और हसीना के नेतृत्व में दोनों देशों के बीच संबंधों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। यह यात्रा इन संबंधों को और ऊंचाइयों तक ले जाने की एक और कड़ी है।

नई परियोजनाओं और समझौतों पर चर्चा
बैठक के दौरान ऊर्जा, व्यापार, जल संसाधन, सीमा प्रबंधन और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विस्तृत चर्चा की गई। दोनों पक्षों ने कई नए समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनका उद्देश्य दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है।
भारत-बांग्लादेश मित्रता की मिसाल
इस यात्रा का महत्व इस बात से भी प्रतिपादित होता है कि दोनों देशों के नेताओं ने भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन और अन्य पहलों का उद्घाटन किया। यह दोस्ती और सहयोग की एक नई मिसाल पेश करता है।
भारत-बांग्लादेश व्यापारिक संबंध
भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापारिक संबंध भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। दोनों देश वस्त्र, सूचना प्रौद्योगिकी और कृषि जैसे कई क्षेत्रों में एक दूसरे के प्रमुख साझेदार हैं।
Tejas Srivastava
जून 22, 2024 AT 20:25वाह! क्या शानदार मुलाकात है, मोदी‑ज्यादा और हसीना‑मियाँ, दोनों की दोस्ती की मिठास इस शहर में गूँज रही है!!!
JAYESH DHUMAK
जून 29, 2024 AT 19:05नई दिल्ली में आयोजित इस द्विपक्षीय वार्ता का ऐतिहासिक महत्व कई स्तरों पर विश्लेषित किया जा सकता है। प्रथम, यह भारत‑बांग्लादेश संबंधों की निरंतर वृद्धि को प्रदर्शित करता है, जो 2019 के बाद दसवीं मुलाकात के रूप में दर्ज है। द्वितीय, दोनों नेताओं ने मैत्री पाइपलाइन के उद्घाटन द्वारा ऊर्जा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाया है। तृतीय, व्यापार, कृषि तथा जल संसाधन प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में अनुबंधों पर हस्ताक्षर ने दोनों देशों के आर्थिक बंधन को गहरा किया है। चतुर्थ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के 'न्यू इंडिया' विज़न को बांग्लादेश के साथ साझा किया, जिससे द्विपक्षीय सहयोग की नई संभावनाएँ उभर कर सामने आईं। पंचम, शेख हसीना की भारत‑राष्ट्रपति भवन में आयोजित स्वागत समारोह ने द्विपक्षीय सम्मान की भावना को और प्रबल किया। षष्ठ, महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने से भारतीय इतिहास एवं सांस्कृतिक सम्बंधों को पुनः उजागर किया गया। सप्तम, विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणी ने यह स्पष्ट किया कि यह सहयोगी चरण अभूतपूर्व रूप से स्थायी है। अष्टम, इस बैठक में सीमा प्रबंधन एवं सुरक्षा मामलों पर भी विस्तृत वार्ता हुई, जिससे भविष्य में संभावित तनावों को न्यूनतम रखने की दिशा में योजना बनायी जा सकेगी। नवम, डिजिटल द्विपक्षीय सहयोग के पहलुओं पर भी चर्चा हुई, जो दोनों देशों के युवा वर्ग के लिए अवसर प्रदान करेगी। दशम, इस समिट ने वैश्विक स्तर पर 'वैश्विक दक्षिण' की आवाज़ को सुदृढ़ किया, जिससे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर दोनों देशों की स्थिति मजबूत हुई। ऐकरावन, इन सभी पहलुओं को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि यह वार्ता केवल राजनैतिक नहीं, बल्कि सामाजिक‑आर्थिक स्तर पर भी गहरा प्रभाव डालती है। बारहवाँ, भविष्य में अधिक रीयल‑टाइम सहयोग के लिए एक संयुक्त कार्यसमिति की स्थापना का प्रस्ताव भी रखा गया। तेरहवाँ, इस पहल से दोनों देशों के नागरिकों में आपसी भरोसा और समझ बढ़ेगी। चौदहवाँ, इस प्रकार के उच्च‑स्तरीय संवाद दोनों देशों की नीतियों में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देंगे। पंद्रहवाँ, अंत में यह स्पष्ट है कि इस वार्ता के द्वारा स्थापित बुनियादी ढाँचा आने वाले दशक में भारत‑बांग्लादेश मित्रता की मिसाल बना रहेगा।
Santosh Sharma
जुलाई 6, 2024 AT 17:45देश की प्रगति में हर एक कदम का महत्व होता है, और इस तरह की द्विपक्षीय पहलें हमें एकजुट करती हैं। आशा है कि आगामी परियोजनाएँ भी इसी ऊर्जा और सहयोग से परिपूर्ण हों।
yatharth chandrakar
जुलाई 13, 2024 AT 16:25आपकी बात सही है, लेकिन समय‑समय पर व्यावहारिक चुनौतियों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
Vrushali Prabhu
जुलाई 20, 2024 AT 15:05वाह भाई, इस मीटिंग ने तो सारा माहौल मस्त बना दिया! एकदम दादामुन्ना चल्के वगैइया, देखो तो सही! 👀 (टाइपो देख लो?)
parlan caem
जुलाई 27, 2024 AT 13:45सिर्फ समारोह नहीं, असली काम कहाँ है? दिखावा तो बहुत है, लेकिन ठोस परिणामों की कमी स्पष्ट है।
Mayur Karanjkar
अगस्त 3, 2024 AT 12:25दो राष्ट्रों के बीच संबंध एक नदी की तरह हैं-बहते रहना चाहिए, नहीं तो जल जम जाता है।