किर्गिस्तान में पढ़ रहे भारतीय छात्र इन दिनों स्थानीय लोगों द्वारा भेजे जा रहे नफरत भरे संदेशों और हमलों का सामना कर रहे हैं। टिकटॉक पर नफरत फैलाने वाले संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं और भीड़ को अंतरराष्ट्रीय छात्रों, विशेष रूप से भारत और पाकिस्तान के छात्रों पर हमला करने के लिए उकसाया जा रहा है।
यह स्थिति 17 मई को शुरू हुई जब स्थानीय किर्गिस्तान और मिस्र के छात्रों के बीच एक झड़प हुई थी। इसके बाद से अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर हमले शुरू हो गए, जिनमें भारत और पाकिस्तान के छात्र मुख्य रूप से निशाना बने हुए हैं। सुरक्षा कारणों से भारत सरकार ने छात्रों को सलाह दी है कि वे अपने आवास से बाहर न निकलें।
छात्र टिकटॉक संदेशों के माध्यम से नियोजित हमलों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगा रहे हैं। भारत में सभी विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट एसोसिएशन ने इस खतरनाक स्थिति पर चिंता व्यक्त की है, जहां सड़कों पर सैकड़ों किर्गिज लोग विदेशियों को निशाना बना रहे हैं।
पाकिस्तानी छात्रों की जान गई, भारतीयों को पीटा गया
रिपोर्टों के मुताबिक, इन हमलों में कुछ पाकिस्तानी छात्रों की जान भी जा चुकी है और भारतीय छात्रों को बुरी तरह पीटा गया है। शुरुआत में मिस्र के छात्रों और किर्गिज स्थानीय लोगों के बीच विवाद था, लेकिन अब यह भारतीयों और पाकिस्तानियों को भी निशाना बना रहा है।
टिकटॉक पर भड़काऊ संदेश वायरल
स्थानीय लोग टिकटॉक पर भड़काऊ संदेश फैला रहे हैं जिससे भीड़ को उकसाया जा रहा है। ये संदेश खासतौर पर भारतीय और पाकिस्तानी छात्रों के खिलाफ नफरत भरे हैं। छात्र इन हमलों के खिलाफ सुरक्षा मांग रहे हैं और भारत सरकार से मदद की अपील कर रहे हैं।
छात्र सुरक्षित स्थानों पर रहने को मजबूर
हालात को देखते हुए छात्रों को सलाह दी गई है कि वे अपने आवास या सुरक्षित स्थानों पर ही रहें और बाहर न निकलें। स्थानीय प्रशासन से भी अपील की गई है कि वे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें।
भारत सरकार से की गई मदद की अपील
भारतीय छात्रों ने भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि वे लगातार खतरे में हैं और उन्हें तत्काल सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। साथ ही, उन्होंने इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की भी मांग की है।
भारत सरकार ने कहा है कि वह छात्रों की सुरक्षा के लिए किर्गिस्तान सरकार के संपर्क में है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और किर्गिस्तान में हमारे दूतावास के माध्यम से छात्रों को हर संभव मदद प्रदान कर रहे हैं। हम किर्गिस्तान सरकार से भी इस मामले को गंभीरता से लेने और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह कर रहे हैं।"
सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने पर रोक जरूरी
यह घटना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नफरत फैलाने और भीड़ को उकसाने के खतरों को भी उजागर करती है। टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ऐसे भड़काऊ और नफरत फैलाने वाले संदेशों पर रोक लगाना बेहद जरूरी है।
सोशल मीडिया कंपनियों को भी इस तरह के संदेशों पर सख्ती से निगरानी रखनी चाहिए और उन्हें तुरंत हटाना चाहिए। साथ ही, उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए जो सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं।
यह स्थिति न केवल छात्रों के लिए बल्कि किर्गिस्तान और भारत के संबंधों के लिए भी चिंताजनक है। उम्मीद की जाती है कि किर्गिस्तान सरकार इस मामले को गंभीरता से लेगी और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाएगी। साथ ही, सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।