Eternal का नेतृत्व परिवर्तन और शेयर बाजार की प्रतिक्रिया
Eternal लिमिटेड के फूड डिलीवरी और ऑर्डरिंग बिजनेस में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। कंपनी ने आदित्य मंगला को नया CEO नियुक्त किया है, जो 6 जुलाई 2025 से अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे। इससे पहले इस पद पर राकेश रंजन थे, जिनका दो साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। रंजन के निकलने की खबर अप्रैल 2025 में आई थी, उसी के बाद से उद्योग जगत में अटकलबाजियां तेज़ हो गई थीं। मंगला, जो अब तक प्रोडक्ट हेड थे, अब कमान संभालेंगे और आने वाले दो साल उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण माने जा रहे हैं।
कंपनी के इंटरनल स्ट्रक्चर की बात करें तो Eternal में टॉप मैनेजमेंट का औसत कार्यकाल 2.9 साल का है, जबकि बोर्ड मेंबर्स करीब 4.3 साल से पद पर बने हुए हैं। CEO दीपिंदर गोयल खुद पिछले 16 वर्षों से (2008 से) कंपनी की कमान संभाले हुए हैं और कंपनी में उनकी हिस्सेदारी करीब 4.08% है।
मार्केट रिएक्शन, Morgan Stanley का भरोसा और आगे की राह
मेनेजमेंट में आये बदलाव का सीधा असर शेयर बाजार पर दिखा। शुक्रवार सुबह 9:16 बजे Eternal के शेयर 0.7% गिरकर ₹259.55 पर ट्रेड हो रहे थे। बाजार में थोड़ी घबराहट देखी गई, लेकिन बड़े इन्वेस्टर्स ने स्थिरता दिखाई। Morgan Stanley जैसी जानी-मानी ब्रोकरेज हाउस ने अपने Eternal शेयर पर भरोसा कायम रखा है। कंपनी ने रेटिंग 'ओवरवेट' बरकरार रखी है और लक्ष्य प्राइस ₹320 पर रखा है। Morgan Stanley का मानना है कि नई लीडरशिप के चलते अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ सकती हैं, लेकिन मंगला का इंटरनल अनुभव (2021 से कंपनी में) कमजोरी नहीं, मजबूती साबित होगा।
कंपनी में CEO दीपिंदर गोयल ने एक इंटरनल कम्युनिकेशन में लिखा, "लीडरशिप सिर्फ यह जानना नहीं कि क्या करना है, बल्कि यह सीखना है कि कैसे देखना है- वह भी जो दिखता नहीं, उसके कारण और परिणाम को।" उनकी इस बात से जाहिर होता है कि Eternal चुनौतियों को समझते हुए दीर्घकालिक रणनीति पर फोकस कर रही है।
फूड डिलीवरी इंडस्ट्री में तेजी से बदलाव होते हैं—यहां ट्रेंड्स बदलते हैं, ग्राहक की प्राथमिकताएं बदलती हैं और कॉम्पिटिशन लगातार तगड़ा होता जा रहा है। मंगला का टेक्नोलॉजी और प्रोडक्ट में गहरा अनुभव Eternal के लिए फायदेमंद हो सकता है। नये CEO से उम्मीद है कि वे कंपनी को नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगे और मार्केट की चुनौतियों का डटकर सामना करेंगे।
- आदित्य मंगला का कंपनी में इंटर्नल ट्रैक रिकॉर्ड मजबूत रहा है।
- राकेश रंजन की दो साल की लीडरशिप के बाद अब नई ऊर्जा का संचार होगा।
- मैनेजमेंट में बदलाव अक्सर शेयर प्राइस पर असर डालता है, लेकिन लंबी अवधि में सही फैसले से कंपनी की वैल्यू बढ़ सकती है।
- 20 से ज्यादा कंपनियों ने Eternal के बिजनेस मॉडल पर रिसर्च की है—फोकस इनोवेशन, डेटा एनालिटिक्स और तेज डिलीवरी पर रहा है।
फिलहाल, इंडस्ट्री में बायर्स और इन्वेस्टर्स दोनों की निगाहें Eternal की अगली चाल पर हैं। देखना होगा कि आदित्य मंगला की लीडरशिप में फूड डिलीवरी सेक्टर में कंपनी की ग्रोथ किस रफ्तार से आगे बढ़ती है।