मोदी 3.0 मंत्रिमंडल से स्मृति ईरानी, अनुराग ठाकुर, नारायण राणे बाहर: नई टीम में कौन हैं शामिल

मोदी 3.0 मंत्रिमंडल से स्मृति ईरानी, अनुराग ठाकुर, नारायण राणे बाहर: नई टीम में कौन हैं शामिल

मानसी विपरीत 10 जून 2024

मोदी 3.0 मंत्रिमंडल से दिग्गजों की विदाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली तीसरी सरकार के मंत्रिमंडल में इस बार कुछ बड़े नामों को जगह नहीं मिली है। इनमें सबसे प्रमुख नाम हैं - स्मृति ईरानी, अनुराग ठाकुर और नारायण राणे। इन तीनों ही नेताओं ने अपने पिछले कार्यकाल में महत्वपूर्ण मंत्रालयों का नेतृत्व किया था और उनकी लोकप्रियता भी किसी से कम नहीं थी।

स्मृति ईरानी: एक विरोधाभास की कहानी

स्मृति ईरानी ने पिछली मोदी सरकार में महिला और बाल विकास मंत्री का पद संभाला था। वह एक समय अमेठी में कांग्रेस के गढ़ समझे जाने वाले क्षेत्र से राहुल गांधी को हराकर सुर्खियों में आई थीं। पाँच साल बाद, उसी अमेठी क्षेत्र से उन्हें कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा ने 1.6 लाख वोटों के अंतर से हराया। यह हार स्मृति ईरानी के राजनीतिक करियर में एक बड़ा झटका है, जो शायद उनके मंत्रिमंडल में स्थान न मिलने का एक मुख्य कारण हो सकता है।

अनुराग ठाकुर: हिमाचली योद्धा का संघर्ष

अनुराग ठाकुर, जो हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से सांसद चुने गए थे, पिछली सरकार में खेल और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय संभाल रहे थे। उनके नेतृत्व में भारतीय खेल में कई सुधार हुए और उन्हें अपने मजबूत विचारों और साफ-सुथरे कार्यप्रणाली के लिए जाना जाता था। फिर भी, मोदी 3.0 कैबिनेट में उनकी अनुपस्थिति ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।

नारायण राणे: महाराष्ट्र के दिग्गज

नारायण राणे, जो महाराष्ट्र के रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग से सांसद हैं, पिछली सरकार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री थे। उनकी प्रदेश की राजनीति में अच्छी पकड़ थी और उन्होंने महाराष्ट्र में भाजपा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी जगह नई कैबिनेट में नहीं मिलने से महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण भी बदल सकते हैं।

नई कैबिनेट: अनुभव और युवा जोश का मिक्स

नई कैबिनेट: अनुभव और युवा जोश का मिक्स

नई कैबिनेट के गठन में भाजपा ने कई अनुभवी और प्रमुख नेताओं को शामिल किया है। इसमें अमित शाह, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण, एस जयशंकर, नितिन गडकरी, मनसुख मंडाविया, पीयूष गोयल, अश्विनी वैष्णव, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव जैसे नाम शामिल हैं।

इसके अलावा, प्रह्लाद जोशी, किरेन रिजिजू, सीआर पाटील, एल मुरुगन, हरदीप पुरी, एमएल खट्टर और शिवराज चौहान जैसे नेताओं के नाम भी शामिल हैं। इनमें से कई नेताओं का पहले से ही भाजपा और एनडीए के साथ गहरा नाता रहा है और ये सभी अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत पकड़ रखते हैं।

एनडीए के सहयोगी दलों के प्रमुख नेता

नई कैबिनेट में एनडीए के सहयोगी दलों के भी प्रमुख नेता शामिल किए गए हैं। इनमें एचडी कुमारस्वामी, जयंत चौधरी, प्रताप जाधव, राम मोहन नायडू, सुदेश महतो और लल्लन सिंह जैसे नेताओं के नाम प्रमुख हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि एनडीए ने अपने सभी प्रमुख सहयोगियों को भी संतुष्ट किया है और उनके नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी हैं।

सम्पूर्णता में देखने पर

सम्पूर्णता में देखने पर

नई कैबिनेट के गठन से यह स्पष्ट होता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अनुभव और युवा जोश का मेल रखने की कोशिश की है। कुछ प्रमुख नामों को कैबिनेट से बाहर करने का निर्णय शायद उनके प्रदर्शन और राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए लिया गया हो। इसके साथ ही, नए चेहरों को मौका देने से यह संकेत भी मिलता है कि भाजपा अपने विचारधारा और नवाचारों के प्रति प्रतिबद्ध है।

आने वाले समय में यह देखना रोचक होगा कि नए मंत्रिमंडल के सदस्य अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को किस प्रकार निभाते हैं और देश को किस दिशा में ले जाते हैं। यह भी देखना दिलचस्प होगा कि स्मृति ईरानी, अनुराग ठाकुर और नारायण राणे जैसे वरिष्ठ नेता अपने राजनीतिक जीवन में आगे क्या कदम उठाते हैं।

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